जानिये कैसे होता है साइबर क्राइम और फ्रॉड

डिजिटल वर्ल्ड में सुविधाओं के साथ-साथ साइबर क्राइम और फ्रॉड के केस लगातार बढ़ रहे हैं। फोन को हैक करके बैंक अकाउंट खाली करने के मामले भी अब सामने आने लगे हैं। ऐसा ही मामला महाराष्ट्र से सामने आया है। एक बिजनेसमेन के स्मार्टफोन को कथित तौर पर हैक करके उसके अकाउंट से करीब 99.50 लाख रुपये उड़ा दिए गए हैं। पुलिस के अनुसार, कथित हैकिंग 6-7 नवंबर के बीच हुई और नेट बैंकिंग के जरिए बिजनेसमेन के बैंक अकाउंट से अन्य अकाउंट्स में पैसा ट्रांसफर किया गया है। बता दें कि हाल ही में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने एक रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश, तेलंगाना के साथ-साथ महाराष्ट्र में साल 2021 में सबसे ज्यादा साइबर क्राइम के मामले देखने मिले हैं।

डार्क वेब क्या है ?

डार्क वेब क्या है? डार्क वेब इंटरनेट का वह हिस्सा है, जिसे सर्च इंजन पर इंडेक्स नहीं किया जाता है। यह इंटरनेट का एक ऐसा हिस्सा है जहां ड्रग्स, बंदूकें और कई तरह की ख़ूफ़िया सूचानएं बिकती हैं। इसे ‘डार्क वेब’ कहते हैं. इंटरनेट सूचनाओं का एक अंतहीन भंडार है. लेकिन ज़्यादातर लोग इसके क़रीब 1% को ही इस्तेमाल करते हैं – यानी ‘सरफेस वेब’ . उसके नीचे, ‘डीप वेब’ में वो डेटा होता है, जिसे आप सर्च करके नहीं ढूंढ सकते। 99% इंटरनेट असल में सुरक्षा की इस परत के नीचे होता है, जो पासवर्ड और दूसरी सुरक्षा के पीछे छिपा होता है.

पुलिस हिरासत में मौत और क़ानून

हिरासत में मौत का अर्थ ? पुलिस हिरासत में किसी अभियुक्त की मौत को ‘हिरासत में मौत’ का मामला माना जाता है। चाहे वह अभियुक्त : रिमांड पर हो या नहीं हो। उसे हिरासत में लिया गया हो या केवल पूछताछ के लिए बुलाया गया हो। उस पर कोई मामला अदालत में लंबित हो या वह सुनवाई की प्रतीक्षा कर रहा हो, पुलिस हिरासत के दौरान आत्महत्या, बीमारी के कारण हुई मौत, हिरासत में लिए जाने के दौरान घायल होने एवं इलाज के दौरान मौत। अपराध कबूल करवाने के लिए पूछताछ के दौरान पिटाई से हुई मौत। सरल शब्दों में कहें तो पुलिस की हिरासत के दौरान अभियुक्त की मौत हो तो उसे ‘हिरासत में मौत’ माना जाता है।

आरोपियों के घर बुलडोजर से गिराना कानूनी है या गैरकानूनी

पिछले कुछ समय से यह देखा जा रहा है कि समाज में अपराधियों के प्रति तुरंत बदले की कार्रवाई करने की भावना बहुत जोर शोर से उठाई जा रही है समाज में यह इच्छा प्रबल हो रही है कि अपराधियों को तुरंत दंड मिले चाहे वह शारीरिक हो या आर्थिक। हैदराबाद में वेटरनरी डॉक्टर के बलात्कार के बाद जलाकर मार डालने के आरोपियों को पुलिस के द्वारा जब उसी मौके पर जांच के लिए ले जाया गया और वहां उन्हें गोली मार दी गई तो जनता ने उन पुलिस अधिकारियों का सम्मान फूल बरसा कर उनकी जय-जयकार के नारे लगाकर किया था।

अगर कोई आपकी अनुमति के बिना वीडियो बना ले तो क्या करें

निजता का अधिकार आज के समय में फोटो और वीडियो बनाना और उन्हें वायरल करना बहुत आसान हो गया है। इससे हमारे निजता के अधिकार और सम्मान के अधिकार के उल्लंघन की संभावनाएं भी बढ़ गई है। आप की सहमति के बिना आपकी तस्वीर वीडियो बनाना किसी भी तरीके से सही नहीं ठहराया जा सकता। प्रत्येक व्यक्ति की एक गरिमा होती है और निजी स्पेस होता है। तो आइए जानते हैं कि अगर कोई व्यक्ति आपका फोटो या वीडियो बना ले या वायरल कर दे तो आपके पास क्या उपाय उपलब्ध है।

वाहन के लिए सारे देश में एक ही नंबर यानी BH सीरीज

BH सीरीज नंबर प्लेट BH सीरीज नंबर प्लेट क्या है? नई नंबर प्लेट का फॉर्मेट पूरी तरह अलग होगा। अभी गाड़ियों पर जो नंबर प्लेट लगी होती है उसका फॉर्मेट राज्यों के हिसाब से होता है। सबसे पहले राज्य, फिर RTO कोड फिर दो अल्फाबेट और आखिर में 4 अंकों का सीरियल नंबर होता है। MP-09-AB-1234 के उदाहरण से समझिए। यहां पर MP का मतलब मध्यप्रदेश, 09 का मतलब RTO कोड इंदौर, AB का मतलब हर राज्य और कॉम्बिनेशन के हिसाब से अलग-अलग होता है। A से लेकर Z तक के अल्फाबेट इसमें हो सकते हैं। और आखिर में 4 अंकों का नंबर जो कि 0001 सो 9999 तक कुछ भी हो सकता है।

सार्वजनिक जगह USB से फोन चार्ज ना करें, बैंक अकाउंट हो सकता है खाली

‘जूस जैकिंग’ सायबर अपराध का नया तरीका जूस जैकिंग क्या है ?** ** चार्जिंग पोर्ट 2 तरह के हो सकते हैं – AC Power Socket – यह सामान्य तौर पर घरों में पाया जाने वाला बिजली का सॉकेट होता है जिसमे एडेप्टर जरूर चार्जिंग केबल द्वारा फोन चार्ज किया जाता है। यह सुरक्षित होता है और इस से कोई डेटा चोरी होने की संभावना नहीं होती। USB तो USB charging point – इसमें डायरेक्ट यूएसबी केबल लगाकर मोबाइल को चार्ज किया जाता है, इस विधि से डाटा भी ट्रांसफर होता है। इसमें मालवेयर या हानिकारक एप्लिकेशन फोन में इंसटाल की जा सकती हैं। मालवेयर (Malware) क्या होते हैं ?

महिलाओं को अबॉर्शन का हक देने का सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

गर्भपात का अधिकार महिलाओं को गर्भपात का अधिकार प्रदान करते हुए उच्चतम न्यायलय का ऐतिहासिक फैसला तारीख 29 सितंबर, साल 2022, को आया है। इस फैसले की अंतर्गत उच्चतम न्यायालय ने महिलाओं के एक बहुत मौलिक अधिकार को कानूनी स्वीकृतिप्रदान कर दी है। इसके अंतर्गत अब अनमैरिड प्रेग्नेंट वुमन यानी बगैर शादी के प्रेग्नेंट हुई महिलाओं को भी अबॉर्शन का अधिकार है। आइए इस ऐतिहासिक फैसले के विभिन्न कानूनीपहलुओं को आसान भाषा में समझते हैं।

क्या पत्नी अपने पति की आय आरटीआई (RTI) से पता कर सकती है ?

सूचना का अधिकार एक पत्नी को पूरा अधिकार है कि वह अपने पति की आय सीधे अपने पति से पूछ सकती है। पति के द्वारा इंकार करने अथवा छिपाने पर सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 में आरटीआई के माध्यम पति की सैलरी की जानकारी प्राप्त कर सकती है। अधिकांश यह उस स्थिति में होता है, जब पति और पत्नी के बीच तलाक का कोई मामला चल रहा हो या भरण पोषण से संबंधित कोई केस पेंडिंग है। ऐसी स्थिति में पत्नी के पास आरटीआई एक सशक्त माध्यम है अपने पति के आय पता करने के लिए, क्योंकि पति की आय के आधार पर ही भरण-पोषण अथवा तलाब से संबंधित कई मामलों या विवादों का निपटारा किया जा सकता है। भरण-पोषण कितना देना होगा इसकी राशि भी पति के आय के स्रोत पर ही निर्भर करती है।

मैच्योरिटी के बाद भी जारी रख सकते हैं PPF अकाउंट

15 साल के मैच्योरिटी पीरियड के बाद 5-5 साल के लिए बढ़ा सकते हैं खाता पीएफ खाते के मैच्योरिटी पर 3 ऑप्शन मिलते हैं – पहला मैच चोटी पर पैसा निकाल कर खाता बंद कर दें दूसरा मैच्योरिटी के बाद प्रेस डिपॉजिट से अकाउंट को आगे बढ़ा सकते हैं तीसरा मैच्योरिटी के बाद बिना किसी पेस्ट पहुंचे भी अकाउंट को आगे बढ़ा सकते हैं PPF पर मिलता है टैक्स छूट का लाभ पीपीएफ EEE की श्रेणी में आती है। यानी योजना में किए गए पूरे निवेश पर आपको टैक्स छूट का लाभ मिलता है। साथ ही इस योजना में निवेश से मिलने वाले ब्याज और निवेश की पूरी राशि पर भी किसी तरह का टैक्स नहीं देना होता। इसमें इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत सालाना 1.