<ol> <li> निवासी अपना आधार संख्या पा सकता है आधार सेवा – <a href="https://resident.uidai.gov.in/lost-uideid" target="_blank" rel="noopener">Retrieve Lost UID/EID</a> के उपयोग से। </li> <li> निवासी 1947 कॉल कर सकता है। हमारे सम्पर्क केंद्र प्रतिनिधि उसे अपना ईआईडी संख्या प्राप्त करने में मदद करेंगे। इसके बाद निवासी इस ईआईडी के उपयोग से रेजिडेंट पोर्टल-<a href="https://eaadhaar.uidai.gov.in/#/" target="_blank" rel="noopener">eAadhaar</a> से अपना आधार डाउनलोड कर सकता है। </li> <li> निवासी रेजिडेंट पोर्टल-<a href="https://resident.uidai.gov.in/get-aadhaar-no" target="_blank" rel="noopener">Get Aadhaar Number on Mobile </a>से अपने मोबाईल पर अपना आधार संख्या प्राप्त कर सकता है। </li> <li> निवासी 1947 पर कॉल करके अपनी आधार संख्या ईआईडी से आईवीआरएस सिस्टम पर प्राप्त कर सकता है। </li> </ol> </div>
<p> क) इनकम टैक्स ई-फाइलिंग पोर्टल – <a class="external external-link" href="https://incometaxindiaefiling.gov.in/" target="_blank" rel="noopener">https://incometaxindiaefiling.gov.in/</a> </p> <p> ख) यदि आप पहले से इनकम टैक्स की वेबसाइट पर रजिस्टर्ड नहीं है तो इस पर स्वयं को रजिस्टर करें । आपका पैन (परमानेंट अकाउंट नम्बर) ही आपकी यूज़र आईडी होगी। </p> <p> ग) यूज़र आईडी, पासवर्ड और जन्म तिथि से लॉगिन करें। </p> <p> घ) एक पॉप अप विंडो सामने आएगा, आपको आधार और पैन लिंक करने को कहेगा। ऐसा न होने पर ‘प्रोफाईल सेटिंग’ पर जाएँ और मेनू बार में ‘लिंक आधार’ पर क्लिक करें। </p> <p> ङ) जो जानकारी पैन कार्ड में आपने दर्ज कराई है उसके अनुसार आपका नाम, जन्म तिथि और लिंग आदि विवरण यहाँ पहले से उल्लिखित रहता है। </p> <p> च) यहां पर पैन के विवरण का अपने आधार के विवरण के साथ सत्यापन करें। यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि पैन कार्ड में दी गई जानकारी और आधार कार्ड में दी गई जानकारी अलग-अलग न हो। अगर यह अलग-अलग है तो जिस जगह गलत जानकारी दी गई है उसे सही करवाना होगा। </p> <p> छ) यदि सभी जानकारी सही है तो अपनी आधार संख्या दर्ज करें और “लिंक नाउ” बटन पर क्लिक करें। </p> <p> ज) अब यहां पर आपको पॉप अप मैसेज दिखाई देगा कि आपका आधार सफलतापूर्वक पैन से लिंक हो गया है। </p> <p> झ) आप आधार और पैन को लिंक करने के लिए <a class="external external-link" href="https://www.
आधार क्या है? आधार, भारत सरकार की बेहद महत्व पूर्ण योजना है। इसके तहत संपूर्ण भारत के प्रत्येक नागरिक का नाम पता और बायोमेट्रिक जैसी जानकारी एक केंद्रीय डेटाबेस में इकट्ठा करके उस व्यक्ति को एक विशेष पहचान नंबर जिसे आधार कार्ड नंबर कहा जाता है जारी किया जाता है। यह एक पहचान पत्र है जो संपूर्ण भारत में मान्य है।
यूआईडीएआई (UIDAI) वेबसाइट से डाउनलोड किया गया आधार लेटर या आधार, आधार का उपयुक्त और मान्य रूप है। आधार से जुड़ी सेवाओं के लिए केवल अधिकृत सेवा केंद्र या स्थायी नामांकन केंद्र ही जाएँ।
यदि किसी व्यक्ति ने अपनी जीवन बीमा की पॉलिसी में नॉमिनी के कॉलम में मां या किसी अन्य व्यक्ति का नाम दे दिया है तो उसका क्लेम मां या उसी व्यक्ति को ही मिलेगा। भले ही क्लेम पत्नी और बच्चों की तरफ से क्यों नहीं किया गया हो।
जुलाई 2023 में राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग (National Consumer Dispute Redressal Commission) ने अपने एक फैसले में
पत्नी एवं बच्चों को बीमा पॉलिसी क्लेम देने से इनकार कर दिया क्योंकि बीमा पॉलिसी में नॉमिनी की तौर पर मृतक की मां का नाम दर्ज था।
होम लोन लेना अपने आप में एक लंबी प्रक्रिया है जिसके लिए बहुत सारे दस्तावेजों की आवश्यकता होती है, अगर ये सभी दस्तावेज पहले से इकट्ठा कर लिए जाएं तो होम लोन के लिए आवेदन करना आसान है। अन्यथा, किसी एक दस्तावेज़ की कमी के कारण, संपत्ति पर पूरा ऋण अस्वीकार किया जा सकता है या इसमें अनावश्यक रूप से देरी हो सकती है।
इससे बचने के लिए जरूरी है कि हमें पता होना चाहिए कि हमें किन दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी.
Taking a home loan is a long process in itself which requires a lot of documents, if all these documents are gathered in advance then it is easy to apply for a home loan. Otherwise, due to the lack of any one document, the entire loan against property can be rejected or it can be unnecessarily delayed.
To avoid this, it is important that we should know which documents we would need.
लिव-इन संबंधों को संबोधित करने वाला कोई कानून नहीं है। इसीलिए लिव-इन संबंधों में कई बार हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के अलग-अलग तरह के विरोधाभासी फैसले आते रहते हैं। क्योंकि यह उस केस के फैक्ट और मानव अधिकारों पर आधारित होते हैं।
लिव-इन (live-in) संबंधों की वैधानिकता लिव-इन रिलेशनशिप की वैधता भारत के संविधान के अनुच्छेद 21- जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार से जन्मी है।
“जीवन का अधिकार किसी व्यक्ति को हर तरह से जीवन जीने की स्वतंत्रता पर जोर देता है। इसी के अंतर्गत किसी व्यक्ति को अपनी रुचि के व्यक्ति के साथ शादी के साथ या उसके बिना रहने का अधिकार है।
जुलाई 2023 में कर्नाटक उच्च न्यायालय ने दिए गए एक फैसले में दूसरी पत्नी द्वारा 498 A अंतर्गत की गई शिकायत को विचार योग्य नहीं माना। इस मामले में दूसरी पत्नी ने IPC की धारा 498ए के तहत शिकायत दर्ज की थी और निचले कोर्ट ने पति को सजा सुना दी थी। लेकिन कर्नाटक उच्च न्यायालय ने नीचे की कोर्ट के आदेश को पलटते हुए सजा को माफ कर दिया।
मध्य प्रदेश में संपत्ति खरीदने में कई कानूनी दस्तावेज शामिल होते हैं। इन सब की जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है.
संपत्ति खरीदने के लिए आवश्यक दस्तावेज़ यहां दिए गए हैं:
विक्रय विलेख (Sale Deed) यह प्राथमिक कानूनी दस्तावेज है जो विक्रेता से खरीदार को स्वामित्व के हस्तांतरण को स्थापित करता है। इसमें संपत्ति, खरीदार, विक्रेता और सहमत बिक्री मूल्य का विवरण शामिल है।
टाइटल डीड (Title Deed) यह सुनिश्चित करने के लिए कि संपत्ति का स्पष्ट और विपणन योग्य टाइटल है, टाइटल डीड को सत्यापित करना आवश्यक है। शीर्षक विलेख संपत्ति के स्वामित्व इतिहास को स्थापित करता है।
प्लास्टिक मनी (plastic money) आजकल प्लास्टिक मनी (plastic money) का प्रचलन बहुत अधिक बढ़ गया है. प्लास्टिक मनी का अर्थ है ऐसा पैसा जो प्लास्टिक का बना है. जैसे
क्रेडिट कार्ड (Credit Card) डेबिट कार्ड/ ATM (Debit Card) प्रीपेड कार्ड (Prepaid Card) कॉरपोरेट कार्ड (Corporate Card) वित्तीय संस्थानों द्वारा पेमेंट के लिए जारी किए गए कार्ड (Other Cards) इन कार्ड्स में पेमेंट करने के लिए एक पासवर्ड की आवश्यकता होती है, यह पासवर्ड सुरक्षित होना बहुत जरूरी है.