वसीयत से जुडी भ्रांतिया और उनके समाधान
वसीयत के बारे में कुछऐसी भ्रांतियां और उनकी सच्चाई जो आपको जानना जरूरी है
वसीयत एक बहुत महत्वपूर्ण कानूनी दस्तावेज है, जिसके माध्यम से कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति अपने परिवार, प्रियजन और स्नेही जनों के बीच बांट सकता है, ताकि उसकी मृत्यु के पश्चात उसकी संपत्ति के बारे में कोई प्रश्न अथवा वाद विवाद की स्थिति उत्पन्न न हो।
हालांकि समाज में वसीयत के बारे में बहुत सारी भ्रांतियां हैं। और जानकारी के अभाव में व्यक्ति समय रहते वसीयत और अपनी संपत्ति का प्रबंधन नहीं कर पाता।
क्या किसी व्यक्ति की मृत्यु के पश्चात क्या उस की सारी सम्पति उसके पत्नी अथवा पति एवं बच्चों को प्राप्त हो जाएगी
समाज में एक धारणा यह भी है कि मेरी मृत्यु के पश्चात मेरी पत्नी अथवा पति एवं बच्चों को स्वाभाविक रूप से मेरी संपत्ति प्राप्त हो जाएगी और किसी अन्य व्यक्ति को उसमें कोई अधिकार प्राप्त नहीं होगा जबकि यह सही नहीं है।
अगर आपके द्वारा वसीयत नहीं की गई है तो आपकी संपत्ति का बंटवारा उत्तराधिकार के नियमों के अनुरूप ही किया जाएगा इसमें आपके परिवार के निकटतम रिश्तेदार जिसमें आपके पति अथवा पत्नी, बच्चे, माता-पिता एवं अन्य रिश्तेदार भी शामिल हैं।,उन्हें भारतीय उत्तराधिकार अधिनियमों के अनुरूप ही संपत्ति में उनका हिस्सा प्राप्त होगा
क्या सभी प्रकार की संपत्ति की वसीयत की जा सकती है
संपत्ति की वसीयत करने में यह ध्यान रखना आवश्यक है कि कुछ संपत्तियां ऐसी भी हैं जिनको वसीयत के माध्यम से किसी अन्य व्यक्ति को हस्तांतरित नहीं किया जा सकता
एक व्यक्ति सिर्फ उस संपत्ति को वसीयत के माध्यम से निष्पादित कर सकता है जो उसकी स्वयं की संपत्ति हो।
यदि किसी संपत्ति में किसी अन्य व्यक्ति के हित निहित हैं अथवा किसी अन्य व्यक्ति का स्वामित्व अंतर्निहित है तो वसीयत में उस संपत्ति को किसी अन्य व्यक्ति को हस्तांतरित करने का प्रावधान नहीं किया जा सकता।
क्या सादे कागज़ पर हाथ से किखि गयी वसीयत मान्य है ?
वसीयत के बारे में एक भ्रांति यह भी है कि अगर वसीयत सादे कागज़ पर लिखकर, साइन कर दी गई है तो वह पर्याप्त है।
कुछ हद तक इस प्रकार की वसीयत की मान्यता है, लेकिन इसके लिए भी कुछ अनिवार्य शर्तें कानून में दी गई है -
जैसे कि हाथ से लिखी गई वसीयत को उचित रूप से सक्षम साक्षियों के समक्ष निष्पादित किया जाना चाहिए।
भोपाल में रोज़ हो रहा है औसतन एक तलाक भोपाल में तलाक लेने की दर बढ़ रही है। भोपाल में हर रोज लगभग एक तलाक हो रहा है। और एक साल में लगभग एक हजार से ज्यादा केस फ़ाइल हो रहे हैं। इसी के साथ लगभग 14 प्रतिशत की दर से नए मामलो में प्रतिवर्ष बढ़ोतरी हो रही है।
एक संगठन के द्वारा भोपाल जिला न्यायालय से सूचना का अधिकार कानून के तहत मांगी गयी जानकारी के अनुसार साल 2021 में जिला न्यायालय के समक्ष निम्न मामले लंबित थे –
साइबर ठगों के द्वारा किया जाने वाला एक बहुत आसान फ्रॉड है स्पूफिंग फोन कॉल ट्रैप।
यह तब होता है जब कोई साइबर अपराधी आपको यह विश्वास दिलाने के लिए फोन नंबर, टेक्स्ट संदेश, ई-मेल पता या वेबसाइट यूआरएल आपसे छुपाता है कि आप एक ज्ञात और विश्वसनीय स्रोत के साथ बातचीत कर रहे हैं।
आप स्पूफिंग से व्यक्तिगत और गोपनीय वित्तीय जानकारी का खुलासा कर सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप वित्तीय धोखाधड़ी हो सकती है।
फोन की हैकिंग और डाटा लीक एक बहुत बड़ा खतरा बन गया है। फोन मैन्युफैक्चरर्स सुरक्षा के कितने भी बड़े-बड़े दावे क्यों न कर ले, हैकर्स के लिए फोन हैक करना असंभव कार्य नहीं है। हैकर्स फोन हैक करने के नए-नए तरीके ढूंढते रहते हैं। इसीलिए सिर्फ फोन अपडेट कर लेना काफी नहीं है, बल्कि हैकिंग के तरीकों के बारे में अपडेट रहना भी जरूरी है।
कैसे पता करें कि फोन हैक हो गया है?
आर्य समाज में विवाह एक सुविधाजनक और आसान व्यवस्था है। हिंदू रीति से होने वाला या विवाह उन व्यक्तियों के मध्य हो सकता है जो इनमें से निम्न किसी धर्म को मानने वाले हैं –
हिंदू जैन बौद्ध सिख आर्य समाज में विवाह हेतु निम्न दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ती है –
1) आयु का प्रमाण कक्षा 10 की मार्कशीट जन्म प्रमाण पत्र 2) पते का प्रमाण आधार कार्ड मतदाता पहचान पत्र पासपोर्ट राशन कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस, बैंक पासबुक, बिजली बिल, पानी बिल, गैस बिल, पंजीकृत किरायानामा 3 ) पहचान पत्र यदि पते के प्रमाण में आधार कार्ड जैसा पहचान पत्र जमा नहीं कराया गया है अथवा राशन कार्ड जमा कराया गया है तो अलग से एक पहचान पत्र भी जमा करना होगा जिसमें आपकी तस्वीर भी हो जैसे –
अटल बिहारी बाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय
भोपाल, मध्य प्रदेश
“ ई – प्रशासन ”
सायबर विधि – स्नातकोत्तर पत्रोपाधि (एक वर्षीय) पाठ्यक्रम की अंशपूर्ति हेतु प्रस्तुत
लघु शोध प्रबंध
सत्र : 2016-17
निर्देशक
प्रो. सी.एस. मिश्रा
(विभागाध्यक्ष, विधि विभाग)
मार्गदर्शक मार्गदर्शक शोधार्थी श्रीमती अनीता लड्डा श्री योगेश पंडित नीरज पुरोहित विधि विभाग विधि विभाग साइबर विधि अटल बिहारी बाजपेयी हि.वि.वि. अटल बिहारी बाजपेयी हि.वि.वि. द्वितीय सेमेस्टर अटल बिहारी बाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय
चिकित्सीय लापरवाही क्या है? किसी चिकित्सा के क्षेत्र से जुड़े किसी प्रोफेशनल व्यक्ति जैसे चिकित्सा नर्स टेक्नीशियन डेंटिस्ट हॉस्पिटल या हॉस्पिटल स्टाफ जो की मरीजों की देखभाल एवं इलाज के लिए सेवाएं प्रदान करते हैं, उनके द्वारा कोई लापरवाही अथवा दुर्व्यवहार किया गया है, अथवा ऐसा कोई कार्य किया गया है जो की चिकित्सा क्षेत्र के स्थापित मानकों से अलग है या विपरीत है, चिकित्सीय लापरवाही कहलाता है। रोगी की उचित देखभाल करने में विफल रहना चिकित्सीय लापरवाही होता है।