Registration and Stamp Department
In Madhya Pradesh, the Registration and Stamp Department is authorized to register property. There are four regional Deputy Inspector General of Registration offices in the department,
Bhopal
Indore
Jabalpur
Gwalior
In the year 2023, a total of 51 district registrar offices and 233 sub-registrar offices are functioning in the state. All the offices work under and under the control of the Inspector General of Registration, whose headquarters is at Bhopal.
रजिस्ट्रेशन और स्टाम्प विभाग मध्यप्रदेश में रजिस्ट्रेशन और स्टाम्प विभाग संपत्ति के पंजीयन के लिए अधिकृत है। विभाग में चार क्षेत्रीय उप महानिरीक्षक पंजीयन कार्यालय हैं,
भोपाल इन्दौर जबलपुर ग्वालियर वर्ष 2023 में राज्य में कुल 51 जिला पंजीयक कार्यालय एवं 233 उप पंजीयक कार्यालय कार्यरत हैं। सभी कार्यालय महानिरीक्षक पंजीयन के अधीनस्थ एवं उनके नियंत्रण में कार्य करते हैं, जिनका मुख्यालय भोपाल है।
“सम्पदा” योजना मध्य प्रदेश में सभी प्रकार के दस्तावेजों के रजिस्ट्रीकरण की वेब-इनेबल्ड कम्प्युटराइज़्ड योजना है। इसके लिए हर जिले में सेवा प्रदाताओं को सरकार द्वारा लायसेंस जारी किये गए हैं। बैंकों, डाक घरों एवं अन्य वित्तीय संस्थानों को भी सेवा प्रदाता का लाइसेंस प्रदान किया जा सकता है।
होम लोन लेना अपने आप में एक लंबी प्रक्रिया है जिसके लिए बहुत सारे दस्तावेजों की आवश्यकता होती है, अगर ये सभी दस्तावेज पहले से इकट्ठा कर लिए जाएं तो होम लोन के लिए आवेदन करना आसान है। अन्यथा, किसी एक दस्तावेज़ की कमी के कारण, संपत्ति पर पूरा ऋण अस्वीकार किया जा सकता है या इसमें अनावश्यक रूप से देरी हो सकती है।
इससे बचने के लिए जरूरी है कि हमें पता होना चाहिए कि हमें किन दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी.
Taking a home loan is a long process in itself which requires a lot of documents, if all these documents are gathered in advance then it is easy to apply for a home loan. Otherwise, due to the lack of any one document, the entire loan against property can be rejected or it can be unnecessarily delayed.
To avoid this, it is important that we should know which documents we would need.
मध्य प्रदेश में संपत्ति खरीदने में कई कानूनी दस्तावेज शामिल होते हैं। इन सब की जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है.
संपत्ति खरीदने के लिए आवश्यक दस्तावेज़ यहां दिए गए हैं:
विक्रय विलेख (Sale Deed) यह प्राथमिक कानूनी दस्तावेज है जो विक्रेता से खरीदार को स्वामित्व के हस्तांतरण को स्थापित करता है। इसमें संपत्ति, खरीदार, विक्रेता और सहमत बिक्री मूल्य का विवरण शामिल है।
टाइटल डीड (Title Deed) यह सुनिश्चित करने के लिए कि संपत्ति का स्पष्ट और विपणन योग्य टाइटल है, टाइटल डीड को सत्यापित करना आवश्यक है। शीर्षक विलेख संपत्ति के स्वामित्व इतिहास को स्थापित करता है।
बिल्डर से घर खरीदने से पहले किन चीजों को ध्यान में रखना चाहिए बिल्डर बैंक की प्री-अप्रूवल लिस्ट में है या नहीं कोई बिल्डर विश्वसनीय है या नहीं यह किस बात से पता चल सकता है कि वह बैंकों की प्री अप्रूवल लिस्ट में शामिल है अथवा नहीं। यदि वह बिल्डर दो 3 या उससे अधिक बैंकों की प्री अप्रूवल लिस्ट में है तय माना जा सकता है कि वह भरोसेमंद है। इसी प्रकार बैंक उस बिल्डर के प्रोजेक्ट्स को भी पुरी अप्रूव्ड कर सकते हैं। इससे यह भरोसा हो सकता है कि बैंक ने इस प्रोजेक्ट से संबंधित सभी कानूनी छानबीन पहले ही पूरी कर ली है। बिल्डर की विश्वसनीयता करने के लिए यह एक अच्छा तरीका है।
कमर्शियल प्रॉपर्टी खरीदने से पहले कुछ चीजों पर गंभीरता से विचार करने की बहुत आवश्यकता होती है। आमतौर पर कमर्शियल प्रॉपर्टी बाकी प्रॉपर्टी से कुछ महंगी मिलती है क्योंकि यह अधिकांश रूप से मुख्य बाजार या किसी खास लोकेशन पर स्थित होती है । इसलिए इसमें एक बड़े निवेश की आवश्यकता होती है। हम अपना व्यवसाय प्रारंभ करने के लिए कमर्शियल प्रॉपर्टी खरीदते हैं या फिर निवेश के लिए प्रॉपर्टी खरीदते हैं, दोनों ही स्थितियों में इससे बेहतर रिटर्न पाने के लिए आवश्यक है कि सही प्रॉपर्टी सही कीमत पर खरीदी गई हो। कमर्शियल प्रॉपर्टी खरीदने में नीचे दी गई बातों का ध्यान रखना चाहिए जैसे : प्रॉपर्टी की लोकेशन वैसे तो किसी भी प्रॉपर्टी खरीदने में सबसे महत्वपूर्ण चीज़ है उसकी लोकेशन। लेकिन कमर्शियल प्रॉपर्टी के लिए या और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है। आप जो प्रॉपर्टीखरीदना चाहते हैं उसके हिसाब से लोकेशन सही या गलत हो सकती है। जैसे अगर आप कमर्शियल प्रॉपर्टी खरीदना चाहते हैं तो यह मार्केट के बीच में हो तो बेहतर होगी लेकिन रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी के लिए यही बात सही नहीं कही जा सकती।