चिकित्सीय लापरवाही क्या है? किसी चिकित्सा के क्षेत्र से जुड़े किसी प्रोफेशनल व्यक्ति जैसे चिकित्सा नर्स टेक्नीशियन डेंटिस्ट हॉस्पिटल या हॉस्पिटल स्टाफ जो की मरीजों की देखभाल एवं इलाज के लिए सेवाएं प्रदान करते हैं, उनके द्वारा कोई लापरवाही अथवा दुर्व्यवहार किया गया है, अथवा ऐसा कोई कार्य किया गया है जो की चिकित्सा क्षेत्र के स्थापित मानकों से अलग है या विपरीत है, चिकित्सीय लापरवाही कहलाता है। रोगी की उचित देखभाल करने में विफल रहना चिकित्सीय लापरवाही होता है।
क्रेडिट कार्ड से कमाए पैसा खर्च करने के लिए क्रेडिट कार्ड कंपनी देगी आपको पैसा क्रेडिट कार्ड में खर्च करो और पैसा कमाओ, जाने क्या है तरीका क्या आप भी क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करते हैं, जानिए इसे पैसा कैसे बनाएं क्या क्रेडिट कार्ड से पैसे भी कमा सकते हैं जी हां, सुनने में यह अजीब सा लग रहा है लेकिन हम आपको बताएंगे कि क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करके आप पैसा कैसे बना सकते हैं।
What is Deceptive Advertising? A deceptive advertisement is one that makes false or misleading claims, or hides important information, in order to persuade consumers to buy a product or service. Deceptive advertising can be found in various forms of media, including television, radio, print and online.
Advertisement and publicity made through television, radio or any other electronic medium, newspapers, banners, posters, handbills, wall writings, etc. and which misrepresents the nature, characteristics, qualities or geographical origin of any goods, services or commercial activity Information intended to mislead consumers is defined as misleading advertising.
पतंजलि को भ्रामक विज्ञापन देने पर उच्चतम न्यायलय की चेतावनी भारत के उच्चतम न्यायलय ने 21 नवंबर 2023 को बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद को मॉडर्न मेडिसिन सिस्टम यानी आधुनिक चिकित्सा प्रणालियों के खिलाफ भ्रामक दावे और विज्ञापन पब्लिश करने को लेकर चेतावनी दी है। पतंजलि आयुर्वेद द्वारा जारी भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने उच्चतम न्यायलय के समक्ष एक याचिका दायर की थी।
मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा- पतंजलि आयुर्वेद को सभी झूठे और भ्रामक दावों वाले विज्ञापनों को तुरंत बंद करना होगा। कोर्ट ऐसे किसी भी उल्लंघन को बहुत गंभीरता से लेगा और हर एक प्रोडक्ट के झूठे दावे पर 1 करोड़ रुपए तक का जुर्माना भी लगा सकता है।
<ol> <li> The right to be protected against the marketing of goods and services which are hazardous to life and property. </li> <li> The right to be informed about the quality, quantity, purity, standard and price of goods or services. </li> <li> The right to be assured, wherever possible, access to a variety of goods and services at competitive prices. </li> <li> The right to seek redressal against unfair trade practices or restrictive trade practices.
कैश रखना आज के समय में एक बड़ी समस्या है इसीलिए कैशलैस ट्रांजैक्शन को वरीयता दी जाने लगी है यूपीआई के अलावा तरह-तरह के कार्ड हम रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल करते हैं यह कार्ड क्या है कौन इन्हें जारी करता है इनकी प्रकार क्या है और इससे संबंधित कानून क्या है आइए इसलिए इस लेख में हम जानते हैं –
बैंकिंग कार्ड के प्रकार – कार्डों को उनके जारी करने, उपयोग और कार्ड धारक द्वारा भुगतान के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है।
आज के जीवन में कंप्यूटर और मोबाइल के आ जाने से सामान और सेवाओं को खरीदने का पूरा परिदृश्य ही बदल गया है। हाथ में रखी मोबाइल से आप दुनिया में कहीं भी कोई भी चीज या सेवा खरीद सकते हैं। इस ई-कॉमर्स की सुविधा के आ जाने से हम सभी का जीवन पूरी तरह से बदल गया है। अधिकांश चीजें हम ऑनलाइन अपने रोजमर्रा की जिंदगी में खरीद रहे हैं। लेकिन इसके साथ ही कुछ खतरे भी जुड़ गए हैं, जिन से बचने के लिए हमें अतिरिक्त सावधानी की आवश्यकता होती है। आइए हम समझते हैं, कि यह ई-कॉमर्स क्या है इससे जुड़े खतरे क्या है और इन से कैसे बचा जा सकता है।
ऑनलाइन इलेक्ट्रॉनिक्स सामान खरीदने पर सावधानी: उपभोक्ता को ऑनलाइन इलेक्ट्रॉनिक्स सामान खरीदने पर निम्नलिखित सावधानी रखनी चाहिए : धयान रखें कि ऑनलाइन सामान विश्वसनीय वेसाइट या इ-कॉमर्स पोर्टल से ही खरीदें। वेबसाइट , निर्माता या भेजे वाले यानि सेलर के रिव्यू देख लें और उसके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर लें यदि आप वेबसाइट पर पहली बार शॉपिंग कर रहें है तो हमेशा कैश ऑन डिलीवरी भुगतान विकल्प का चयन करें। गुणवत्ता जांच, मूल्यांकन आदि के आधार पर अपने उपकरण की उपयोगिता की जांच कर लें उत्पाद के नाप क्षमता और विशेषताओं के बारे में जांच करें आपने जिस उत्पाद का प्रयोग करने का निर्णय लिया है उसकी डिलीवरी के बारे में पूरी जानकारी लें ध्यान दें कि दर्शाए गए चित्र वास्तविक उत्पाद से कुछ भिन्न हो सकते हैं ध्यान दें कि उत्पाद में सुधार के लिए विशिष्टताओं तथा बाहरी डिजाइन को बिना किसी नोटिस के बदला जा सकता है वेबसाईट में उत्पादों के विवरण के संबंध में कृपया कंपनी या उसके वितरक या सेलर से संपर्क करें सामान की गारंटी अथवा वारंटी के बारे में पूरी जानकारी लें सामान की आफ्टर सेल्स सर्विस यह सपोर्ट के बारे में पूरी जानकारी लें शिपिंग प्रभारों, डिलीवरी टाइम और रद्द करने और लौटाने संबंधी नीतियों और वारंटी संबंधी नियमों के बारे में जानकारी के संबंध में अपने को आश्वस्त करें। इलेक्ट्रॉनिक सामान की गारंटी और वारंटी के बीच अंतर को समझें – वारंटी, सामान्यत: किसी उत्पाद की एक लिखित गारंटी होती है और इसमें किसी त्रुटिपूर्ण उत्पाद की मरम्मत या उत्पाद या उसके किसी भाग को बदलने की जिम्मेदारी की घोषणा की जाती है। दूसरी ओर, गारंटी किसी कार्य को करने, कार्यान्वित करने या पूरा करने की जिम्मेदारी समझने का एक समझौता है और उस समझौते को सुरक्षा उपलब्ध कराना है। तथापि, कंपनियां सामान्यत: अपने उत्पादों के संबंध में केवल वारंटी देती हैं।
बैंकों कई बार अपने उपभोक्ताओं को तय किए गए मानकों के हिसाब से सुविधा उपलब्ध नहीं कराते हैं। कई बार उनके द्वारा सेवा में कमी अथवा अतिरिक्त या अनावश्यक शुल्क पर लगा दिया जाता है। ऐसे में उपभोक्ता कहां शिकायत दर्ज करवा सकते हैं यह जानकारी हम आपको दे रहे हैं।
आइए जानते हैं कि बैंकिंग प्रणाली मैं बैंक की कौन सी शिकायतें दर्ज करवाई जा सकती है – A – बैंक शाखा सेवा संबंधी: सेवा में विलम्ब/मनाही की शिकायत गलत या तय किये गए प्रभार से अधिक सेवा प्रभार (ब्याज सहित) बैंक स्टॉफ/डीएसए/बैंक मित्र द्वारा दुर्व्यवहार की शिकायत B – एटीएमस से संबंधित शिकायत: राशि नहीं निकलना किन्तु खाते में पैसे कट जाना एटीएम के माध्यम से निकाली गई धनराशि में भिन्नता C – अन्य शिकायतें असंतोषजनक शिकायत समाधान गलत या पूरे न किए गए वादे शिकायत की प्रक्रिया : सबसे पहले आप उस शाखा में जहां पर आपका खाता है जाकर अपनी शिकायत लिखित में दर्ज करवाएं यदि शाखा में शिकायत का समाधान नहीं होता है तो उपभोक्ता, बैंक के नोडल अधिकारी के पास जा सकता है। आरबीआई के नियम अनुसार नोडल अधिकारी का नाम, पता या अन्य विवरण शाखा में जरूर उपलब्ध होना चाहिए। एटीएम सेवाओं के संबंध में शिकायत – उपभोक्ता को लेनेदेन के विवरण सहित अपने असफल एटीएम लेनदेन की लिखित सूचना तत्काल ही दर्ज करानी चाहिए।
होटल का खाना खराब लगे, तो ग्राहक क्या कर सकता है? अगर आपको लगता है कि आपको परोसे गए खाने में मिलावट है या फिर खाना सही नहीं है, तो आप इसकी शिकायत कर सकते हैं।
होटल का खाना खराब लगने पर ग्राहक कहां और कैसे शिकायत कर सकता है? होटल या रेस्टोरेंट का खाना खराब लगे तो ऐसे शिकायत करें –
जिस खाने का सेंपल आप लेकर आए हैं उसका लैब में टेस्ट करवाएं। खाने में खराबी या मिलावट मिलने पर होटल या रेस्टोरेंट के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी