भारत में कई लोगों की मृत्यु सांप के काटने से हो जाती है। बहुत से लोग नहीं जानते कि सांप काटने से किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर राज्य सरकार से मुआवजा राशि के रूप में सहायता प्राप्त होती है। जानकारी के अभाव में  शासन से सहायता प्राप्त करने से वंचित हो जाते हैं।

भारत में सांप काटने से हर साल लगभग 64000 लोगों की मृत्यु होती है। यहां सांपों की 276 प्रजातियां मिलती हैं लेकिन इनमें से करीब 20-30 फीसदी सांप जहरीले होते हैं जिनके काटने से व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है।

सांप काटने से हुई मृत्यु को शासन द्वारा  ‘आपदा से हुई मृत्यु’ माना जाता है। सरकार की तरफ से मुआवजे के तौर पर ₹400000 की मदद मिलती है। यह अलग अलग राज्य में अलग अलग हो सकती है। राज्य सरकार के नियमों के अनुसार 48 घंटे में कार्रवाई पूरी कर मुआवजे की राशि मृतक के सबसे नजदीकी संबंधी के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दी जाती है।

उत्‍तर प्रदेश, मध्य प्रदेश सहित कई राज्‍यों में सांप काटने से मृत्यु होने पर मृतक के परिवार को 4 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाता है।  वहीं अगर सांप काटने से किसी किसान की मौत हुई है तो उसे 1 लाख रुपये किसान बीमा योजना के तहत इसी क्षतिपूर्ति राशि में जोड़कर दिया जाता है।  केरल में तो बर्र जिसे ततैया भी कहते हैं,  या जहरीली मक्‍खी के काटने से हुई मौत पर भी मुआवजा की घोषण की जा चुकी है।

नीचे मध्यप्रदेश राज्य में सांप काटने से होने वाली मृत्यु पर क्या प्रक्रिया अपनानी है, उसके बारे में विस्तार से बताया गया है।

मध्यप्रदेश में सांप काटने से व्यक्ति की मृत्यु पर मुआवजे की प्रक्रिया :

  1. पुलिस को सूचना दें।
  2. ग्रामीण क्षेत्र में राजस्व विभाग द्वारा गांव का चौकीदार नियुक्त किया जाता है, उस क्षेत्र के चौकीदार, को सूचना दें।
  3. चौकीदार अपने ऊपर के अधिकारियों को जैसे पटवारी, राजस्व निरीक्षक, एसडीएम, व अन्य राजस्व अधिकारियों को सूचित करेगा।
  4. इसके बाद राजस्व अधिकारी खासतौर पर उस क्षेत्र का पटवारी आकर मौके पर जांच करेंगे एवं प्रपत्र क्रमांक -2 भरेंगे।
  5. मौके पर पंचनामा बनाने की कार्यवाही भी होती है।
  6. पंचनामें में गवाहों के हस्ताक्षर करवाए जाते हैं।
  7. प्रपत्र क्रमांक 2 में मृतक के परिवार के सदस्य के हस्ताक्षर करवाए जाते हैं।

मध्यप्रदेश में सांप काटने से मृत्यु होने पर कौन से दस्तावेज अनिवार्य हैं :

  1. मृतक का आधार कार्ड
  2. मृतक के सबसे निकटतम संबंधी का आधार कार्ड
  3. मृतक के निकटतम संबंधी का बैंक अकाउंट नंबर, आईएफएससी कोड (IFSC)
  4. मृतक के निकटतम संबंधी की बैंक पासबुक के पहले पेज की फोटो कॉपी