साइबर ठगों के द्वारा किया जाने वाला एक बहुत आसान फ्रॉड है स्पूफिंग फोन कॉल ट्रैप।
यह तब होता है जब कोई साइबर अपराधी आपको यह विश्वास दिलाने के लिए फोन नंबर, टेक्स्ट संदेश, ई-मेल पता या वेबसाइट यूआरएल आपसे छुपाता है कि आप एक ज्ञात और विश्वसनीय स्रोत के साथ बातचीत कर रहे हैं।

आप स्पूफिंग से व्यक्तिगत और गोपनीय वित्तीय जानकारी का खुलासा कर सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप वित्तीय धोखाधड़ी हो सकती है।

आपके साथ फोन स्पूफिंग से धोखाधड़ी कैसे हो सकती है ?

आपके बैंक या बीमा कंपनी या फिर रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया यानी आरबीआई का कर्मचारी बनकर या फिर किसी और ऐसी ही संस्था का प्रतिनिधि होने का दिखावा करने वाला कोई व्यक्ति आपको यह बताने के लिए कॉल कर सकता है कि आपके खाते में कोई समस्या है।
फिर वे आपसे आपकी बैंकिंग जानकारी उपलब्ध कराने के लिए कहते हैं ताकि समस्या का समाधान किया जा सके। लेकिन हकीकत में यह लोग बहुत बड़े ठग होते हैं और आपकी गोपनीय जानकारी जैसे एटीएम का पिन या सीवीवी नंबर या जन्म तारीख आपसे ही पूछ कर आपके ही खाते की रकम उड़ा देते हैं।

फर्जी कॉल धोखाधड़ी से खुद को कैसे बचाएं?

  1. सतर्क रहें और धोखाधड़ी के नए-नए तरीकों के बारे में खुद को अपडेट रखें।
  2. ऐसे किसी भी प्रश्न का उत्तर न दें जिसका उत्तर “हां” या “नहीं” में दिया जा सकता हो।
  3. संवेदनशील विवरण जैसे पिन, ओटीपी, पासवर्ड, जीआरआईडी मान आदि साझा न करें।
  4. असामान्य या अत्यावश्यक मांगों न माने।
  5. यदि फोन पर आपकी गोपनीय जानकारी देने के लिए दबाव डाला जा रहा है तो सावधानी बरतें, फोन काट दें ।
  6. उस फोन नंबर को ब्लॉक करें और उसके मैसेज का भी जवाब ना दें।
  7. ऐसी धोखाधड़ी की रिपोर्ट तुरंत राष्ट्रीय साइबर अपराध cybercrime.gov.in पर करें या उनकी हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें।