महिलाओं को अबॉर्शन का हक देने का सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला
गर्भपात का अधिकार
महिलाओं को गर्भपात का अधिकार प्रदान करते हुए उच्चतम न्यायलय का ऐतिहासिक फैसला तारीख 29 सितंबर, साल 2022, को आया है।
इस फैसले की अंतर्गत उच्चतम न्यायालय ने महिलाओं के एक बहुत मौलिक अधिकार को कानूनी स्वीकृतिप्रदान कर दी है। इसके अंतर्गत अब अनमैरिड प्रेग्नेंट वुमन यानी बगैर शादी के प्रेग्नेंट हुई महिलाओं को भी अबॉर्शन का अधिकार है।
आइए इस ऐतिहासिक फैसले के विभिन्न कानूनीपहलुओं को आसान भाषा में समझते हैं।
MTP Act क्या है ?**
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1971 में मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी यानी MTP एक्ट बनाया गया था। 2021 में इसमें कुछ संशोधन किया गया। जिसके अनुसार, अबॉर्शन करवाने की टाइम लिमिट कुछ स्पेशल सिचुएशन में 20 हफ्ते से बढ़ाकर 24 हफ्ते कर दी गई है।
MTP का पुराना कानून क्या कहता था और 2021 के संशोधन के बाद कानून में क्या संशोधन हुआ है?**
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पुराना एक्ट:
2021 में बदला हुआ कानून-
कानूनी तौर पर 5 परिस्थितियों में गर्भपात कराया जा सकता है –
- प्रेगनेंसी की वजह से महिला की जान खतरे में हो
- आशंका हो कि बच्चा विकलांग पैदा हो सकता है या किसी बड़ी विकृति के साथ पैदा हो सकता है, जैसे कोई लाइलाज बीमारी
- महिला मानसिक या शारीरिक तौर पर सक्षम ना हो या बच्चे का भरण पोषण और परवरिश ना कर सके
- महिला बलात्कार के कारण गर्भवती हुई हो या जिन रिश्तो को क़ानूनी या सामाजिक मान्यता न हो उनमे महिला गर्भवती हो जाये।
- यदि अवयस्क (माइनर) यानि 18 वर्ष से काम आयु की लड़की गर्भवती हो जाये।
शादीशुदा या कवांरी लड़की गर्भ के कितने हफ्ते के अंदर अबॉर्शन करवा सकती हैं ?**
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उच्चतम न्यायलय ने कहा कि मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट यानी MTP Act के तहत 22 से 24 हफ्ते के अंदर अबॉर्शन का हक सभी महिलाओं को है।
अबॉर्शन का प्रोसिजर क्या है? ये कैसे होता है?**
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सुप्रीम कोर्ट की तरफ से कौन सी शर्तों का जिक्र किया गया है ?**
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मेडिकल प्रैक्टिशनर्स या डॉक्टर्स अबॉर्शन कराने आई महिला से कहते हैं कि इसके लिए उन्हें परिवार या पति से अनुमति लेनी होगी या तरह-तरह के डॉक्युमेंट्स मांगे जाते हैं। इन शर्तों का कानूनी आधार नहीं है। न्यालय के फैसले के अनुसार अबॉर्शन करवाने आई महिला पर मेडिकल प्रैक्टिशनर्स जबर्दस्ती की शर्तें न लगाएं, उन्हें केवल ये सुनिश्चित करना होगा कि MTP एक्ट की शर्तें पूरी हो रही हैं या नहीं।
अबॉर्शन के लिए मैरिड और अनमैरिड वुमन को किस स्पेशल अनुमति की जरूरत होती है?**
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