सार्वजनिक जगह USB से फोन चार्ज ना करें, बैंक अकाउंट हो सकता है खाली

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‘जूस जैकिंग’ सायबर अपराध का नया तरीका जूस जैकिंग क्या है ?** ** चार्जिंग पोर्ट 2 तरह के हो सकते हैं – AC Power Socket – यह सामान्य तौर पर घरों में पाया जाने वाला बिजली का सॉकेट होता है जिसमे एडेप्टर जरूर चार्जिंग केबल द्वारा फोन चार्ज किया जाता है। यह सुरक्षित होता है और इस से कोई डेटा चोरी होने की संभावना नहीं होती। USB तो USB charging point – इसमें डायरेक्ट यूएसबी केबल लगाकर मोबाइल को चार्ज किया जाता है, इस विधि से डाटा भी ट्रांसफर होता है। इसमें मालवेयर या हानिकारक एप्लिकेशन फोन में इंसटाल की जा सकती हैं। मालवेयर (Malware) क्या होते हैं ?

महिलाओं को अबॉर्शन का हक देने का सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

गर्भपात का अधिकार महिलाओं को गर्भपात का अधिकार प्रदान करते हुए उच्चतम न्यायलय का ऐतिहासिक फैसला तारीख 29 सितंबर, साल 2022, को आया है। इस फैसले की अंतर्गत उच्चतम न्यायालय ने महिलाओं के एक बहुत मौलिक अधिकार को कानूनी स्वीकृतिप्रदान कर दी है। इसके अंतर्गत अब अनमैरिड प्रेग्नेंट वुमन यानी बगैर शादी के प्रेग्नेंट हुई महिलाओं को भी अबॉर्शन का अधिकार है। आइए इस ऐतिहासिक फैसले के विभिन्न कानूनीपहलुओं को आसान भाषा में समझते हैं।

क्या पत्नी अपने पति की आय आरटीआई (RTI) से पता कर सकती है ?

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सूचना का अधिकार एक पत्नी को पूरा अधिकार है कि वह अपने पति की आय सीधे अपने पति से पूछ सकती है। पति के द्वारा इंकार करने अथवा छिपाने पर सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 में आरटीआई के माध्यम पति की सैलरी की जानकारी प्राप्त कर सकती है। अधिकांश यह उस स्थिति में होता है, जब पति और पत्नी के बीच तलाक का कोई मामला चल रहा हो या भरण पोषण से संबंधित कोई केस पेंडिंग है। ऐसी स्थिति में पत्नी के पास आरटीआई एक सशक्त माध्यम है अपने पति के आय पता करने के लिए, क्योंकि पति की आय के आधार पर ही भरण-पोषण अथवा तलाब से संबंधित कई मामलों या विवादों का निपटारा किया जा सकता है। भरण-पोषण कितना देना होगा इसकी राशि भी पति के आय के स्रोत पर ही निर्भर करती है।

मैच्योरिटी के बाद भी जारी रख सकते हैं PPF अकाउंट

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15 साल के मैच्योरिटी पीरियड के बाद 5-5 साल के लिए बढ़ा सकते हैं खाता पीएफ खाते के मैच्योरिटी पर 3 ऑप्शन मिलते हैं – पहला मैच चोटी पर पैसा निकाल कर खाता बंद कर दें दूसरा मैच्योरिटी के बाद प्रेस डिपॉजिट से अकाउंट को आगे बढ़ा सकते हैं तीसरा मैच्योरिटी के बाद बिना किसी पेस्ट पहुंचे भी अकाउंट को आगे बढ़ा सकते हैं PPF पर मिलता है टैक्स छूट का लाभ पीपीएफ EEE की श्रेणी में आती है। यानी योजना में किए गए पूरे निवेश पर आपको टैक्स छूट का लाभ मिलता है। साथ ही इस योजना में निवेश से मिलने वाले ब्याज और निवेश की पूरी राशि पर भी किसी तरह का टैक्स नहीं देना होता। इसमें इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत सालाना 1.

चैक बाउंस होने पर क्या करें ?

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चेक बाउंस क्या है? सिर्फ अकाउंट में पैसे नहीं होने की वजह से ही चेक बाउंस होता है? लिखी गई राशि अकाउंट में ना होना या उससे कम राशि होने के कारण भुगतान ना होना चेक देने वाले का अकाउंट बंद हो गया हो चेक देने वाले का हस्ताक्षर अकाउंट में दर्ज हस्ताक्षर से मिलान नहीं हो रहा हो चेक पर ओवरराइटिंग हुई हो चेक की समय सीमा समाप्त हो गई हो नकली चेक का संदेह हो कंपनि या फर्म के चैट में उसकी मुहर ना हो ओवरड्राफ्ट की लिमिट को पार करता हो चेक रिटर्न मेमो किसे कहते हैं?

खराब खाने की शिकायत करने पर लैब टेस्ट करवाने का पैसा सरकार देगी

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होटल का खाना खराब लगे, तो ग्राहक क्या कर सकता है? अगर आपको लगता है कि आपको परोसे गए खाने में मिलावट है या फिर खाना सही नहीं है, तो आप इसकी श‍िकायत कर सकते हैं। होटल का खाना खराब लगने पर ग्राहक कहां और कैसे शिकायत कर सकता है? होटल या रेस्टोरेंट का खाना खराब लगे तो ऐसे शिकायत करें – जिस खाने का सेंपल आप लेकर आए हैं उसका लैब में टेस्ट करवाएं। खाने में खराबी या मिलावट मिलने पर होटल या रेस्टोरेंट के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी

कंपनी ने भेजा फर्जी बिल, ग्राहक ने खुद केस लड़ के जीता, 97 हजार का मुआवजा मिला

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बहुत से लोगों के पास कंपनी की तरफ से फर्जी या गलत बिल आते हैं, लेकिन अधिकतर लोग झंझट से बचने या अधिकारों की जानकारी के अभाव में उस चीज के पैसे दे देते हैं, जिस चीज की सुविधा उन्होंने ली ही नहीं। ऐसी सिचुएशन में लोगों को इन दोनों की तरह जागरुक रहने और अपने अधिकार को पहचानने की जरूरत है। फर्जी बिल के कुछ और मामले पढ़ें

कमर्शियल प्रॉपर्टी खरीदने से पहले ध्यान देने वाली जरूरी बातें

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कमर्शियल प्रॉपर्टी खरीदने से पहले कुछ चीजों पर गंभीरता से विचार करने की बहुत आवश्यकता होती है। आमतौर पर कमर्शियल प्रॉपर्टी बाकी प्रॉपर्टी से कुछ महंगी मिलती है क्योंकि यह अधिकांश रूप से मुख्य बाजार या किसी खास लोकेशन पर स्थित होती है । इसलिए इसमें एक बड़े निवेश की आवश्यकता होती है। हम अपना व्यवसाय प्रारंभ करने के लिए कमर्शियल प्रॉपर्टी खरीदते हैं या फिर निवेश के लिए प्रॉपर्टी खरीदते हैं, दोनों ही स्थितियों में इससे बेहतर रिटर्न पाने के लिए आवश्यक है कि सही प्रॉपर्टी सही कीमत पर खरीदी गई हो। कमर्शियल प्रॉपर्टी खरीदने में नीचे दी गई बातों का ध्यान रखना चाहिए जैसे : प्रॉपर्टी की लोकेशन वैसे तो किसी भी प्रॉपर्टी खरीदने में सबसे महत्वपूर्ण चीज़ है उसकी लोकेशन। लेकिन कमर्शियल प्रॉपर्टी के लिए या और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है। आप जो प्रॉपर्टीखरीदना चाहते हैं उसके हिसाब से लोकेशन सही या गलत हो सकती है। जैसे अगर आप कमर्शियल प्रॉपर्टी खरीदना चाहते हैं तो यह मार्केट के बीच में हो तो बेहतर होगी लेकिन रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी के लिए यही बात सही नहीं कही जा सकती।

Department of Legal Studies and Research, BU, Bhopal

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Alumni of the Department : Justice (High Court) Retd.Justice Alok Verma, M.P. High Court District Judge Dr. Ramesh Sahu, Distt. & Session Judge M.P Aditional District Judge Arti Shukla, ADJ Mahjabeen khan, ADJ Dr. Sarika Giri, ADJ Professor and Assistant Professors Prof. Mona Purohit, HOD & Dean Dr.Anupama Pandit, Asst. Professor Dr. Jitendra Gupta, Asst. Professor Dr. Sonam Jain Deevanshu Shrivastava, Asst. Professor Yash Tiwari, Asst. Professor Vijayshree Boaddh, Asst.

सॉफ्टवेयर पायरेसी क्या है

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सॉफ्टवेयर क्या होता है ? किसी भी कंप्यूटर या इलेक्ट्रॉनिक उपकरण को विशेष कार्य करने के लिए जिन निर्देशों की जरुरत पड़ती है वे प्रोग्राम या सॉफ्टवेयर कहलाते हैं। ये विशेष कोड्स के द्वारा बनाये जाते हैं। सॉफ्टवेयर के प्रकार : 1) कार्यों के आधार पर सॉफ्टवेयर का वर्गीकरण – कार्यों के आधार परबांटा जाय तो सॉफ्टवेयर मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं – सिस्टम सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर यूटिलिटी सॉफ्टवेयर 1 .