नवंबर 2021 में जबलपुर की पुलिस ने पाया कि जबलपुर में हो रहे कई अपराधों में बड़े चाकू इस्तेमाल किया जा रहे हैं। जांच में पता चला कि यह बड़े चाकू ई-कॉमर्स वेबसाइटों से खरीदे जा रहे हैं। यह ई-कॉमर्स वेबसाइट है इन प्रतिबंधित चाकुओं को सीधे घर पर डिलीवरी कर रही है। पुलिस ने जबलपुर में इन ई-कॉमर्स वेबसाइटों से बड़े चाकू खरीदने और होम डिलीवरी करने पर प्रतिबंध लगा दिया।

आईए जानते हैं कि क्या भारत में चाकू खरीदना, रखना या बेचना अपराध है ?

चाकू कितने तरह के होते हैं?

चाकू कई तरह के होते हैं –

  1. छोटे रसोई चाकू,
  2. कटार,
  3. कृपाण,
  4. खुखरी,
  5. तलवार,

 

6  इंच से बड़ा चाकू रखना अपराध

भारत में 6 इंच से लंबा चाकू रखने पर प्रतिबंध है। सामान्य तौर पर रसोई में इस्तेमाल किए जाने वाले चाकू 6 इंच से छोटे ही होते हैं। इससे लंबा चाकू रखने के लिए आपको लाइसेंस बनवाना होगा। ठीक वैसे ही जैसे बंदूक के लिए बनवाना होता है। लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया और जरूरी दस्तावेज इसी लेख में नीचे दिए गए हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार ने 1990 में साढ़े चार इंच से लम्बी छुरी, चाकू बनाने, बेचने या रखने पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसलिए ध्यान रखें उत्तर प्रदेश में साढ़े चार इंच से लंबे चाकू भी अवैध है।

ऑनलाइन बिक रहे हैं अवैध चाकू

प्रतिबंध के बावजूद ऑनलाइन वेबसाइटों पर यह प्रतिबंध चाकू खूब बिक रहे हैं जिनकी होम डिलीवरी भी की जा रही है। यह कंपनियां कानून से बचने के लिए इन्हें किचन का सामान या खिलौना बात कर होम डिलीवरी कर रही है।

रामपुरी चाकू खरीदने के लिए चाहिए लाइसेंस

उत्तर प्रदेश के रामपुर में बनने वाले प्रसिद्ध रामपुरी चाकू में एक बटन होता है जैसे दबाने पर चाकू बाहर आता है। आमतौर पर 7 इंच से 12 इंच के बीच होती थी। यह फिल्मों में बहुत प्रसिद्ध हुआ करता था। लेकिन 1990 में उत्तर प्रदेश सरकार के साढे चार इंच से लंबे चाकू पर प्रतिबंध लगाने के बाद अब यह लगभग गायक सा हो गया है। हां अब इसकी चाइनीस नकल जरूर बाजार में बिक रही है। हालांकि इसे खरीदने के लिए भी अब आपको लाइसेंस ही लेना होगा।

बंदूक की तरह ही बनता है चाकू का लाइसेंस

आर्म्स एक्ट के अंतर्गत बड़े चाकू रखना भी अपराध है। लेकिन अगर कोई व्यक्ति बड़े चाकुओं का शौक रखता है या आत्मरक्षा के लिए रखना चाहता है तो उसे लाइसेंस के लिए आवेदन करना होगा।  इसके लिए प्रक्रिया नीचे दी गई है।

चाकू के लाइसेंस के लिए आवेदन कैसे करें

चाकू एवं तलवार के लाइसेंस के लिए आपको जिला कलेक्टर यानी डीएम के ऑफिस में आवेदन देना होगा। जिस शहर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू है वहां पर पुलिस कमिश्नर के कार्यालय में आवेदन करना होगा। आवेदन में आपको बताना होगा कि आपको तलवार या चाकू के लाइसेंस की आवश्यकता क्यों है। सामान्य तौर पर चाकू के लाइसेंस के लिए ₹500 का आवेदन शुल्क लिया जाता है। पर या अलग-अलग राज्यों में अलग ही हो सकता है।

तलवार-चाकू के लाइसेंस के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट 

  1. मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट (Medical Fitness Certificate )
  2. निवास प्रमाणपत्र  (Address proof )
  3. आयु प्रमाण पत्र (Age certificate)
  4. चरित्र प्रमाण पत्र (Character certificat)

ऊपर बताए गए दस्तावेजों के अलावा आपको अपने आवेदन में निम्न जानकारियां भी देनी होगी

  1. आपकी संपत्ति की जानकारी
  2. आपकी आय की जानकारी
  3. नौकरी या व्यवसाय  की जानकारी
  4. यदि आपने कोई लोन या उधार ले रखा है तो उसकी जानकारी

आवेदन के पश्चात संबंधित पुलिस थाने से रिपोर्ट मांगी जाती है। पुलिस रिपोर्ट के बाद आवेदक का आवेदन मंजूर कर लिया जाता है।

5 साल के लिए जारी होता है लाइसेंस

चाकू एवं तलवार का लाइसेंस 5 साल के लिए जारी किया जाता है। 5 साल के बाद लाइसेंस रिन्यू कराया जा सकता है।  आमतौर पर रिन्यूअल फीस 100 रुपए होती है।

बिना लाइसेंस के चाकू या तलवार रखने पर कितनी सजा होती है?

बिना लाइसेंस के ये चीजें अपने घर में रखते हैं तो आपको 6 महीने की सजा और जुर्माने लग सकता है।

भारत में चाकू के लिए क्या कानून है?

भारत में अस्त्र-शास्त्र हथियार और गोला बारूद को रखने, बेचने, निर्माण करने आदि से संबंधित कानून है “आर्म्स एक्ट 1959” इसे हिंदी में “आयुध अधिनियम, 1959”  कहा जाता है। किसी अधिनियम में हथियारों को परिभाषित भी किया गया है।

आर्म्स एक्ट 1959 की धारा 2 (ग) में हथियारों को परिभाषित किया गया है।  इसके अनुसार :

“आयुध” से आक्रमण या प्रतिरक्षा के लिए शस्त्रों के रूप में परिकल्पित या अनुकूलित किसी भी वर्णन की वस्तुएं अभिप्रेत हैं और अग्न्यायुध, तीक्ष्ण धार वाले और अन्य घातक शस्त्र और आयुधों के भाग और उनके विनिर्माण के लिए मशीनरी इसके अन्तर्गत आते हैं किन्तु केवल घरेलू या कृषिक उपयोगों के लिए परिकल्पित वस्तुएं, जैसे लाठी या मामूली छड़ी तथा वे शस्त्र जो खिलौनों से भिन्न रूप में उपयोग में लाए जाने के लिए या काम के शस्त्रों में संपरिवर्तित किए जाने के लिए अनुपयुक्त हों, इसके अन्तर्गत नहीं आते हैं “

 

आर्म्स एक्ट 1959 की धारा 4 , 7, 9  व 25 के तहत खतरनाक हथियार रखना वर्जित है। खतरनाक हथियार में 6 इंच से बड़े चाकू तलवार भी आते हैं।

चाकू, तलवार, कटार, भाला, कृपाण, खुखरी तथा अन्य धारदार हथियार जिसके ब्लड की लंबाई 6  इंच से अधिक हो और चौड़ाई 2 इंच से अधिक हो, बिना किसी सरकारी अनुमति के रखना एक गंभीर अपराध है।

6  इंच से अगर ज्यादा साइज का है तो यह अपराध की श्रेणी में आता है। इस अपराध का दंड कम से कम 5 वर्ष और अधिक से अधिक 10 वर्ष तक का कारावास तथा जुर्माना हो सकता है।

घरेलू इस्तेमाल का चाकू इन हथियारों में नहीं आता। आर्म्स एक्ट के तहत सब्जी काटने वाला चाकू ही रखा जा सकता है, लेकिन वह बटन चाकू नहीं होना चाहिए। खेती के उपकरण वैज्ञानिक तथा औद्योगिक उद्देश्य के लिए उपकरण भी इस अपराध की परिधि में नहीं आते हैं।