मध्यप्रदेश में किसी प्रकार की प्राकृतिक आपदा या दुर्घटना होने पर राज्य सरकार के द्वारा सहायता राशि दी जाती है। इसे आर्थिक अनुदान सहायता राशि कहा जाता है। यह सहायता राशि पीड़ित व्यक्ति को अथवा उस आपदा या दुर्घटना में किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाए तो मृतक के निकटतम रिश्तेदार या वारिस को दी जाती है।
किसे नैसर्गिक विपत्ति (प्राकृतिक आपदा) माना जाता है प्राकृतिक आपदा ऐसी घटना होती है जिस पर किसी का वश नहीं होता। इसका अर्थ यह है कि प्राकृतिक आपदा किसी मानविय कारण से नहीं होती, यह प्राकृतिक होती है।
भारत में कई लोगों की मृत्यु सांप के काटने से हो जाती है। बहुत से लोग नहीं जानते कि सांप काटने से किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर राज्य सरकार से मुआवजा राशि के रूप में सहायता प्राप्त होती है। जानकारी के अभाव में शासन से सहायता प्राप्त करने से वंचित हो जाते हैं।
भारत में सांप काटने से हर साल लगभग 64000 लोगों की मृत्यु होती है। यहां सांपों की 276 प्रजातियां मिलती हैं लेकिन इनमें से करीब 20-30 फीसदी सांप जहरीले होते हैं जिनके काटने से व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है।
Registration and Stamp Department
In Madhya Pradesh, the Registration and Stamp Department is authorized to register property. There are four regional Deputy Inspector General of Registration offices in the department,
Bhopal
Indore
Jabalpur
Gwalior
In the year 2023, a total of 51 district registrar offices and 233 sub-registrar offices are functioning in the state. All the offices work under and under the control of the Inspector General of Registration, whose headquarters is at Bhopal.
रजिस्ट्रेशन और स्टाम्प विभाग मध्यप्रदेश में रजिस्ट्रेशन और स्टाम्प विभाग संपत्ति के पंजीयन के लिए अधिकृत है। विभाग में चार क्षेत्रीय उप महानिरीक्षक पंजीयन कार्यालय हैं,
भोपाल इन्दौर जबलपुर ग्वालियर वर्ष 2023 में राज्य में कुल 51 जिला पंजीयक कार्यालय एवं 233 उप पंजीयक कार्यालय कार्यरत हैं। सभी कार्यालय महानिरीक्षक पंजीयन के अधीनस्थ एवं उनके नियंत्रण में कार्य करते हैं, जिनका मुख्यालय भोपाल है।
“सम्पदा” योजना मध्य प्रदेश में सभी प्रकार के दस्तावेजों के रजिस्ट्रीकरण की वेब-इनेबल्ड कम्प्युटराइज़्ड योजना है। इसके लिए हर जिले में सेवा प्रदाताओं को सरकार द्वारा लायसेंस जारी किये गए हैं। बैंकों, डाक घरों एवं अन्य वित्तीय संस्थानों को भी सेवा प्रदाता का लाइसेंस प्रदान किया जा सकता है।
यहां उन सभी दस्तावेजों की सूची दी गई है जिन्हें आपको सहारा रिफंड पोर्टल पर आवेदन करने के लिए आवश्यक है। यदि यह दस्तावेज आपके पास नहीं है तो आप सहारा पोर्टल से अपना पैसा वापस पाने के लिएके लिए आवेदन नहीं कर पाएंगे.
आवेदन करने से पहले ये सभी दस्तावेज एकत्र कर लें ताकि आवेदन करते समय आपको कोई असुविधा न हो।
सहारा रिफ़न पोर्टल पर आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज़ जमा प्रमाणपत्र की स्कैन की गई प्रति
Here is a list of all the documents that you need to apply on the Sahara refund portal. You will not be able to apply for documents.
Before applying, collect all these documents so that you do not have any inconvenience while applying.
Documents Required for the application on the Sahara Refun Portal aadhar number, Mobile number linked with aadhaar Name DOB Fathers name Husband name Email Society Name Membership Number Account number Certificate / passbook number Account opening date Deposit amount Any partial pament received?
<ol> <li> निवासी अपना आधार संख्या पा सकता है आधार सेवा – <a href="https://resident.uidai.gov.in/lost-uideid" target="_blank" rel="noopener">Retrieve Lost UID/EID</a> के उपयोग से। </li> <li> निवासी 1947 कॉल कर सकता है। हमारे सम्पर्क केंद्र प्रतिनिधि उसे अपना ईआईडी संख्या प्राप्त करने में मदद करेंगे। इसके बाद निवासी इस ईआईडी के उपयोग से रेजिडेंट पोर्टल-<a href="https://eaadhaar.uidai.gov.in/#/" target="_blank" rel="noopener">eAadhaar</a> से अपना आधार डाउनलोड कर सकता है। </li> <li> निवासी रेजिडेंट पोर्टल-<a href="https://resident.uidai.gov.in/get-aadhaar-no" target="_blank" rel="noopener">Get Aadhaar Number on Mobile </a>से अपने मोबाईल पर अपना आधार संख्या प्राप्त कर सकता है। </li> <li> निवासी 1947 पर कॉल करके अपनी आधार संख्या ईआईडी से आईवीआरएस सिस्टम पर प्राप्त कर सकता है। </li> </ol> </div>
<p> क) इनकम टैक्स ई-फाइलिंग पोर्टल – <a class="external external-link" href="https://incometaxindiaefiling.gov.in/" target="_blank" rel="noopener">https://incometaxindiaefiling.gov.in/</a> </p> <p> ख) यदि आप पहले से इनकम टैक्स की वेबसाइट पर रजिस्टर्ड नहीं है तो इस पर स्वयं को रजिस्टर करें । आपका पैन (परमानेंट अकाउंट नम्बर) ही आपकी यूज़र आईडी होगी। </p> <p> ग) यूज़र आईडी, पासवर्ड और जन्म तिथि से लॉगिन करें। </p> <p> घ) एक पॉप अप विंडो सामने आएगा, आपको आधार और पैन लिंक करने को कहेगा। ऐसा न होने पर ‘प्रोफाईल सेटिंग’ पर जाएँ और मेनू बार में ‘लिंक आधार’ पर क्लिक करें। </p> <p> ङ) जो जानकारी पैन कार्ड में आपने दर्ज कराई है उसके अनुसार आपका नाम, जन्म तिथि और लिंग आदि विवरण यहाँ पहले से उल्लिखित रहता है। </p> <p> च) यहां पर पैन के विवरण का अपने आधार के विवरण के साथ सत्यापन करें। यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि पैन कार्ड में दी गई जानकारी और आधार कार्ड में दी गई जानकारी अलग-अलग न हो। अगर यह अलग-अलग है तो जिस जगह गलत जानकारी दी गई है उसे सही करवाना होगा। </p> <p> छ) यदि सभी जानकारी सही है तो अपनी आधार संख्या दर्ज करें और “लिंक नाउ” बटन पर क्लिक करें। </p> <p> ज) अब यहां पर आपको पॉप अप मैसेज दिखाई देगा कि आपका आधार सफलतापूर्वक पैन से लिंक हो गया है। </p> <p> झ) आप आधार और पैन को लिंक करने के लिए <a class="external external-link" href="https://www.
आधार क्या है? आधार, भारत सरकार की बेहद महत्व पूर्ण योजना है। इसके तहत संपूर्ण भारत के प्रत्येक नागरिक का नाम पता और बायोमेट्रिक जैसी जानकारी एक केंद्रीय डेटाबेस में इकट्ठा करके उस व्यक्ति को एक विशेष पहचान नंबर जिसे आधार कार्ड नंबर कहा जाता है जारी किया जाता है। यह एक पहचान पत्र है जो संपूर्ण भारत में मान्य है।
यूआईडीएआई (UIDAI) वेबसाइट से डाउनलोड किया गया आधार लेटर या आधार, आधार का उपयुक्त और मान्य रूप है। आधार से जुड़ी सेवाओं के लिए केवल अधिकृत सेवा केंद्र या स्थायी नामांकन केंद्र ही जाएँ।
यदि किसी व्यक्ति ने अपनी जीवन बीमा की पॉलिसी में नॉमिनी के कॉलम में मां या किसी अन्य व्यक्ति का नाम दे दिया है तो उसका क्लेम मां या उसी व्यक्ति को ही मिलेगा। भले ही क्लेम पत्नी और बच्चों की तरफ से क्यों नहीं किया गया हो।
जुलाई 2023 में राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग (National Consumer Dispute Redressal Commission) ने अपने एक फैसले में
पत्नी एवं बच्चों को बीमा पॉलिसी क्लेम देने से इनकार कर दिया क्योंकि बीमा पॉलिसी में नॉमिनी की तौर पर मृतक की मां का नाम दर्ज था।