BH सीरीज नंबर प्लेट

अगर आपकी नौकरी ऐसी है कि आप का ट्रांसफर देश में किसी भी राज्य में हो सकता है, और आप नए राज्य में जाकर हर बार अपने वाहन का रजिस्ट्रेशन नहीं कराना चाहते, तो केंद्र सरकार ने इस असुविधा से बचने के लिए वाहनों के लिए एक नई BH सीरीज जारी की है। इसके लिए रजिस्ट्रेशन 15 सितंबर 2021 से शुरू हो चुके हैं।

BH सीरीज नंबर प्लेट क्या है?

मोटर व्हीकल एक्ट 1988 (मोटर यान अधिनियम 1988 ) के सेक्शन 47 के मुताबिक आप किसी भी स्टेट में एक साल तक दूसरे स्टेट के वाहन को चला सकते हैं। एक साल के भीतर आपको नए स्टेट में अपने वाहन को रजिस्टर्ड कराना होता है। इसके लिए पुराने RTO से NOC लाना जरूरी होता है। हर राज्य में ये प्रोसेस अलग-अलग है और डॉक्युमेंट भी अलग-अलग लगते हैं। इस वजह से लोग दूसरे राज्य में अपने वाहन का दोबारा रजिस्ट्रेशन करवाने से बचते हैं। कई बार तो पुराने राज्य में ना बाहर भेजकर नए राज्य में नई गाड़ी खरीद लेते हैं।

भारत सरकार ने अगस्त 2021 में नॉन ट्रांसपोर्ट व्हीकल के लिए BH नंबर प्लेट या भारत सीरीज रजिस्ट्रेशन नंबर की शुरुआत की थी। BH सीरीज नंबर प्लेट की वजह से एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के बाद व्हीकल रजिस्ट्रेशन को ट्रांसफर करने की बाध्यता हट जाती है। BH नंबर के लिए साधारण नंबर्स की तुलना में थोड़ा ज्यादा टैक्‍स देना होता है।

नई नंबर प्लेट का फॉर्मेट पूरी तरह अलग होगा। अभी गाड़ियों पर जो नंबर प्लेट लगी होती है उसका फॉर्मेट राज्यों के हिसाब से होता है। सबसे पहले राज्य, फिर RTO कोड फिर दो अल्फाबेट और आखिर में 4 अंकों का सीरियल नंबर होता है। MP-09-AB-1234 के उदाहरण से समझिए। यहां पर MP का मतलब मध्यप्रदेश, 09 का मतलब RTO कोड इंदौर, AB का मतलब हर राज्य और कॉम्बिनेशन के हिसाब से अलग-अलग होता है। A से लेकर Z तक के अल्फाबेट इसमें हो सकते हैं। और आखिर में 4 अंकों का नंबर जो कि 0001 सो 9999 तक कुछ भी हो सकता है।

  1. यह केवल नॉन ट्रांसपोर्ट व्हीकल पर लागू होता है
  2. गाड़ी को नए स्टेट में ट्रांसफर होने पर उसे रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत नहीं होगी।
  3. BH सीरीज की नंबर प्लेट दिखने में नॉर्मल नंबर प्लेट की तरह ही है, सिर्फ उसके लाइसेंस नंबर का फॉर्मेट अलग है।
  4. यह सीरीज नंबर पूरे देश में मान्य है।

BH सीरीज का नंबर कौन ले सकता है ?

यह नंबर सीरीज सभी के लिए नहीं होता है। नीचे दिए गए लोग ही  इसका नंबर लेने के लिए योग्य है –

  1. राज्य और केंद्र सरकार के शासकीय कर्मचारी
  2. डिफेंस सेक्टर यानी सेना और सेना से जुड़े कर्मचारी
  3. बैंक के कर्मचारी
  4. प्रशासनिक सेवाओं में सेवा दे रहे कर्मचारी
  5. प्राइवेट फर्म के कर्मचारी जिनके ऑफिस 4 से अधिक राज्यों केंद्र शासित राज्यों में हैं।

BH सीरीज में रोड टैक्स जमा करने की प्रक्रिया क्या है ?

इसमें ऑनलाइन रोड टैक्स देने की सुविधा  है। एक बार रोड टैक्स देने के बाद यह 14 साल तक लागू रहता है। इसके बाद इयरली चार्ज देने होंगे। कार के चालान के आधार पर भुगतान किए जाने वाले रोड टैक्स का पर्सेंटज भी नॉमिनल है। 10 लाख रुपए से कम की कार के लिए 8% देना होगा। 10 लाख से 20 लाख तक की कार के लिए 10% और उससे ऊपर की कार के लिए 20 % देने होंगे।

BH सीरीज नंबर प्लेट के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया

सबसे पहले स्टेट ऑथोरिटी ये चेक करती हैं कि व्हीकल का ओनर इस क्राइटेरिया के लिए एलिजिबल है या नहीं। कार ओनर MoRTH के वाहन पोर्टल में लॉग इन कर भी इस सुविधा के बारे में डिटेल में जान सकता है। नई कार खरीदते समय किसी भी ऑटोमोबाइल डीलर से भी इस काम के लिए मदद मांग सकते हैं। यदि कोई ऑटोमोबाइल डीलर से मदद मांगता है, तो डीलर को वास्तविक मालिक की ओर से वाहन पोर्टल पर फॉर्म (20) भरना होगा।

निजी क्षेत्र यानी प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारी जिनके ऑफिस 4 से अधिक स्टेट में हैं, उन्हें फॉर्म (60) भरना होगा। इसके साथ वर्क सर्टिफिकेट के साथ एम्प्लॉय ID जमा करना होगा। सरकारी कर्मचारियों को ऑफिशियल ID कार्ड लगाना होगा।

सबसे पहले स्टेट ऑथोरिटी ये चेक करती हैं कि व्हीकल का ओनर इस क्राइटेरिया के लिए एलिजिबल है या नहीं। कार ओनर MoRTH के वाहन पोर्टल में लॉग इन कर भी इस सुविधा के बारे में डिटेल में जान सकता है। नई कार खरीदते समय किसी भी ऑटोमोबाइल डीलर से भी इस काम के लिए मदद मांग सकते हैं। यदि कोई ऑटोमोबाइल डीलर से मदद मांगता है, तो डीलर को वास्तविक मालिक की ओर से वाहन पोर्टल पर फॉर्म (20) भरना होगा।

निजी क्षेत्र यानी प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारी जिनके ऑफिस 4 से अधिक स्टेट में हैं, उन्हें फॉर्म (60) भरना होगा। इसके साथ वर्क सर्टिफिकेट के साथ एम्प्लॉय ID जमा करना होगा। सरकारी कर्मचारियों को ऑफिशियल ID कार्ड लगाना होगा।

सीरीज लाइसेंस प्लेट के लिए अप्लाई करते समय प्रक्रिया –

  1. व्हीकल खरीदते समय डीलर एम ओ आर टी एच के वाहन पोर्टल पर कार मालिक की ओर से फॉर्म 20 भरेगा।
  2. सीरीज के तौर पर बीएच को चुनेगा।
  3. सारे जरूरी डॉक्यूमेंट के साथ वर्किंग सर्टिफिकेट (फॉर्म 60)  या ऑफिशियल आईडी कार्ड की कॉपी जमा करें।
  4. सारी फॉर्मेलिटी पूरी होने के बाद आरटीओ से अप्रूवल मिलेगा।
  5. जरूरी फीस और मोटर व्हीकल टैक्स ऑनलाइन चुकाने होंगे।
  6. इस प्रक्रिया के बाद आपको BH सीरीज का नंबर मिल जाएगा।

क्या BH सीरीज नंबर पुराने वाहन वालों को नही मिलेगा ?

नहीं ऐसा नहीं है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इससे जुड़ा एक नोटिफिकेशन जारी किया है। नोटिफिकेशन के मुताबिक, अब पुराने व्हीकल पर भी BH-सीरीज का नंबर लिया जा सकेगा। हालांकि, इसके लिए मंत्रालय ने नियम और शर्तें लागू हैं।

अगर आप पुराने वाहन के लिए बीएच सीरीज चाहते हैं तो यह प्रक्रिया अपनानी होगी –

  • अगर आपकी गाड़ी दूसरे राज्य की है तो आपको गाड़ी के रजिस्टर्ड RTO से NOC (No Objection Certificate) लेना होगा।
  • नए RTO में आपको कम से कम 2 साल का रोड टैक्स देना होगा। आपका पुराना RTO टैक्स रिफंड हो जाएगा। आप कब तक राज्य में रहेंगे, इस हिसाब से आप 2 के मल्टिपल में 14 साल तक का टैक्स इकट्ठा भी जमा कर सकते हैं।
  • अब आप BH सीरीज के लिए अप्लाई कर सकते हैं। कंपनी से जुड़े डॉक्युमेंट, गाड़ी के रजिस्ट्रेशन और खुद के डॉक्युमेंट की जरूरत होगी।