सूचना का अधिकार

एक पत्नी को पूरा अधिकार है कि वह अपने पति की आय सीधे अपने पति से पूछ सकती है।  पति के द्वारा इंकार करने अथवा छिपाने पर सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 में आरटीआई के माध्यम पति की सैलरी की जानकारी प्राप्त कर सकती है।

अधिकांश यह उस स्थिति में होता है, जब पति और पत्नी के बीच तलाक का कोई मामला चल रहा हो या भरण पोषण से संबंधित कोई केस पेंडिंग है।  ऐसी स्थिति में पत्नी के पास आरटीआई एक सशक्त माध्यम है अपने पति के आय पता करने के लिए, क्योंकि पति की आय के आधार पर ही भरण-पोषण अथवा तलाब से संबंधित कई मामलों या विवादों का निपटारा किया जा सकता है।  भरण-पोषण कितना देना होगा इसकी राशि भी पति के आय के स्रोत पर ही निर्भर करती है।

पत्नी अगर पति से उसकी सैलरी स्लिप देखने की डिमांड करे, तो क्या पति इनकार कर सकता है ?

नहीं, पत्नी को पति की सैलरी स्लिप देखने और मांगने का अधिकार है, इसके लिए पति कभी भी मना नहीं कर सकता। पत्नी अपने पति से सैलरी स्लिप मांग सकती है। जिस वक्त पत्नी ने सैलरी स्लिप देखने की डिमांड की है, उस वक्त अगर पति के पास मौजूद नहीं है, तो वो बाद में दिखा सकता है, लेकिन इनकार नहीं कर सकता है।

अगर पति सैलरी स्लिप दिखाने से इंकार करें तो पत्नी अपने पति के बॉस या जिस जगह वह काम करता है उसके उच्च अधिकारी को एक लिखित एप्लीकेशन दे सकती है एप्लीकेशन में पति की सैलरी और आय से संबंधित जानकारी मांगे जाने की बात लिखी होगी इसके अलावा यदि उपरोक्त तरीके से पति की आए की जानकारी नहीं मिलती है तो पत्नी आरटीआई (RTI) यानी सूचना का अधिकार का सहारा भी ले सकती है।

केस   –

संजू गुप्ता नाम की एक महिला ने अपने पति से उसकी सैलरी पूछी। पति ने बताने से इनकार कर दिया। फिर पत्नी ने RTI दायर कर दी और पति की सैलरी इन्फॉरमेशन निकलवा ली । पत्नी ने सी.पी.आई.ओ. में पति के आय से संबंधित सैलरी स्लिप के लिए जानकारी मांगी थी।

पत्नी को शुरू में CPIO ने RTI के तहत सैलरी की जानकारी देने से इनकार कर दिया था। CPIO का फुल फॉर्म होता है – सेंट्रल पब्लिक इन्फार्मेशन ऑफिसर और हिंदी में इसका मतलब होता है- केंद्रीय जन सूचना अधिकारी। किसी भी आम इंसान को RTI की तरफ से जानकारी लेनी होती है, तो उसे एक एप्लिकेशन देनी होती है, ये एप्लिकेशन पब्लिक अथॉरिटी के एक अधिकारी के पास जाती है , जिसे सेंट्रल पब्लिक इन्फार्मेशन ऑफिसर यानी CPIO कहते हैं। CPIO के इनकार करने के बाद पत्नी ने प्रथम अपीलीय अथॉरिटी यानी FAA के पास अपील दायर की,  FAA यानि First Appelate Authority . यह सीनियर ऑफिसर होता है, इनका ओहदा CPIO से बड़ा है। हालांकि FAA ने भी CPIO के फैसले को बरकरार रखा और पत्नी को कोई जानकारी नहीं दी।

इसके बाद पत्नी ने CIC में अपील दायर की।  CIC का फुल फॉर्म होता है- सेंट्रल इन्फॉर्मेशन कमीशन यानी केंद्रीय सूचना आयोग। इसे 12 अक्टूबर 2005 को सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत बनाया गया था। CIC उन लोगों की मदद करती है, जो सेंट्रल पब्लिक इन्फॉर्मेशन ऑफिसर या स्टेट पब्लिक इन्फॉर्मेशन ऑफिसर को अपना एप्लिकेशन देने में सक्षम यानी कैपेबल नहीं होते हैं। या फिर इनसे किसी आम इंसान को मदद नहीं मिलती है। सूचना ना मिलने की स्थिति में सीआईसी में अपील की जाती है।

पत्नी का एप्लिकेशन देखने के बाद CIC ने अपने पिछले कुछ आदेशों, सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के फैसलों पर गौर किया। फिर इस मामले में CPIO को निर्देश दिया कि वह 15 दिन के अंदर पति की नेट टैक्सेबल इनकम/ग्रॉस इनकम की जानकारी पत्नी को दें।

पति भी पत्नी की सैलरी की जानकारी निकलवा सकता है ?

पति को भी पत्नी की तरह बराबर का अधिकार है कि वो उसकी सैलरी पूछ सकता है और पत्नी नहीं बताती है, तो RTI से उसके सैलरी की जानकारी निकलवा सकता है।

 

सोर्स – क्लिक करें