बरसात के दिनों में अतिवृष्टि (अतयधिक बारिश) या बाढ़ की वजह से घर गिरने की घटनाएं अक्सर सामने आती रहती हैं। मकान गिरने की घटनाओं से ग्रामीण क्षेत्र के लोग तुलनात्मक रूप से अधिक प्रभावित होते हैं।

आइये जानते हैं प्राकृतिक आपदा जैसे की बाढ़ या अतिवृष्टि (अत्यधिक बारिश होने) से मकान को हुई क्षति में क्या प्रावधान है, जिनकी जानकारी आमजन को होनी चाहिए, एवं मकान को क्षति होने पर मध्यप्रदेश सरकार द्वारा  कितना मुआवजा दिया जाता है।

पूरी तरह से नष्ट मकान के लिए मुआवज़ा

नीचे बताई गयी मुआवजा राशि पूर्ण रूप से अर्थात 100% क्षति के लिए दी जाती है। इसमें भी मकान के प्रकार पर इस राशि का निर्धारण किया जाता है।

  1. यदि मकान पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गया हो व मकान पक्का हो तो वास्तविक क्षति के आकलन के आधार पर अधिकतम ₹95,100/- और इंटीग्रेटेड एक्शन प्लान जिलों में अधिकतम ₹1,01,900/- प्रति मकान के लिए प्रावधान है।
  2. इसी प्रकार यदि मकान कच्चा है वह इसमें भी पूर्ण क्षति हो गई है तो वास्तविक क्षति के आकलन के आधार पर अधिकतम ₹95100 प्रति मकान और इंटीग्रेटेड एक्शन प्लान जिलों में अधिकतम ₹1,01,900/- प्रति मकान के लिए देने का प्रावधान है।
  3. इसी क्रम में यदि झुग्गी झोपड़ी जिन से तात्पर्य कच्चे घर जिनमे घास फूस, मिट्टी, प्लास्टिक शीट, आदि से निर्मित आवास है, यदि पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, तो इनके लिए वास्तविक क्षति के आकलन के आधार पर अधिकतम ₹6,000 देने का प्रावधान है।

50% से अधिक क्षति के लिए मुआवजा

आइये अब हम गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त आवास, जहां क्षति का प्रतिशत 50% से अधिक हो के लिए प्रावधानित राशि के बारे में जानते हैं।

  1. यदि मकान पक्का हो वह गंभीर रूप से छतिग्रस्त हो तो वास्तविक क्षति के आकलन के आधार पर अधिकतम ₹95100 प्रति मकान और इंटीग्रेटेड एक्शन प्लान जिलों में अधिकतम ₹101900 प्रति मकान के लिए प्रावधान वित्त है
  2. यदि मकान कच्चा हो एवं गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो तो वास्तविक क्षति के आकलन के आधार पर अधिकतम 95100 प्रति मकान और इंटीग्रेटेड एक्शन प्लान जिलों में अधिकतम 101900 प्रति मकान के लिए प्रावधान्वित है
  3. इसी श्रेणी में यदि झुग्गी झोपड़ी निमृत और ठोस मिट्टी प्लास्टिक शीट आदि से निर्मित घर यदि गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हैं तो वास्तविक क्षति के आकलन के आधार पर अधिकतम ₹2000 प्रावधान वित्त हैं।

जहाँ क्षति 15 से 50% के बीच हुई हो

अब हम आशिक क्षतिग्रस्त मकान के संबंध में जानते हैं जहां क्षति का प्रतिशत 15 से 50% के बीच होता है .

  1. यदि पक्का मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त है तो वास्तविक क्षति के आकलन के आधार पर अधिकतम ₹5,200/- प्रति मकान के लिए मुआवजे का प्रावधान है।
  2. यदि कच्चा मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त है तो वास्तविक क्षति के आकलन के आधार पर अधिकतम ₹3200 प्रति मकान के लिए मुआवजे का प्रावधान है।
  3. यदि झुग्गी झोपड़ी अर्थात ठोस मिट्टी प्लास्टिक सीट आदि से निर्मित घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त है तो वास्तविक शक्ति के आकलन के आधार पर अधिकतम₹1000 प्रति झुग्गी झोपड़ी के लिए मुआवजे का प्रावधान है।

पशु घर के गिरने पर मुआवजा

पशु घर के क्षतिग्रस्त हो जाने पर भी मुहावरे का प्रावधान है परंतु उसके लिए शर्त यह है कि पशु घर मकान से संलग्न होना चाहिए इसके लिए वास्तविक आकलन के आधार पर 2,100/- रुपए प्रति पशु घर के हिसाब से प्रावधान है।

किसे पक्का मकान कहेंगे और किसे कच्चा मकान

पक्के मकान से तात्पर्य है जिसकी दीवारें और छत स्थाई स्वरूप की हो, अर्थात जो धातु (मेटल ), पत्थर या कंक्रीट, पके हुए खपरे (कबेलू) आदि से बना हो।
कच्चे मकान से तात्पर्य है जिसकी दीवारें और छत अस्थाई स्वरूप की हो अर्थात घास फूस, प्लास्टिक शीट, लकड़ी, बिना पक्की ईट, कच्ची मिट्टी आदि से बना हो।

एक ही बड़े पक्के मकान में यदि एक से अधिक परिवार निवास कर रहे हो तो इस स्थिति में मुआवजा के क्या प्रावधान

कई बार ऐसी स्थिति होती है कि एक बड़े संयुक्त मकान में कई परिवार अलग-अलग निवास करते हैं। ऐसी स्थिति में हर अलग परिवार को अलग से मुआवजा देने के लिए कुछ प्रावधान किए गए हैं।

प्रत्येक परिवार को सहायता राशि अलग अलग  दिए जाने के लिए जांच अधिकारी निम्न चीज़ों को ध्यान में रखेंगे :

  1. एक ही बड़े मकान में एक से अधिक परिवार निवास करते हैं,
  2. ऐसे परिवारों के मुखिया के पास प्रथक प्रथक राशन कार्ड है,
  3. उस परिवार का मुखिया उस बड़े मकान में अपने अंश (हिस्से) के मकान का स्वयं रखरखाव भी कर रहा है,
  4. मकान में अपने अंश के लिए ग्राम पंचायत अथवा स्थानीय निकाय आदि को संपत्ति कर अथवा अन्य करों (टैक्स) का भुगतान पृथक से कर रहा हो।

तो बड़े मकान के ऐसे अंश को पृथक इकाई मानते हुए वास्तविक क्षति का आकलन का निर्धारित मानदंड अनुसार सहायता राशि वितरण करवाई जाएगी।

जहाँ प्राकृतिक प्रकोप या आग लगने के कारण मकान पूर्ण रूप से नष्ट गया हो

जहाँ किसी प्राकृतिक प्रकोप या आग लगने के कारण मकान पूरी तरह से नष्ट हो गया हो उस में मुआवजे के संबंध में कुछ विशेष नियम हैं।

प्राकृतिक प्रकोप या आग लगने के कारण मकान पूर्ण रूप से नष्ट होने पर प्रभावित परिवार को मकान क्षति के लिए दी जाने वाली आर्थिक सहायता राशि के अतिरिक्त प्रति परिवार के मान से तत्कालीन सहायता के रूप में 200 वर्ग फीट एलडीपीई शीट के लिए राशि ₹300 दी जाती है।

मुआवजा राशि प्राप्त करने के लिए क्या किया जाए

मुआवजा राशि प्राप्त करने के लिए तहसील कार्यालय या कहीं और जाकर आवेदन करना जरूरी नहीं है। बल्कि आप अपने क्षेत्र के राजस्व अधिकारी अथवा कर्मचारी अथवा ग्राम कोटवार को सूचना दे सकते हैं।

मामला संज्ञान में आते ही राजस्व अधिकारी कर्मचारी स्वयं ही स्वविवेक से जांच उपरांत मुआवजा प्रकरण तैयार करवाते हैं एवं अग्रिम कार्यवाही करते हैं।

सहायता राशि पाने के लिए जरूरी दस्तावेज

  1. विपत्ति ग्रस्त व्यक्ति / मुखिया के आधार कार्ड की छाया प्रति
  2. बैंक खाते (पासबुक) की छाया प्रति
  3. समग्र परिवार आईडी
  4. आरबीसी 6-4 पत्रक -2
  5. हल्का पटवारी द्वारा जांच उपरांत तैयार किया गया पंचनामा
  6. हल्का पटवारी द्वारा जांच उपरांत तैयार किया गया प्रतिवेदन

पंचनामा, प्रतिवेदन एवं आरबीसी 6-4 पत्रक जैसे विभागीय दस्तावेज हल्का पटवारी स्वयं संबंधित कार्यालय में तैयार करके प्रस्तुत करते हैं।