इंश्योरेंस सेक्टर में इरडा ला रही है डिजिटल प्लेटफॉर्म ‘बीमा सुगम’

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इरडा क्या है – इरडा बीमा नियामक संस्था है। यह भारत में बीमा सम्बन्धी नियम बनाने हेतु सरकार द्वारा अधिकृत है। बीमा सुगम क्या है बीमा सुगम पोर्टल के लाभ –

जल्द करा लें पैन को आधार से लिंक

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 31 मार्च 2023 के बाद पैन कार्ड को आधार से लिंक नहीं करने पर आपका पैन इन एक्टिव हो जाएगा। पैन को आधार से लिंक कराने के लिए 1000 रुपए की लेट फीस 10,000 रुपए तक जुर्माना पैन कार्ड इनएक्टिव होने के बाद समस्याएं

फिशिंग लिंक से सायबर फ्रॉड

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हाल के वर्षों में भुगतान के डिजिटल तरीकों के उपयोग में वृद्धि हुई है। इंटरनेट और तेज गति और सुलभता के कारण वित्तीय लेनदेन करने की गति और में भी सुधार हुआ है, इस के साथ ही धोखाधड़ी की संख्या में भी वृद्धि दर्ज की गई है। जालसाज ठगने के नए–नए तरीके खोज रहे हैं, विशेष रूप से आम और भोले–भाले लोगों को उनकी गाढ़ी कमाई से ठगने के तरीके ईजाद कर रहे हैं। जो व्यक्ति डिजिटल प्लेटफॉर्म के उपयोग में सतर्क नहीं हैं या ऐसे लोग जो तकनीकी वित्तीय इको–सिस्टम से पूरी तरह परिचित नहीं हैं, वे इस ठगी के तरीकों का आसान शिकार हो रहे हैं। इसलिए जालसाजों द्वारा अपनाई जाने वाली कार्यप्रणाली के बारे में जनता के बीच जागरूकता की अत्यंत आवश्यकता है। आइए जानते हैं ऑनलाइन धोखाधड़ी के यह कौन-कौन से तरीके हैं –

मनी म्यूल साइबर फ्रॉड

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हाल के वर्षों में भुगतान के डिजिटल तरीकों के उपयोग में वृद्धि हुई है। इंटरनेट और तेज गति और सुलभता के कारण वित्तीय लेनदेन करने की गति और में भी सुधार हुआ है, इस के साथ ही धोखाधड़ी की संख्या में भी वृद्धि दर्ज की गई है। जालसाज ठगने के नए–नए तरीके खोज रहे हैं, विशेष रूप से आम और भोले–भाले लोगों को उनकी गाढ़ी कमाई से ठगने के तरीके ईजाद कर रहे हैं। जो व्यक्ति डिजिटल प्लेटफॉर्म के उपयोग में सतर्क नहीं हैं या ऐसे लोग जो तकनीकी वित्तीय इको–सिस्टम से पूरी तरह परिचित नहीं हैं, वे इस ठगी के तरीकों का आसान शिकार हो रहे हैं। इसलिए जालसाजों द्वारा अपनाई जाने वाली कार्यप्रणाली के बारे में जनता के बीच जागरूकता की अत्यंत आवश्यकता है। आइए जानते हैं ऑनलाइन धोखाधड़ी के यह कौन-कौन से तरीके हैं – फ़िशिंग लिंक विशिंग कॉल ऑनलाइन बिक्री प्लेटफॉर्म का उपयोग कर धोखाधड़ी अज्ञात/असत्यापित मोबाइल ऐप्स के उपयोग के कारण धोखाधड़ी एटीएम कार्ड स्किमिंग स्क्रीन शेयरिंग ऐप/रिमोट एक्सेस का इस्तेमाल कर धोखाधड़ी सिम स्वैप / सिम क्लोनिंग सर्च इंजन के माध्यम से परिणामों पर साख से समझौता करके धोखाधड़ी मनी म्यूल ऑनलाइन जॉब फ्रॉड लॉटरी की धोखाधड़ी सोशल मीडिया पर प्रतिरूपण क्यूआर कोड स्कैन के जरिए स्कैम जूस जैकिंग सायबर अपराधियों द्वारा ऑनलाइन ठगी के इन्ही तरीकों में से एक तरीका है –

ऑनलाइन जॉब का साइबर फ्रॉड 

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हाल के वर्षों में भुगतान के डिजिटल तरीकों के उपयोग में वृद्धि हुई है। इंटरनेट और तेज गति और सुलभता के कारण वित्तीय लेनदेन करने की गति और में भी सुधार हुआ है, इस के साथ ही धोखाधड़ी की संख्या में भी वृद्धि दर्ज की गई है। जालसाज ठगने के नए–नए तरीके खोज रहे हैं, विशेष रूप से आम और भोले–भाले लोगों को उनकी गाढ़ी कमाई से ठगने के तरीके ईजाद कर रहे हैं। जो व्यक्ति डिजिटल प्लेटफॉर्म के उपयोग में सतर्क नहीं हैं या ऐसे लोग जो तकनीकी वित्तीय इको–सिस्टम से पूरी तरह परिचित नहीं हैं, वे इस ठगी के तरीकों का आसान शिकार हो रहे हैं। इसलिए जालसाजों द्वारा अपनाई जाने वाली कार्यप्रणाली के बारे में जनता के बीच जागरूकता की अत्यंत आवश्यकता है। आइए जानते हैं ऑनलाइन धोखाधड़ी के यह कौन-कौन से तरीके हैं – फ़िशिंग लिंक विशिंग कॉल ऑनलाइन बिक्री प्लेटफॉर्म का उपयोग कर धोखाधड़ी अज्ञात/असत्यापित मोबाइल ऐप्स के उपयोग के कारण धोखाधड़ी एटीएम कार्ड स्किमिंग स्क्रीन शेयरिंग ऐप/रिमोट एक्सेस का इस्तेमाल कर धोखाधड़ी सिम स्वैप / सिम क्लोनिंग सर्च इंजन के माध्यम से परिणामों पर साख से समझौता करके धोखाधड़ी मनी म्यूल ऑनलाइन जॉब फ्रॉड लॉटरी की धोखाधड़ी सोशल मीडिया पर प्रतिरूपण क्यूआर कोड स्कैन के जरिए स्कैम जूस जैकिंग सायबर अपराधियों द्वारा ऑनलाइन ठगी के इन्ही तरीकों में से एक तरीका है –

लॉटरी की साइबर धोखाधड़ी 

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हाल के वर्षों में भुगतान के डिजिटल तरीकों के उपयोग में वृद्धि हुई है। इंटरनेट और तेज गति और सुलभता के कारण वित्तीय लेनदेन करने की गति और में भी सुधार हुआ है, इस के साथ ही धोखाधड़ी की संख्या में भी वृद्धि दर्ज की गई है। जालसाज ठगने के नए–नए तरीके खोज रहे हैं, विशेष रूप से आम और भोले–भाले लोगों को उनकी गाढ़ी कमाई से ठगने के तरीके ईजाद कर रहे हैं। जो व्यक्ति डिजिटल प्लेटफॉर्म के उपयोग में सतर्क नहीं हैं या ऐसे लोग जो तकनीकी वित्तीय इको–सिस्टम से पूरी तरह परिचित नहीं हैं, वे इस ठगी के तरीकों का आसान शिकार हो रहे हैं। इसलिए जालसाजों द्वारा अपनाई जाने वाली कार्यप्रणाली के बारे में जनता के बीच जागरूकता की अत्यंत आवश्यकता है। आइए जानते हैं ऑनलाइन धोखाधड़ी के यह कौन-कौन से तरीके हैं – फ़िशिंग लिंक विशिंग कॉल ऑनलाइन बिक्री प्लेटफॉर्म का उपयोग कर धोखाधड़ी अज्ञात/असत्यापित मोबाइल ऐप्स के उपयोग के कारण धोखाधड़ी एटीएम कार्ड स्किमिंग स्क्रीन शेयरिंग ऐप/रिमोट एक्सेस का इस्तेमाल कर धोखाधड़ी सिम स्वैप / सिम क्लोनिंग सर्च इंजन के माध्यम से परिणामों पर साख से समझौता करके धोखाधड़ी मनी म्यूल ऑनलाइन जॉब फ्रॉड लॉटरी की धोखाधड़ी सोशल मीडिया पर प्रतिरूपण क्यूआर कोड स्कैन के जरिए स्कैम जूस जैकिंग सायबर अपराधियों द्वारा ऑनलाइन ठगी के इन्ही तरीकों में से एक तरीका है –

जूस जैकिंग एक नया साइबर फ्रॉड

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डिजिटल सुविधाओं के लोकप्रिय होने से सायबर अपराधियों ने आपके गोपनीय डेटा को चुराने के नए नए तरीके खोजना चालू कर दिया है। अपने डेटा को पूरी तरह सुरक्षित न रखने पर ये जानकारियां सायबर अपराधियों के हाथ लग सकती है। आपकी सुरक्षा सार्वजनिक स्थानों पर आसानी से भेदी जा सकती है । जो व्यक्ति डिजिटल प्लेटफॉर्म के उपयोग में सतर्क नहीं हैं या ऐसे लोग जो तकनीकी वित्तीय इको–सिस्टम से पूरी तरह परिचित नहीं हैं, वे ठगी के तरीकों का आसान शिकार हो रहे हैं। इसलिए जालसाजों द्वारा अपनाई जाने वाली कार्यप्रणाली के बारे में जनता के बीच जागरूकता की अत्यंत आवश्यकता है। आइए जानते हैं ऑनलाइन धोखाधड़ी के यह कौन-कौन से तरीके हैं –

सोशल मीडिया पर प्रतिरूपण करके सायबर फ्रॉड

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सूचना क्रांति के बाद आज जिस प्रकार सोशल मीडिया के उपयोग में वृद्धि हुई है, उसने हमारे समाज को पूरी तरह से बदल दिया है। इंटरनेट और तेज गति और सुलभता के कारण हमारी सोशल लाइफ काफी हद तक सोशल मीडिया पर निर्भर हो गई है, लेकिनइस के साथ ही सोशल मीडिया परधोखाधड़ी की संख्या में भी वृद्धि दर्ज की गई है। जालसाज सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके लोगों को ठगने के नए-नए तरीके इजाद कर रहे हैं। जो व्यक्ति सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म के उपयोग में सतर्क नहीं हैं या ऐसे लोग जो तकनीकी रूप से लापरवाही बरतते हैं, वे इस ठगी के तरीकों का आसान शिकार हो रहे हैं। इसलिए आपको जालसाजों द्वारा अपनाई जाने वाली कार्यप्रणाली और उनके ठगी के नए-नए तरीकों के बारे में जागरूक होने की अत्यंत आवश्यकता है। आइए जानते हैं ऑनलाइन धोखाधड़ी के यह कौन-कौन से तरीके हैं –

क्यूआर कोड स्कैन के जरिए सायबर स्कैम

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हाल के वर्षों में भुगतान के डिजिटल तरीकों के उपयोग में वृद्धि हुई है। इंटरनेट और तेज गति और सुलभता के कारण वित्तीय लेनदेन करने की गति और में भी सुधार हुआ है। यूपीआई और क्यूआर कोड से पेमेंट करने की सुविधा इतनी सरल है की आम आदमी अब छोटे-मोटे ट्रांजैक्शन या भुगतान मोबाइल हाथ में लेकर QR कोड स्कैन करके कर देता है। लेकिन इस सुविधा के आम आदमियों तक पहुंचने और सरल होने के कारण क्यूआर कोड स्कैन करके धोखाधड़ी की संख्या में भी वृद्धि हुई है। जालसाज ठगने के नए–नए तरीके खोज रहे हैं, विशेष रूप से आम और भोले–भाले लोगों को उनकी गाढ़ी कमाई से ठगने के तरीके ईजाद कर रहे हैं। जो व्यक्ति डिजिटल प्लेटफॉर्म के उपयोग में सतर्क नहीं हैं या ऐसे लोग जो तकनीकी वित्तीय इको–सिस्टम से पूरी तरह परिचित नहीं हैं, वे इस ठगी के तरीकों का आसान शिकार हो रहे हैं। इसलिए जालसाजों द्वारा अपनाई जाने वाली कार्यप्रणाली के बारे में जनता के बीच जागरूकता की अत्यंत आवश्यकता है। आइए जानते हैं ऑनलाइन धोखाधड़ी के यह कौन-कौन से तरीके हैं –

सर्च इंजन के माध्यम से साइबर धोखाधड़ी

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इंटरनेट और तेज गति और सुलभता के कारण हमें कई सारी सुविधाएं इंटरनेट के माध्यम से मिल रही है। हम प्लंबर से लेकर हवाई जहाज तक इंटरनेट पर बुक कर सकते हैं। इस के साथ ही धोखाधड़ी की संख्या में भी वृद्धि दर्ज की गई है। जालसाज ठगने के नए–नए तरीके खोज रहे हैं, विशेष रूप से आम और भोले–भाले लोगों को उनकी गाढ़ी कमाई से ठगने के तरीके ईजाद कर रहे हैं। जो व्यक्ति डिजिटल प्लेटफॉर्म के उपयोग में सतर्क नहीं हैं या ऐसे लोग जो तकनीकी वित्तीय इको–सिस्टम से पूरी तरह परिचित नहीं हैं, वे इस ठगी के तरीकों का आसान शिकार हो रहे हैं। इसलिए जालसाजों द्वारा अपनाई जाने वाली कार्यप्रणाली के बारे में जनता के बीच जागरूकता की अत्यंत आवश्यकता है। आइए जानते हैं ऑनलाइन धोखाधड़ी के यह कौन-कौन से तरीके हैं –