बरसात के दिनों में अतिवृष्टि (अतयधिक बारिश) या बाढ़ की वजह से घर गिरने की घटनाएं अक्सर सामने आती रहती हैं। मकान गिरने की घटनाओं से ग्रामीण क्षेत्र के लोग तुलनात्मक रूप से अधिक प्रभावित होते हैं।
आइये जानते हैं प्राकृतिक आपदा जैसे की बाढ़ या अतिवृष्टि (अत्यधिक बारिश होने) से मकान को हुई क्षति में क्या प्रावधान है, जिनकी जानकारी आमजन को होनी चाहिए, एवं मकान को क्षति होने पर मध्यप्रदेश सरकार द्वारा कितना मुआवजा दिया जाता है।
मध्यप्रदेश में किसी प्रकार की प्राकृतिक आपदा या दुर्घटना होने पर राज्य सरकार के द्वारा सहायता राशि दी जाती है। इसे आर्थिक अनुदान सहायता राशि कहा जाता है। यह सहायता राशि पीड़ित व्यक्ति को अथवा उस आपदा या दुर्घटना में किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाए तो मृतक के निकटतम रिश्तेदार या वारिस को दी जाती है।
किसे नैसर्गिक विपत्ति (प्राकृतिक आपदा) माना जाता है प्राकृतिक आपदा ऐसी घटना होती है जिस पर किसी का वश नहीं होता। इसका अर्थ यह है कि प्राकृतिक आपदा किसी मानविय कारण से नहीं होती, यह प्राकृतिक होती है।
भारत में कई लोगों की मृत्यु सांप के काटने से हो जाती है। बहुत से लोग नहीं जानते कि सांप काटने से किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर राज्य सरकार से मुआवजा राशि के रूप में सहायता प्राप्त होती है। जानकारी के अभाव में शासन से सहायता प्राप्त करने से वंचित हो जाते हैं।
भारत में सांप काटने से हर साल लगभग 64000 लोगों की मृत्यु होती है। यहां सांपों की 276 प्रजातियां मिलती हैं लेकिन इनमें से करीब 20-30 फीसदी सांप जहरीले होते हैं जिनके काटने से व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है।
Registration and Stamp Department
In Madhya Pradesh, the Registration and Stamp Department is authorized to register property. There are four regional Deputy Inspector General of Registration offices in the department,
Bhopal
Indore
Jabalpur
Gwalior
In the year 2023, a total of 51 district registrar offices and 233 sub-registrar offices are functioning in the state. All the offices work under and under the control of the Inspector General of Registration, whose headquarters is at Bhopal.
रजिस्ट्रेशन और स्टाम्प विभाग मध्यप्रदेश में रजिस्ट्रेशन और स्टाम्प विभाग संपत्ति के पंजीयन के लिए अधिकृत है। विभाग में चार क्षेत्रीय उप महानिरीक्षक पंजीयन कार्यालय हैं,
भोपाल इन्दौर जबलपुर ग्वालियर वर्ष 2023 में राज्य में कुल 51 जिला पंजीयक कार्यालय एवं 233 उप पंजीयक कार्यालय कार्यरत हैं। सभी कार्यालय महानिरीक्षक पंजीयन के अधीनस्थ एवं उनके नियंत्रण में कार्य करते हैं, जिनका मुख्यालय भोपाल है।
“सम्पदा” योजना मध्य प्रदेश में सभी प्रकार के दस्तावेजों के रजिस्ट्रीकरण की वेब-इनेबल्ड कम्प्युटराइज़्ड योजना है। इसके लिए हर जिले में सेवा प्रदाताओं को सरकार द्वारा लायसेंस जारी किये गए हैं। बैंकों, डाक घरों एवं अन्य वित्तीय संस्थानों को भी सेवा प्रदाता का लाइसेंस प्रदान किया जा सकता है।
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के दिव्यांग नागरिकों की आर्थिक रूप से मदद करने के लिए पुरे प्रदेश में ‘ मध्य प्रदेश विकलांग पेंशन योजना (Divyang Pension Scheme)’ प्रारंभ की गयी है।
मध्य प्रदेश दिव्यांग पेंशन योजना (Divyang Pension Scheme) क्या है ? इसके तहत मध्य प्रदेशराज्य के दिव्यांग व्यक्तियों को प्रदेश सरकार द्वारा रुपये 6 00 की मासिक पेंशन धनराशि आर्थिक सहायता के रूप में प्रदान की जाएगी।
मध्य प्रदेश विकलांग पेंशन योजना अंतर्गत मध्य प्रदेश सरकार राज्य के दिव्यांग लोगों को हर महीने 600 रुपये की धनराशि पेंशन के रूप में प्रदान करेगी। सरकार द्वारा दी जाने वाली सहायता राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी।
समग्र आई डी क्या होती है ? मध्यप्रदेश शासन ने प्रदेश में निवास कर रहे सभी व्यक्तियों को रजिस्टर करके 9 अंको का एक विशेष आई डी नंबर दिया है। यह नंबर राज्य में लागू केंद्र सरकार और मध्य प्रदेश शासन की सभी योजनाओं में जानकारी के सत्यापन और रिकार्ड के लिए उपयोगी होता है और किसी भी शासकीय योजना का लाभ प्राप्त करने में सहायक होती है। इस के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल बनाया गया है जिसे समग्र पोर्टल कहा जाता है। समग्र पोर्टल पर प्रदेश मे निवासरत समस्त परिवारों एवं परिवार के सदस्यों का पंजीयन किया गया हैं । इस योजना को समग्र सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम नाम दिया गया है। वर्तमान में म.
मध्यप्रदेश अपराध पीड़ित प्रतिकर योजना, 2015 दण्ड प्रक्रिया संहिता, 19 73 की धारा 357-क की उपधारा (1 ) और (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों के अंतर्गत , राज्य सरकार, ने केन्द्र सरकार के साथ मिलकर ऐसे अपराध पीड़ितों या उनके आश्रितों को, जिन्हें अपराध के परिणामस्वरूप हानि या क्षति कारित हुई है और जिन्हें पुनर्वास की आवश्यकता है, प्रतिकर के लिए निधियां (फंड) उपलब्ध कराने और प्रतिकर (मुआवज़ा) की मात्रा का विनिश्चय करने के लिए यह योजना बनाई गयी है।
सन 2012 में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना प्रारम्भ की गयी थी। इस योजना में मध्य प्रदेश के बुजुर्गो को प्रदेश के बाहर के तीर्थ स्थानों का सरकार द्वारा निशुल्क भ्रमण करवाया जाता है। इस योजना को अब दुबारा चालु किया गया है। मध्य प्रदेश के बुजुर्गों में यह योजना बड़ी लोकप्रिय है। आइये इस से सम्बंधित नियम और महत्वपूर्ण जानकारियां समझते हैं।
योजना का उददेश्य इस योजना का उद्देश्य मध्यप्रदेश के निवासी वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष या अधिक आयु कें व्यक्ति) को प्रदेश के बाहर स्थित विभिन्न तीर्थ स्थानों में से किसी एक स्थान की यात्रा सुलभ कराने हेतु शासकीय सहायता प्रदान करना है।
मध्यप्रदेश में किसी व्यक्ति के नाम बदलने हेतु दस्तावेज संलग्न करने के साथ यह प्रारूप भरकर शासकीय मुद्रणालय ( Government Press) जो कि शासकीय मुद्रण एवं लेखन सामग्री विभाग के अंतर्गत आता है, को भेजना होगा।
प्रारूप का एक उदाहरण नीचे दिया गया है :
इस विलेख द्वारा मैं, निम्न हस्ताक्षरकर्ता, क, ख, ग, (नया नाम ), निवासी …………………………….
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जिसे अब तक क, ग (पुराना नाम) कहा जाता था, तथा जो …………………………………………….