बहुत से लोगों के पास कंपनी की तरफ से फर्जी या गलत बिल आते हैं, लेकिन अधिकतर लोग झंझट से बचने या अधिकारों की जानकारी के अभाव में  उस चीज के पैसे दे देते हैं, जिस चीज की सुविधा उन्होंने ली ही नहीं। ऐसी सिचुएशन में लोगों को इन दोनों की तरह जागरुक रहने और अपने अधिकार को पहचानने की जरूरत है।

दिल्ली के सुरजीत श्यामल और अनामिका रंजन का उपभोक्ता अधिकारों से सम्बंधित यह मामला समझते हैं । सुरजीत की पत्नी अनामिका वोडाफोन का पोस्टपेड नंबर इस्तेमाल करती हैं। उनके पास 149 रुपए वाला प्लान था।  दिसंबर 2021 में वोडाफोन ने लगभग 4,000 रुपए का बिल दिया। जिसमें 3,816 रुपए ISD कॉल के थे। बिल जमा न करने की वजह से नंबर बंद कर दिया गया।

सुरजीत ने कस्टमर केयर में सांपर्क किया तो मालूम हुआ कि उनके नंबर पर ISD कॉल की सेवा एक्टिव नहीं है। कस्टमर केयर रिप्रेजेंटेटिव ने यह भी कहा कि पता नहीं ISD कॉल कैसे हो गया, यह पैसे उसके ही हैं, मैं कंप्लेंट लिख लेता हूं। फिर दो दिन के बाद कॉल कर बताया गया कि नहीं आपको ही पैसे देने होंगे। सुरजीत ने कंपनी को समझाने की बहुत कोशिश की लेकिन कस्टमर केयर की तरफ से पैसे देने का उन पर दवाब बढ़ता गया। जब सुरजीत को कस्टमर केयर की तरफ से कोई खास मदद नहीं मिली, तो उसने लोकल थाने और कंज्यूमर कोर्ट का सहारा लिया।

कंज्यूमर कोर्ट ने 8 अगस्त 2022 को फैसला सुनाया कि सुरजीत वोडाफोन कंपनी को 50% बिल पे कर दे और कंपनी इसके बदले में सुरजीत का नंबर दोबारा चालू करने के साथ-साथ रिस्टोर कर दे। कोर्ट के आदेश के बाद वोडाफोन ने सुरजीत का नंबर चालू करने में 15 दिन लगा दिए, लेकिन सिम को रिस्टोर नहीं किया। कंपनी ने कहा कि कोर्ट ने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया।

इसके बाद सुरजीत ने कंटेम्प ऑफ कोर्ट की याचिका दायर की। कोर्ट ने वोडाफोन के एमडी को नोटिस जारी किया। एमडी ने सुरजीत से माफी मांगकर मामला खत्म करने की बात कही और कोर्ट के सामने सेटेलमेंट करने के लिए राजी भी हो गया। सुरजीत ने टोटल 97 हजार का कंपनी पर क्लेम किया था।  80 हजार नुकसान- 7 महीने तक नंबर बंद रहने का, 15,000 कोर्ट का खर्चा- लीगल एक्सटेंट।, 1,908 – कोर्ट के आदेश अनुसार, नंबर चालू करवाने के लिए 50% बिल पे किया। जिसे वोडाफोन कम्पनी ने मुआवजे के रूप में ग्राहक को दिया। 

फर्जी बिल के कुछ और मामले पढ़ें

  • इसी साल अप्रैल में हैदराबाद के कंज्यूमर फोरम कोर्ट ने भारती एयरटेल को एक ग्राहक को 1,41,770 रुपये का गलत बिल देने के मामले में जुर्माने के तौर पर 50,000 रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया है।
  • चंडीगढ़ के सेक्टर 9 निवासी विनित कृष्णन ने एक याचिका एयरटेल के खिलाफ दायर की थी। जिसमें कहा था कि वे एयरटेल के 1,533 रुपए वाले प्लान के तहत लैंडलाइन और ब्रॉडबैंड कनेक्शन का इस्तेमाल कर रहे थे। फरवरी 2017 में उन्होंने इस प्लान को बदलवाकर 799 रुपए का प्लान ले लिया था, लेकिन उसके बाद भी कंपनी की तरफ से 1,533 रुपए का बिल दिया गया और कंपनी उनसे पैसे मांगती रही। कंज्यूमर कोर्ट ने कंपनी पर 35 हजार का जुर्माना लगाया।
  • जियो कंपनी ने तीन महीने की वैलिडिटी वाला प्लान महज 84 दिनों में खत्म कर दिया, जिस पर कस्टमर ने अपना विरोध जताया। कंपनी पर इसका कोई असर नहीं हुआ। आखिरकार ग्राहक कंपनी के खिलाफ कंज्यूमर कोर्ट पहुंचा। कंज्यूमर कोर्ट ने कंपनी पर जुर्माना लगाया।

 

 

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