ईशनिंदा क्या होती है, भारत में ईशनिंदा कानून और सजा क्या हैं ?

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हाल के दिनों में ईशनिंदा (Blasphemy) पर एक बार फिर से बहस शुरू हो गई है। धार्मिक कट्टर इसके लिए कठोर से कठोर कानून और मौत की सजा का प्रावधान की मांग कर रहे हैं। आईये समझते हैं यह क्या है, इसके लिए क्या कानूनी प्रावधान है और इसके क्या दुष्परिणाम है। दिसंबर 2023 में कश्मीर में ईशनिंदा की घटना नवंबर और दिसंबर 2023 में कश्मीर के श्रीनगर के NIT में एक घटना सामने आई। NIT कश्मीर के मुस्लिम छात्रों ने एक हिंदू छात्र पर ईश निंदा यानी ब्लेस फेमी का आरोप लगाया। उन्होंने संस्थान में प्रदर्शन करते हुए पढ़ाई-लिखाई बंद करवा दी और हॉस्टल खाली करवा दिया। किसी बड़ी दुर्घटना को होने से रोकने के लिए संस्थान में भारी पुलिस बल और अर्ध सैनिक बल तैनात करने पड़े।

लाठी बंदूख या हथियार रखने के लिए आर्म्स एक्ट 1959 की धारा 25 में कितनी सजा है

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कानून की भाषा आम बोलचाल की भाषा से थोड़ी अलग होती है। इसलिए इसे समझने के लिए हमें उन शब्दों के अर्थ समझना होंगे जो आम बोलचाल की भाषा में प्रयोग में नहीं आते लेकिन कानून की भाषा में प्रयोग किए जाते हैं। आयुक्त अधिनियम 1959 की धारा 25 में ऐसे ही कुछ शब्द इस्तेमाल किए गए हैं पहले उन्हें समझना आम बोलचाल की भाषा में क्या कहते हैं। इससे धारा 25 में क्या कहा गया है वह समझने में आसानी होगी।

भारत में राजनीति का अपराधीकरण

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भारत में राजनीति का अपराधीकरण भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है यहां जनप्रतिनिधियों का चुनाव जनता के बीच से ही किया जाता है। लेकिन लोकतांत्रिक व्यवस्था होने के कारण अपराधी भी विधायिका यानी विधानसभाओं और संसद में पहुंच जाते हैं। वे अपराधी न सिर्फ चुनाव जीत कर संसद में और विधानसभा में बैठते है, बल्कि पूरे देश के लिए कानून भी बनाते हैं। विधायिका में बैठकर यह अपराधी पूरे देश के लिए कानून बनाते हैं। एक स्वस्थ लोकतंत्र और देशहित के लिए यह व्यवस्था उचित नहीं है।

क्या चाकू खरीदने पर हो सकती है जेल ? कितना बड़ा चाकू रख सकते हैं ? चाकू रखने पे कौन सी धरा लगेगी

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नवंबर 2021 में जबलपुर की पुलिस ने पाया कि जबलपुर में हो रहे कई अपराधों में बड़े चाकू इस्तेमाल किया जा रहे हैं। जांच में पता चला कि यह बड़े चाकू ई-कॉमर्स वेबसाइटों से खरीदे जा रहे हैं। यह ई-कॉमर्स वेबसाइट है इन प्रतिबंधित चाकुओं को सीधे घर पर डिलीवरी कर रही है। पुलिस ने जबलपुर में इन ई-कॉमर्स वेबसाइटों से बड़े चाकू खरीदने और होम डिलीवरी करने पर प्रतिबंध लगा दिया।

पुलिस हिरासत में मौत और क़ानून

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हिरासत में मौत का अर्थ ? पुलिस हिरासत में किसी अभियुक्त की मौत को ‘हिरासत में मौत’ का मामला माना जाता है। चाहे वह अभियुक्त : रिमांड पर हो या नहीं हो। उसे हिरासत में लिया गया हो या केवल पूछताछ के लिए बुलाया गया हो। उस पर कोई मामला अदालत में लंबित हो या वह सुनवाई की प्रतीक्षा कर रहा हो, पुलिस हिरासत के दौरान आत्महत्या, बीमारी के कारण हुई मौत, हिरासत में लिए जाने के दौरान घायल होने एवं इलाज के दौरान मौत। अपराध कबूल करवाने के लिए पूछताछ के दौरान पिटाई से हुई मौत। सरल शब्दों में कहें तो पुलिस की हिरासत के दौरान अभियुक्त की मौत हो तो उसे ‘हिरासत में मौत’ माना जाता है।

आरोपियों के घर बुलडोजर से गिराना कानूनी है या गैरकानूनी

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पिछले कुछ समय से यह देखा जा रहा है कि समाज में अपराधियों के प्रति तुरंत बदले की कार्रवाई करने की भावना बहुत जोर शोर से उठाई जा रही है समाज में यह इच्छा प्रबल हो रही है कि अपराधियों को तुरंत दंड मिले चाहे वह शारीरिक हो या आर्थिक। हैदराबाद में वेटरनरी डॉक्टर के बलात्कार के बाद जलाकर मार डालने के आरोपियों को पुलिस के द्वारा जब उसी मौके पर जांच के लिए ले जाया गया और वहां उन्हें गोली मार दी गई तो जनता ने उन पुलिस अधिकारियों का सम्मान फूल बरसा कर उनकी जय-जयकार के नारे लगाकर किया था।

चैक बाउंस होने पर क्या करें ?

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चेक बाउंस क्या है? सिर्फ अकाउंट में पैसे नहीं होने की वजह से ही चेक बाउंस होता है? लिखी गई राशि अकाउंट में ना होना या उससे कम राशि होने के कारण भुगतान ना होना चेक देने वाले का अकाउंट बंद हो गया हो चेक देने वाले का हस्ताक्षर अकाउंट में दर्ज हस्ताक्षर से मिलान नहीं हो रहा हो चेक पर ओवरराइटिंग हुई हो चेक की समय सीमा समाप्त हो गई हो नकली चेक का संदेह हो कंपनि या फर्म के चैट में उसकी मुहर ना हो ओवरड्राफ्ट की लिमिट को पार करता हो चेक रिटर्न मेमो किसे कहते हैं?

मध्यप्रदेश में अपराध पीड़ित को मुआवजा देने की प्रक्रिया और कानून

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मध्यप्रदेश अपराध पीड़ित प्रतिकर योजना, 2015 दण्ड प्रक्रिया संहिता, 19 73 की धारा 357-क की उपधारा (1 ) और (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों के अंतर्गत , राज्य सरकार, ने केन्द्र सरकार के साथ मिलकर ऐसे अपराध पीड़ितों या उनके आश्रितों को, जिन्हें अपराध के परिणामस्वरूप हानि या क्षति कारित हुई है और जिन्हें पुनर्वास की आवश्यकता है, प्रतिकर के लिए निधियां (फंड) उपलब्ध कराने और प्रतिकर (मुआवज़ा) की मात्रा का विनिश्चय करने के लिए यह योजना बनाई गयी है।

‘Only Yes Means Yes’ Campaign

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The concept of “Only Yes Means Yes” People all over the world are running campaigns on social media and newspapers ‘Only yes means yes’. This campaign is being run for awareness regarding consent of women in any sexual act. It has become a movement. In this, people are trying to convince the governments, courts and law makers of their respective countries that the silence of the victim in any crime should not be considered as her consent.

सिर्फ ‘हाँ’ का मतलब ही ‘हाँ’ है – ओनली यस मीन्स यस

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‘ओनली यस मीन्स यस’ क्या है ? दुनिया भर में लोग सोशल मीडिया और अख़बारों में कैम्पेन चला रहे हैं ‘ओनली यस मीन्स यस’। यह कैम्पेन किसी सैक्सुअल एक्ट में औरतों की सहमति के सम्बंध में जागरूकता के लिए चलाई जा रही है। यह एक आंदोलन बन गया है। इसमें लोग अपने अपने देश की सरकारों, न्यायालयों और कानून बनाने वालों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं कि किसी अपराध में पीड़िता की खामोशी को उसकी सहमति न माना जाए। क्यूंकि ऐसा करने से अपराधियों को उचित सजा नहीं मिलेगी और यह गंभीर अपराध में पीड़िता के साथ अन्याय होगा।