जनहित याचिका क्या है, कैसे लगाते हैं, कब याचिकाकर्ता पर जुर्माना लगता है ?

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जनहित याचिका क्या होती है जब किसी ऐसे मुद्दे पर जो आम लोगों के हित में जुड़ा हुआ हो, न्यायालय के समक्ष किसी भी आम व्यक्ति के द्वारा याचिका दायर की जाती है उसे जनहित याचिका कहा जाता है। सितंबर 2023 में दिल्ली उच्च न्यायालय ने इलेक्ट्रिक व्हीकल से संबंधित एक मामले की जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए कहा कि ” जनहित के मुद्दों का समाधान करने के लिए जनहित याचिका का सिद्धांत विभिन्न फैसलों के माध्यम से अदालतों द्वारा विकसित किया गया है, जिसका मकसद उन लोगों की सहायता करना है, जिन्हें क्षति पहुंचाई गई हो या जिनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया गया हो और उनकी शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया गया हो।”

कोरियर डिलेवरी स्कैम : सायबर ठगी का तरीका, महिला के खाते से उड़ाए 1.5 लाख

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साइबर अपराधी लोगों को ठगने के नए-नए तरीके इजाद कर रहे हैं। ऐसा ही एक तरीका है कोरियर डिलीवरी स्कैम। साइबर ठगी के इस तरीके में लोगों को किसी कोरियर की डिलीवरी के लिए एक 5 या 10 रुपये का नॉमिनल शुल्क ऑनलाइन पे करने के लिए कहा जाता है। और जब लोग ठगों की बातों में आ कर पांच या 10 रुपये का पेमेंट कर देते हैं तो उनके अकाउंट से लाखों रुपए उड़ा लिए जाते हैं।

चीनी इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग मोबाइल एप्लीकेशन पर साइबर अपराधियों ने पैसा ठगा, छात्र ने की आत्महत्या

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2022 में एक मामला सामने आया जिसमें बीटेक के एक छात्र द्वारा चीन की इन्वेस्टमेंट ऐप में निवेश करने पर साइबर ठगों द्वारा उसका सारा पैसा हड़प लिया गया, जिसके बाद उसने आत्महत्या कर ली। प्रताप विहार निवासी मुनेंद्र वत्स का 21 वर्षीय बेटा हार्दिक वत्स एबीईएस कॉलेज में बीटेक का छात्र था। 3 नवंबर 2022 को गाजियाबाद जिले के सिद्धार्थ विहार सोसाइटी में उस की 19वीं मंजिल से गिरकर मौत हो गई थी। जांच में सामने आया कि उसने एक चीनी मोबाइल इन्वेस्टमेंट ऐप पर निवेश किया था जिसमें उसने एक बड़ी राशि साइबर ठगों के अकाउंट में ट्रांसफर कर दी थी। वह पैसा डूब जाने पर उसने आत्महत्या कर ली थी।

सेक्सटोर्शन: ऑनलाइन डेटिंग के चक्कर में 2.5 लाख रुपए गवाये

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ऑनलाइन डेटिंग एप पर पार्टनर ढूंढना एक आदमी को भारी पड़ गया। उसने साइबर अपराधियों के चक्कर में आकर लगभग ढाई लाख रुपए गवा दिए। सितंबर 2023 में बेंगलुरु से एक मामला सामने आया है जिसमें 30 वर्षीय युवक को ऑनलाइन डेटिंग एप पर पार्टनर ढूंढना बहुत महंगा पड़ गया। साइबर ठगी का तरीका द न्यू इंडियन एक्सप्रेस मैं छपी एक खबर के अनुसार, 30 वर्षीय युवक ऑनलाइन सोशल मीडिया के माध्यम से एक निकिता नाम की महिला की प्रोफाइल से जोड़ा। यही वह सोशल मीडिया पर एक अन्य व्यक्ति अरविंद शुक्ला यदि संपर्क में आया।

साइबर फ्रॉड होने पर यहां शिकायत करते ही मिलेंगे पूरे पैसे वापस

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साइबर फ्रॉड होने पर तुरंत कंप्लेंट करने से पूरे पैसे वापस मिल सकते हैं। बस आपको पता होना चाहिए कि कहां पर शिकायत दर्ज करवानी है। साइबर अपराध होने के अगले 3 से 4 घंटे बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। आप जितनी जल्दी शिकायत दर्ज करवाएंगे आपके पैसे मिलने की उम्मीद उतनी ज्यादा रहेगी। और आप शिकायत दर्ज करवाने में जितनी देर करते जाएंगे पैसे मिलना उतना ही मुश्किल होता चला जाएगा। क्योंकि तब साइबर अपराधियों के द्वारा फ्रॉड के द्वारा ठगा गया पैसा किसी और बैंक अकाउंट या फिर खाते से पूरा के पूरा निकाला जा सकता है। ऐसा होने पर पैसा बड़ी मुश्किल से वापस मिल पाता है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के गलत इस्तेमाल से हो सकती है 3 साल की जेल, जानिए क्या है कानून

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पिछले कुछ समय से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग बहुत अधिक बढ़ गया है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का अर्थ है कंप्यूटर की ऐसी कृत्रिम बुद्धि जो मनुष्य की तरह सोचने समझने एवं विश्लेषण की शक्ति रखती है। इंटरनेट पर इसका उपयोग सभी बड़ी कंपनियां कर रही हैं। और यह सुविधा अब आम जनता के लिए भी उपलब्ध हो गई है। इसका सबसे अच्छा उदाहरण है चैट जीपीटी नाम की सुविधा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से क्या-क्या काम किए जा रहे हैं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कई तरह की कैलकुलेशन निकालने और उत्तर तलाशने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

150 रुपये की पार्ट टाइम जॉब के चक्कर में लगा 10 लाख का चूना

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ऑनलाइन जॉब सर्च करते समय कई लोग ऑनलाइन साइबर अपराधियों का शिकार हो रहे हैं। Lawforce.in के द्वारा लोगों को लगातार जागरूक एवं सतर्क किया जा रहा है कि ऑनलाइन जॉब सर्च करते समय बेहद सावधानी बरतें। सितंबर 2023 में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया जिसमें मुंबई के एक फुटबॉल कोच जोएल को पार्ट टाइम जॉब स्कैम में 9.87 लाख रुपये का चूना साइबर अपराधियों द्वारा लगा दिया।

शिक्षा मंत्रालय की फर्जी वेबसाइट बनाकर नौकरी के लिए धोखाधड़ी

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<div> जैसे कि &#8211; </div> <div> </div> <ul> <li> https://sarvashiksha.online </li> <li> https://samagra.shikshaabhiyan.co.in </li> <li> https://shikshaabhiyan.org.in </li> </ul> <p> शिक्षा मंत्रालय ने नौकरी के लिए आवेदन कर रहे व्यक्तियों से इस प्रकार की फर्जी वेबसाइट फिर सतर्क रहने की सलाह दी है और कहा है कि ऐसी वेबसाइटों पर भुगतान करने से भी सतर्क रहें। </p> <div class="twitter-tweet twitter-tweet-rendered"> </div> </div>

हॉलिडे पैकेज बुक करने के नाम पर 23 साल के लड़के ने फर्जी वेबसाइट बनाकर 1 लाख रुपए उड़ाए

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<div> </div> <div> महिला ने बताया कि उसके बाद उसका वेबसाइट से कोई संपर्क नहीं हो पा रहा था। वेकेशन का समय भी आ गया था लेकिन कुछ फर्जी वेबसाइट की तरफ से कोई रिस्पांस नहीं मिल रहा था। तब उस महिला को एहसास हुआ कि उसके साथ साइबर फ्रॉड हुआ है। महिला ने पुलिस को इस बात की शिकायत की और तब पुलिस ने इस शिकायत को आधार बनाकर अपनी जांच मैं आकाश को दोषी पाया और उसे गिरफ्तार किया। </div> <div class="slide"> <div> मामले की जांच कर रहे उप-निरीक्षक राजेश गराड ने कहा कि आकाश ने लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए फर्जी वेबसाइट बनाई और करीब 20 अलग-अलग लोगों के साथ ठगी को अंजाम दिया। आकाश पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 के तहत मामला दर्ज करके जेल भेज दिया गया है। </div> <div> </div> </div> <div class="slide"> <ul> <li> सबसे पहले तो विश्वसनीय वेबसाइट पर ही विजिट करें। </li> <li> ध्यान रखें गूगल पर मिलने वाली हर वेबसाइट सही नहीं होती है। </li> <li> वेबसाइट का डोमेन नेम ध्यान से चेक करें, कहीं ऐसा तो नहीं कि साइबर अपराधियों ने मिलते जुलते नाम की कोई फर्जी वेबसाइट बनाई हो। यह साइबर अपराधी बहुत बारीकी से असली देखने जैसी नकली वेबसाइट तैयार करते हैं। </li> <li> वेबसाइट के यूआरएल में &#8220;https://&#8221; और एड्रेस बार में एक पैडलॉक यानी ताले का चिन्ह अवश्य देखें। </li> <li> अगर कोई नई मोबाइल एप्लीकेशन या सॉफ्टवेयर आपसे इंस्टॉल करवाया है तो सतर्क हो जाएं यह साइबर अपराधी हो सकते हैं जो आपके डिवाइस को हैक करके आप को चुना लगा सकते हैं। </li> <li> उस वेबसाइट के रिव्यू, रेटिंग और फीडबैक अन्य वेबसाइटों पर भी देखें, अगर वह फर्जी वेबसाइट होगी तो हो सकता है कई अन्य लोगों ने भी उस वेबसाइट की शिकायत अन्य ऑनलाइन फोरम और रिव्यू वेबसाइट के ऊपर की होगी। </li> <li> बुकिंग और पेमेंट करते समय विशेष सावधानी बरतें। </li> <li> ओटीपी भूल कर भी किसी व्यक्ति को ना बताएं। </li> </ul> </div>

सरकार की चेतावनी: आधार का हो सकता है गलत इस्तेमाल, फेसबुक व्हाट्सएप पर किसी को ना शेयर करें

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कई बार हम एड्रेस प्रूफ या फिर किसी अन्य उपयोग के लिए अपने आधार कार्ड को फेसबुक या व्हाट्सएप या ईमेल पर किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ शेयर कर देते हैं, इसके बाद हमें यह भी पता नहीं रहता की वह व्यक्ति उस आधार कार्ड का किस तरह से इस्तेमाल कर सकता है. व्यक्ति गलत इरादे के साथ आधार का दुरुपयोग कर सकता है नकली दस्तावेज तैयार कर सकता है, एवं आपको किसी कानूनी मुसीबत में भी उलझा सकता है.