चिकित्सीय लापरवाही (Medical Negligence) क्या है, शिकायत कैसे और कहाँ करें

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चिकित्सीय लापरवाही क्या है? किसी चिकित्सा के क्षेत्र से जुड़े किसी प्रोफेशनल व्यक्ति जैसे चिकित्सा नर्स टेक्नीशियन डेंटिस्ट हॉस्पिटल या हॉस्पिटल स्टाफ जो की मरीजों की देखभाल एवं इलाज के लिए सेवाएं प्रदान करते हैं, उनके द्वारा कोई लापरवाही अथवा दुर्व्यवहार किया गया है, अथवा ऐसा कोई कार्य किया गया है जो की चिकित्सा क्षेत्र के स्थापित मानकों से अलग है या विपरीत है, चिकित्सीय लापरवाही कहलाता है। रोगी की उचित देखभाल करने में विफल रहना चिकित्सीय लापरवाही होता है।

ईशनिंदा क्या होती है, भारत में ईशनिंदा कानून और सजा क्या हैं ?

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हाल के दिनों में ईशनिंदा (Blasphemy) पर एक बार फिर से बहस शुरू हो गई है। धार्मिक कट्टर इसके लिए कठोर से कठोर कानून और मौत की सजा का प्रावधान की मांग कर रहे हैं। आईये समझते हैं यह क्या है, इसके लिए क्या कानूनी प्रावधान है और इसके क्या दुष्परिणाम है। दिसंबर 2023 में कश्मीर में ईशनिंदा की घटना नवंबर और दिसंबर 2023 में कश्मीर के श्रीनगर के NIT में एक घटना सामने आई। NIT कश्मीर के मुस्लिम छात्रों ने एक हिंदू छात्र पर ईश निंदा यानी ब्लेस फेमी का आरोप लगाया। उन्होंने संस्थान में प्रदर्शन करते हुए पढ़ाई-लिखाई बंद करवा दी और हॉस्टल खाली करवा दिया। किसी बड़ी दुर्घटना को होने से रोकने के लिए संस्थान में भारी पुलिस बल और अर्ध सैनिक बल तैनात करने पड़े।

क्रेडिट कार्ड में खर्च करो और पैसा कमाओ, जाने क्या है तरीका

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क्रेडिट कार्ड से कमाए पैसा खर्च करने के लिए क्रेडिट कार्ड कंपनी देगी आपको पैसा क्रेडिट कार्ड में खर्च करो और पैसा कमाओ, जाने क्या है तरीका क्या आप भी क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करते हैं, जानिए इसे पैसा कैसे बनाएं क्या क्रेडिट कार्ड से पैसे भी कमा सकते हैं जी हां, सुनने में यह अजीब सा लग रहा है लेकिन हम आपको बताएंगे कि क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करके आप पैसा कैसे बना सकते हैं।

ऑनलाइन सस्ते होम या पर्सनल लोन के नाम पर हो रही साइबर ठगी, कैसे बचें

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साइबर अपराधी ऑनलाइन लोन देने के नाम पर ठगी कर रहे हैं। आम लोगों को सस्ते होम लोन या पर्सनल लोन देने का लालच देते हैं और फिर लोन के जाल में फंसा लेते हैं। आम आदमी शिकायत भी नहीं कर पाता क्योंकि उसने पैसे लिए तो होते ही हैं। लोन के नाम पर साइबर ठगी के तरीके ऑनलाइन सस्ता लोन देने का वादा करके महंगा लोन दे देना। ऑनलाइन किस्तों में हेरा फेरी करके दिए गए अमाउंट से ज्यादा पैसे वसूल लेना प्रोसेसिंग फीस या डॉक्यूमेंटेशन फीस जैसे अतिरिक्त शुल्क लगाकर ज्यादा पैसे वसूल लेना आपसे एडवांस पैसे लेकर लोन ना देना लोन वसूली के लिए आपको धमकियां देना और ब्लैकमेल करना लोन वसूली के लिए आपके दोस्तों घरवालों और रिश्तेदारों को फोन करना और धमकियां देना आपसे ब्लैंक चेक लेकर उसे खुद भर के चेक बाउंस का केस लगा देना किसी बड़े बैंक या फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन का नाम लेकर किसी फर्जी कंपनी से लोन दे देना चाइनीस मोबाइल एप्लीकेशन या एप से पैसे लोन दे देना जिस पर भारत के कानून लागू नहीं होते हैं, या जिसका हेडक्वार्टर भारत में नहीं है लोन के नाम पर कैसे सायबर अपराधी आपको ठगते हैं जालसाजों द्वारा ऋण देने के लिए फर्जी विज्ञापनजालसाज बहुत ही आकर्षक और कम दर पर व्यक्तिगत ऋण देने के लिए नकली विज्ञापन सोशल मीडिया या अखबार में जारी करते हैं। साइबर ठग आसान या कम ब्याज दरों या आसान पुनर्भुगतान विकल्प या बिना कोई गारंटी के या फिर

लाठी बंदूख या हथियार रखने के लिए आर्म्स एक्ट 1959 की धारा 25 में कितनी सजा है

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कानून की भाषा आम बोलचाल की भाषा से थोड़ी अलग होती है। इसलिए इसे समझने के लिए हमें उन शब्दों के अर्थ समझना होंगे जो आम बोलचाल की भाषा में प्रयोग में नहीं आते लेकिन कानून की भाषा में प्रयोग किए जाते हैं। आयुक्त अधिनियम 1959 की धारा 25 में ऐसे ही कुछ शब्द इस्तेमाल किए गए हैं पहले उन्हें समझना आम बोलचाल की भाषा में क्या कहते हैं। इससे धारा 25 में क्या कहा गया है वह समझने में आसानी होगी।

भारत के कितने नाम हैं? भारत, इण्डिया या हिंदुस्तान सही नाम क्या है?

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2023 में माननीय उच्चतम न्यायालय के समक्ष एक याचिका दाखिल हुई जिसमें कहा गया था कि भारत का एक नाम ‘इंडिया’ ग्रीक शब्द इंडिका से आया है। संविधान से इस नाम को हटाया जाना चाहिए। याचिका में मांग की गई थी कि उच्चतम न्यायालय केंद्र सरकार को निर्देश दे कि संविधान के अनुच्छेद-1 में बदलाव कर देश का नाम केवल भारत करे। सुप्रीम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच ने याचिका को ख़ारिज करते हुए इस मामले में दख़ल देने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि – “संविधान में पहले से ही “भारत” नाम का का उल्लेख किया गया है। भारत के संविधान के पहले अध्याय में लिखा है – ‘इंडिया डैट इज़ भारत.

भारत में राजनीति का अपराधीकरण

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भारत में राजनीति का अपराधीकरण भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है यहां जनप्रतिनिधियों का चुनाव जनता के बीच से ही किया जाता है। लेकिन लोकतांत्रिक व्यवस्था होने के कारण अपराधी भी विधायिका यानी विधानसभाओं और संसद में पहुंच जाते हैं। वे अपराधी न सिर्फ चुनाव जीत कर संसद में और विधानसभा में बैठते है, बल्कि पूरे देश के लिए कानून भी बनाते हैं। विधायिका में बैठकर यह अपराधी पूरे देश के लिए कानून बनाते हैं। एक स्वस्थ लोकतंत्र और देशहित के लिए यह व्यवस्था उचित नहीं है।

छत्तीसगढ़ राज्य में प्राकृतिक आपदा से क्षति या मृत्यु होने पे मिलेगा 4 लाख तक मुआवजा

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छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में प्राकृतिक आपदा से होने वाली क्षति पर दिया जाने वाला मुआवजा बढ़ा दिया है। यह फैसला जून 2022 में किया गया। ध्यान देने वाली बात है कि प्राकृतिक आपदा से होने वाली क्षति के मुआवजे को 33 अलग-अलग श्रेणियों में बांटा गया है। अब पंजीकृत भूमिहीन श्रमिक की आजीविका क्षति होने पर भी मिलेगा मुआवजा प्राकृतिक आपदा से होने वाले मुआवजा में यह एक नया मुआवजा भी जोड़ा गया है। अब पंजीकृत भूमिहीन मजदूरों की किसी हादसे की वजह से क्षति होने पर उस हादसे की दिनांक से 30 दिन तक परिवार के दो सदस्यों को मनरेगा की दर से आर्थिक मदद दी जाएगी। यानी जिस दिन वह हादसा हुआ है उस दिन से उस परिवार को मनरेगा की दर से 2 लोगों के भुगतान के बराबर 30 दिनों का भुगतान किया जायेगा।

जनहित याचिका क्या है, कैसे लगाते हैं, कब याचिकाकर्ता पर जुर्माना लगता है ?

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जनहित याचिका क्या होती है जब किसी ऐसे मुद्दे पर जो आम लोगों के हित में जुड़ा हुआ हो, न्यायालय के समक्ष किसी भी आम व्यक्ति के द्वारा याचिका दायर की जाती है उसे जनहित याचिका कहा जाता है। सितंबर 2023 में दिल्ली उच्च न्यायालय ने इलेक्ट्रिक व्हीकल से संबंधित एक मामले की जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए कहा कि ” जनहित के मुद्दों का समाधान करने के लिए जनहित याचिका का सिद्धांत विभिन्न फैसलों के माध्यम से अदालतों द्वारा विकसित किया गया है, जिसका मकसद उन लोगों की सहायता करना है, जिन्हें क्षति पहुंचाई गई हो या जिनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया गया हो और उनकी शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया गया हो।”

बरसात में मकान गिरने पर सरकार से मिलता है 1 लाख का मुआवजा, जानिए क्या है तरीका

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बरसात के दिनों में अतिवृष्टि (अतयधिक बारिश) या बाढ़ की वजह से घर गिरने की घटनाएं अक्सर सामने आती रहती हैं। मकान गिरने की घटनाओं से ग्रामीण क्षेत्र के लोग तुलनात्मक रूप से अधिक प्रभावित होते हैं। आइये जानते हैं प्राकृतिक आपदा जैसे की बाढ़ या अतिवृष्टि (अत्यधिक बारिश होने) से मकान को हुई क्षति में क्या प्रावधान है, जिनकी जानकारी आमजन को होनी चाहिए, एवं मकान को क्षति होने पर मध्यप्रदेश सरकार द्वारा कितना मुआवजा दिया जाता है।