बीमा (insurance) के 13 दिन बाद हुई मौत में सुप्रीम कोर्ट ने दिलाया क्लेम

इंश्योरेंस क्या है ? इंश्योरेंस के प्रकार इसमें भी मुख्य रूप से दो तरह की पॉलिसी होती हैं i ) Term insurance: ii) Endowment policy: जनरल इंश्योरेंस (General Insurance) इंश्योरेंस पॉलिसी के लाभ आपको हुए नुकसान को तो पॉलिसी कवर करती ही है साथ ही साथ किसी अन्य व्यक्तियों को हुए नुकसान को भी बीमा से सुरक्षित किया जा सकता है। <p> जैसे &#8211; 5 लाख रुपए की कवरेज के प्लान के लिए 25 साल की उम्र में 5000 रुपए प्रीमियम, 35 की उम्र में 6000 रुपए का प्रीमियम और 45 की उम्र में 8000 रुपए का प्रीमियम देना होगा। </p> <p> आजकल ज्यादातर कंपनियां अपने एम्पलॉय को इंश्योरेंस देती है। यह सोचकर यंगस्टर्स अलग से इश्योरेंस नहीं लेते हैं। याद रखें कि जैसे-जैसे उम्र बढ़ेगी बीमार पड़ने की आशंका बढ़ेगी, जिसके खर्चे एम्पलॉयर इंश्योरेंस से पूरे नहीं हो पाएंगे। इसलिए अलग से मेडिकल इश्योरेंस जरूर लें। </p> <p> खराब लाइफस्टाइल की वजह से कम उम्र में ही दिल, लंग्स, किडनी से जुड़ी बीमारियां होने लगी हैं। साथ ही हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में रेगुलर हेल्थ चेकअप, काउंसलिंग, स्क्रीनिंग और जरूरी वैक्सीनेशन करा सकते हैं। </p>

बिल्डर से घर खरीदते समय क्या ध्यान रखें

बिल्डर से घर खरीदने से पहले किन चीजों को ध्यान में रखना चाहिए बिल्डर बैंक की प्री-अप्रूवल लिस्ट में है या नहीं कोई बिल्डर विश्वसनीय है या नहीं यह किस बात से पता चल सकता है कि वह बैंकों की प्री अप्रूवल लिस्ट में शामिल है अथवा नहीं। यदि वह बिल्डर दो 3 या उससे अधिक बैंकों की प्री अप्रूवल लिस्ट में है तय माना जा सकता है कि वह भरोसेमंद है। इसी प्रकार बैंक उस बिल्डर के प्रोजेक्ट्स को भी पुरी अप्रूव्ड कर सकते हैं। इससे यह भरोसा हो सकता है कि बैंक ने इस प्रोजेक्ट से संबंधित सभी कानूनी छानबीन पहले ही पूरी कर ली है। बिल्डर की विश्वसनीयता करने के लिए यह एक अच्छा तरीका है।

फिक्स्ड डिपोसिट (Fixed Deposit) से मिलने वाले ब्याज पर भी लगता है टैक्स

FD के ब्याज पर टैक्स से संबंधित जरूरी नियम FD से मिलने वाले ब्याज को ”इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेज’ यानी अन्य स्रोतों से आय में जोड़ा जाता है। इसलिए इसे “टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (TDS)” के तहत चार्ज किया जाता है। बैंक या एफडी करने वाली संस्था अर्जित ब्याज पर स्रोत पर कटौती (TDS) काट कर रकम अदा करती है। जब आपका बैंक आपकी ब्याज आय को आपके अकाउंट में जमा करता है, तो उसी समय बैंक द्वारा TDS भी काट लिया जाता है। मान लीजिए आपने एक साल के लिए FD में निवेश किया, तो इस अंतराल में आपने जो ब्याज कमाया उसे आपकी वार्षिक आय में जोड़ा जाएगा। आपकी पूरे वर्ष की कुल आय के आधार पर, आपका इनकम टैक्स स्लैब निर्धारित किया जाता है। यदि आपकी कुल आय एक वर्ष में 2.

क्यूआर कोड से साइबर धोखाधड़ी

क्यूआर कोड धोखाधड़ी डिजिटल भुगतान करते समय हम को क्यूआर कोड घोटालों के बारे में पता होना चाहिए। किसी भी क्यूआर कोड को स्कैन करने के लिए आगे बढ़ने से पहले कई बार सोचना चाहिए, क्योंकि वे भोले-भाले नागरिकों को धोखा देने के लिए साइबर जालसाजों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले संभावित तरीके हो सकते हैं। क्यूआर कोड क्विक रिस्पांस ‘या क्यूआर कोड एक प्रकार का दो आयामी बारकोड है यह ऐसा ऑप्टिकल लेबल है जिसमें उस वस्तु के बारे में जानकारी होती है, जो एक मशीन ही पढ़ सकती है। जिससे वह जुड़ा होता है और एक लोकेटर, पहचानकर्ता या ट्रैकर को निर्देशित करता है जो किसी वेबसाइट या एप्लिकेशन को इंगित करता है। उपयोगकर्ता कई भुगतान या मुफ्त क्यूआर कोड-जनरेटिंग साइट्स या ऐप्स में से किसी एक पर जाकर स्कैन और उपयोग करने के लिए दूसरों के लिए अपने स्वयं के क्यूआर कोड उत्पन्न और प्रिंट कर सकते हैं।

एटीएम पिन या पासवर्ड के खतरे और सुझाव

पासवर्ड के खतरे और सुरक्षित सुझाव पासवर्ड अन्य व्यक्तियों के साथ साझा किए जा सकते हैं और उनका दुरुपयोग हो सकता है। पासवर्ड भुलाए जा सकते हैं। चुराए गए पासवर्ड अनधिकृत उपयोगकर्ता द्वारा उपयोग किए जा सकते हैं और आपकी व्यक्तिगत जानकारी एकत्र कर सकते हैं। पासवर्ड पुनर्प्राप्त करने के लिए हैकर्स द्वारा उपयोग की जाने वाली विभिन्न तकनीकें पासवर्ड चुराने का तरीका – शोल्डर सर्फिंग पासवर्ड चुराने का एक तरीका किसी व्यक्ति के पीछे खड़ा होना और टाइप करते समय उनके पासवर्ड को देखना है, यह शोल्डर सर्फिंग कहलाता है ।

कंप्यूटर, इंटरनेट एवं नैतिकता (Computer & Internet Ethics)

नैतिकता (Ethics) क्या है ? ऐसे सिद्धांत जो किसी व्यक्ति के व्यवहार या किसी गतिविधि के संचालन को नियंत्रित करते हैं, नैतिकता कहलाते हैं। कंप्यूटर, इंटरनेट एवं नैतिकता (Computer Ethics) क्या है ? कंप्यूटर एवं इंटरनेट के डिजाइन, प्रबंधन एवं समाज के द्वारा इसके प्रयोग को विनियमित करना एवं उनका मानकीकरण करना। सरल शब्दों में कहें तो कंप्यूटर एवं इंटरनेट को किस तरह बनाया जाये और आगे किस तरह विकसित किया जाये कि वह समाज के लिए लाभकारी सिद्ध हो न कि हानिकारक साबित हो । इसमें कंप्यूटर एवं इंटरनेट के उपयोग करने सम्बन्धी नियम भी शामिल हैं।

इंश्योरेंस सेक्टर में इरडा ला रही है डिजिटल प्लेटफॉर्म ‘बीमा सुगम’

इरडा क्या है – इरडा बीमा नियामक संस्था है। यह भारत में बीमा सम्बन्धी नियम बनाने हेतु सरकार द्वारा अधिकृत है। बीमा सुगम क्या है बीमा सुगम पोर्टल के लाभ –

जल्द करा लें पैन को आधार से लिंक

 31 मार्च 2023 के बाद पैन कार्ड को आधार से लिंक नहीं करने पर आपका पैन इन एक्टिव हो जाएगा। पैन को आधार से लिंक कराने के लिए 1000 रुपए की लेट फीस 10,000 रुपए तक जुर्माना पैन कार्ड इनएक्टिव होने के बाद समस्याएं

फिशिंग लिंक से सायबर फ्रॉड

हाल के वर्षों में भुगतान के डिजिटल तरीकों के उपयोग में वृद्धि हुई है। इंटरनेट और तेज गति और सुलभता के कारण वित्तीय लेनदेन करने की गति और में भी सुधार हुआ है, इस के साथ ही धोखाधड़ी की संख्या में भी वृद्धि दर्ज की गई है। जालसाज ठगने के नए–नए तरीके खोज रहे हैं, विशेष रूप से आम और भोले–भाले लोगों को उनकी गाढ़ी कमाई से ठगने के तरीके ईजाद कर रहे हैं। जो व्यक्ति डिजिटल प्लेटफॉर्म के उपयोग में सतर्क नहीं हैं या ऐसे लोग जो तकनीकी वित्तीय इको–सिस्टम से पूरी तरह परिचित नहीं हैं, वे इस ठगी के तरीकों का आसान शिकार हो रहे हैं। इसलिए जालसाजों द्वारा अपनाई जाने वाली कार्यप्रणाली के बारे में जनता के बीच जागरूकता की अत्यंत आवश्यकता है। आइए जानते हैं ऑनलाइन धोखाधड़ी के यह कौन-कौन से तरीके हैं –

मनी म्यूल साइबर फ्रॉड

हाल के वर्षों में भुगतान के डिजिटल तरीकों के उपयोग में वृद्धि हुई है। इंटरनेट और तेज गति और सुलभता के कारण वित्तीय लेनदेन करने की गति और में भी सुधार हुआ है, इस के साथ ही धोखाधड़ी की संख्या में भी वृद्धि दर्ज की गई है। जालसाज ठगने के नए–नए तरीके खोज रहे हैं, विशेष रूप से आम और भोले–भाले लोगों को उनकी गाढ़ी कमाई से ठगने के तरीके ईजाद कर रहे हैं। जो व्यक्ति डिजिटल प्लेटफॉर्म के उपयोग में सतर्क नहीं हैं या ऐसे लोग जो तकनीकी वित्तीय इको–सिस्टम से पूरी तरह परिचित नहीं हैं, वे इस ठगी के तरीकों का आसान शिकार हो रहे हैं। इसलिए जालसाजों द्वारा अपनाई जाने वाली कार्यप्रणाली के बारे में जनता के बीच जागरूकता की अत्यंत आवश्यकता है। आइए जानते हैं ऑनलाइन धोखाधड़ी के यह कौन-कौन से तरीके हैं – फ़िशिंग लिंक विशिंग कॉल ऑनलाइन बिक्री प्लेटफॉर्म का उपयोग कर धोखाधड़ी अज्ञात/असत्यापित मोबाइल ऐप्स के उपयोग के कारण धोखाधड़ी एटीएम कार्ड स्किमिंग स्क्रीन शेयरिंग ऐप/रिमोट एक्सेस का इस्तेमाल कर धोखाधड़ी सिम स्वैप / सिम क्लोनिंग सर्च इंजन के माध्यम से परिणामों पर साख से समझौता करके धोखाधड़ी मनी म्यूल ऑनलाइन जॉब फ्रॉड लॉटरी की धोखाधड़ी सोशल मीडिया पर प्रतिरूपण क्यूआर कोड स्कैन के जरिए स्कैम जूस जैकिंग सायबर अपराधियों द्वारा ऑनलाइन ठगी के इन्ही तरीकों में से एक तरीका है –