ऑनलाइन जॉब फ्रॉड हाल के वर्षों में बढ़ रहे हैं क्योंकि अधिक से अधिक लोग ऑनलाइन रोजगार के अवसरों की तलाश कर रहे हैं। ये धोखाधड़ी कई रूपों में हो सकती हैं, जैसे कि फर्जी जॉब पोस्टिंग, फिशिंग ईमेल और ऐसी योजनाएं जहां जालसाज खुद को एक वैध नियोक्ता के रूप में प्रस्तुत करता है और नौकरी चाहने वाले से व्यक्तिगत जानकारी या धन का अनुरोध करता है।
ऑनलाइन जॉब फ्रॉड बढ़ने का एक कारण यह है कि उन्हें स्थापित करना अपेक्षाकृत आसान है और उनका पता लगाना मुश्किल हो सकता है। जालसाज नकली वेबसाइट और ईमेल पते बना सकते हैं जो वैध प्रतीत होते हैं, और वे बड़ी संख्या में संभावित पीड़ितों तक पहुंचने के लिए सोशल मीडिया और अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का उपयोग कर सकते हैं।
साइबर सुरक्षा महत्वपूर्ण है क्योंकि यह संवेदनशील जानकारी, जैसे व्यक्तिगत डेटा और वित्तीय जानकारी को साइबर अपराधियों द्वारा चोरी या समझौता करने से बचाने में मदद करती है। इसके अतिरिक्त, मजबूत साइबर सुरक्षा उपायों को बनाए रखने से मैलवेयर और वायरस के प्रसार को रोकने में मदद मिल सकती है, जिससे कंप्यूटर सिस्टम को नुकसान या व्यवधान हो सकता है।
आज के डिजिटल युग में, जहाँ व्यक्तिगत और व्यावसायिक गतिविधियों की बढ़ती मात्रा ऑनलाइन संचालित की जाती है, साइबर सुरक्षा का महत्व और भी महत्वपूर्ण हो गया है। कई महत्वपूर्ण अवसंरचना, जैसे कि परिवहन, स्वास्थ्य सेवा और वित्तीय प्रणालियाँ, कार्य करने के लिए इंटरनेट और कंप्यूटर नेटवर्क पर निर्भर हैं। यदि इन प्रणालियों से समझौता किया जाता है, तो इसके व्यक्तियों और समाज के लिए समग्र रूप से गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
Cybersecurity is important because it helps protect sensitive information, such as personal data and financial information, from being stolen or compromised by cybercriminals. Additionally, maintaining strong cybersecurity measures can help prevent the spread of malware and viruses, which can cause damage or disruption to computer systems.
In today’s digital age, where an increasing amount of personal and business activities are conducted online, the importance of cybersecurity has become even more crucial.
डिजिटल सुविधाओं के लोकप्रिय होने से सायबर अपराधियों ने आपके गोपनीय डेटा को चुराने के नए नए तरीके खोजना चालू कर दिया है। अपने डेटा को पूरी तरह सुरक्षित न रखने पर ये जानकारियां सायबर अपराधियों के हाथ लग सकती है। आपकी सुरक्षा सार्वजनिक स्थानों पर आसानी से भेदी जा सकती है । जो व्यक्ति डिजिटल प्लेटफॉर्म के उपयोग में सतर्क नहीं हैं या ऐसे लोग जो तकनीकी वित्तीय इको–सिस्टम से पूरी तरह परिचित नहीं हैं, वे ठगी के तरीकों का आसान शिकार हो रहे हैं। इसलिए जालसाजों द्वारा अपनाई जाने वाली कार्यप्रणाली के बारे में जनता के बीच जागरूकता की अत्यंत आवश्यकता है। आइए जानते हैं ऑनलाइन धोखाधड़ी के यह कौन-कौन से तरीके हैं –
सायबर अपराधी रोज़ ठगने के नए–नए तरीके खोज रहे हैं, विशेष रूप से आम और भोले–भाले लोगों को उनकी गाढ़ी कमाई चुराने के तरीके ईजाद कर रहे हैं। जो व्यक्ति खरीदारी के डिजिटल प्लेटफॉर्म के उपयोग में सतर्क नहीं हैं या ऐसे लोग जो तकनीकी सिस्टम से पूरी तरह परिचित नहीं हैं, वे इस ठगी के तरीकों का आसान शिकार हो रहे हैं। इसलिए जालसाजों द्वारा अपनाई जाने वाली कार्यप्रणाली के बारे में जनता के बीच जागरूकता की अत्यंत आवश्यकता है। आइए जानते हैं ऑनलाइन धोखाधड़ी के यह कौन-कौन से तरीके हैं –
Secure your computer – Use antivirus software, keep the updated.
Always use Authentic softwares. never use Pirated softwares.
Strong Passwords – Use strong passwords with alphabet, numbers and special characters.
Avoide Public computers – Use ‘incognito mode’ – If needed, use ‘incognito or pritvate windoe mode’ while using others computer or networks.
Visit and transect on safe websites only – Browse safe websites only.
check “https://” in website URL.
Avoide imposter website.
कई साइबर एक्सपर्ट्स लोगों को दुकानों, पेट्रोल पंप और ऑनलाइन पेमेंट के लिए डेबिट कार्ड की जगह क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल की सलाह देते हैं। इसकी वजह यह है कि बैंक और क्रेडिट कार्ड इश्यू करने वाली कंपनियां क्रेडिट कार्ड, नेटवर्क और सर्वर की सिक्योरिटी पर बहुत अधिक ध्यान देती हैं। इसकी दूसरी वजह यह है कि डेबिट कार्ड या बैंकिंग धोखाधड़ी में आपके रियल अकाउंट से रियल पैसे चले जाते हैं और काफी मुश्किल और समय लगने के बाद ही ये वापस मिल पाते हैं। दूसरी ओर, क्रेडिट कार्ड में यह जोखिम भी कम होता है क्योंकि अगर आप समय पर फ्रॉड की सूचना देते हैं तो बैंक या क्रेडिट कार्ड इश्यू करने वाली कंपनी मामले की जांच करते हैं और मामला सही पाए जाने पर आपको कुछ भी भुगतान करने की जरूरत नहीं होगी।
डिजिटल वर्ल्ड में सुविधाओं के साथ-साथ साइबर क्राइम और फ्रॉड के केस लगातार बढ़ रहे हैं। फोन को हैक करके बैंक अकाउंट खाली करने के मामले भी अब सामने आने लगे हैं। ऐसा ही मामला महाराष्ट्र से सामने आया है। एक बिजनेसमेन के स्मार्टफोन को कथित तौर पर हैक करके उसके अकाउंट से करीब 99.50 लाख रुपये उड़ा दिए गए हैं।
पुलिस के अनुसार, कथित हैकिंग 6-7 नवंबर के बीच हुई और नेट बैंकिंग के जरिए बिजनेसमेन के बैंक अकाउंट से अन्य अकाउंट्स में पैसा ट्रांसफर किया गया है। बता दें कि हाल ही में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने एक रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश, तेलंगाना के साथ-साथ महाराष्ट्र में साल 2021 में सबसे ज्यादा साइबर क्राइम के मामले देखने मिले हैं।
डार्क वेब क्या है? डार्क वेब इंटरनेट का वह हिस्सा है, जिसे सर्च इंजन पर इंडेक्स नहीं किया जाता है। यह इंटरनेट का एक ऐसा हिस्सा है जहां ड्रग्स, बंदूकें और कई तरह की ख़ूफ़िया सूचानएं बिकती हैं। इसे ‘डार्क वेब’ कहते हैं. इंटरनेट सूचनाओं का एक अंतहीन भंडार है.
लेकिन ज़्यादातर लोग इसके क़रीब 1% को ही इस्तेमाल करते हैं – यानी ‘सरफेस वेब’ . उसके नीचे, ‘डीप वेब’ में वो डेटा होता है, जिसे आप सर्च करके नहीं ढूंढ सकते। 99% इंटरनेट असल में सुरक्षा की इस परत के नीचे होता है, जो पासवर्ड और दूसरी सुरक्षा के पीछे छिपा होता है.