जुलाई 2023 में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया।  एक 8 साल के एक छोटे बच्चे ने इंटरनेट पर असली AK-47 बंदूख ऑर्डर कर दी. और यह बंदूख उसके घर पर डिलीवर भी कर दी गई. खुद लड़के की मां ने लोकल पुलिस अधिकारीयों और मीडिया को बताया इस बारे में सूचना दी । उस महिला ने आगे बताया कि जब यह बंदूख उसके घर डिलीवर हुई तो वो घबरा गयी। यह अजीब मामला नीदरलैंड का है।

बच्चे ने इंटरनेट पर बंदूक कैसे आर्डर की ?

असल में उस बच्चे ने इंटरनेट की काली दुनिया डार्क वेब (DARK WEB) पर यह आर्डर किया था। डार्क वेब इंटरनेट का वह प्रतिबंधित हिस्सा है जो अवैध है और इस पर किसी का कोई नियंत्रण नहीं है। इस पर कई  तरह के अवैध काम होते हैं।  महिला ने बताया कि  बेटा  ज्यादातर ऑनलाइन गेम्स  खेलता रहता था। उनका बेटा कंप्यूटर पर बहुत अधिक समय बिताता था और उसने 8 साल से पहले ही हैकिंग में रूचि दिखाना शुरू कर दी थी। यहीं पर वह डार्क वेब की दुनिया में पहुँच गया।

डार्क वेब (Dark Web) क्या होता है ?

डार्क वेब इंटरनेट का वो हिस्सा है जो कि प्रतिबंधित है। यह सामान्य ब्राउज़र जैसे गूगल क्रोम, माइक्रोसॉफ्ट एज एप्पल सफारी आदि पर एक्सेस  नहीं किया जा सकता है। यहाँ  Google, yahoo, Bing जैसे सर्च इंजन के जरिए भी नहीं पहुंचा जा सकता.  यहां पर जाने के लिए लिए विशेष इंटरनेट ब्राउजर इंस्टॉल करना पड़ते हैं। डार्क वेब पर जो सामग्री उपलब्ध है उस पर किसी सरकार या देश का नियंत्रण नहीं है। ना वहां कोई कानून लागू होता है। ना ही उन लोगों को पकड़ा जा सकता है जो इस पर मौजूद है या अपराध कर रहे हैं। इसीलिए डार्क वेब का इस्तेमाल करके अपराधी  ड्रग्स, हथियार सहित कई आपराधिक कार्य में करते हैं।

डार्क वेब पर होने वाले अपराध

  1. ड्रग्स की खरीदारी ( Drugs Trade)
  2. चाइल्ड पॉर्नोग्राफी (Child Pornography)
  3. आतंकवादी गतिविधियां (Terrorist Activities )
  4. हवाला या मनी लांड्रिंग (Money Laundering )
  5. अन्य अवैध गतिविधियां (Other illegal activities )

महिला ने बताया कि उन्होंने बंदूक को स्थानीय पुलिस विभाग को सौंप दिया है। पुलिस ने उनके बेटे के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की।  जांच में पता चला कि वह अंतरराष्ट्रीय हैकरों के जाल में फंस गया था।

डार्क वेब के चंगुल में कैसे फंस जाते हैं?

आजकल इंटरनेट की उपलब्धता बहुत सहज हो गई है। हमारे कई कार्य इंटरनेट पर ही हो रहे हैं , और इसीलिए यह बहुत साइबर अपराधियों के चंगुल में आना भी बहुत आसान हो गया है।  अधिकांश बच्चों के पास लैपटॉप और मोबाइल हैं। एक अनजान क्लिक से वो हैकर्स के चंगुल में फंस सकते हैं।  ऐसे में जागरूकता बहुत जरूरी है।