कई बार साइबर अपराधी बैंकों के जैसी दिखने वाली नकली वेबसाइट बनाकर धोखाधड़ी कर लेते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि हम बैंकों की असली वेबसाइट पर ही लेनदेन करें।
भारतीय नेशनलाइज्ड पब्लिक सेक्टर बैंकों की असली वेबसाइट है यहां नीचे दी गई है –
Bank of Baroda – https://www.bankofbaroda.in/ Bank of India – https://bankofindia.co.in/ Bank of Maharashtra – https://bankofmaharashtra.in/ Canara Bank – https://canarabank.com/ Central Bank of India – https://www.centralbankofindia.co.in/en Indian Bank – https://indianbank.
कानून की भाषा आम बोलचाल की भाषा से थोड़ी अलग होती है। इसलिए इसे समझने के लिए हमें उन शब्दों के अर्थ समझना होंगे जो आम बोलचाल की भाषा में प्रयोग में नहीं आते लेकिन कानून की भाषा में प्रयोग किए जाते हैं।
आयुक्त अधिनियम 1959 की धारा 25 में ऐसे ही कुछ शब्द इस्तेमाल किए गए हैं पहले उन्हें समझना आम बोलचाल की भाषा में क्या कहते हैं। इससे धारा 25 में क्या कहा गया है वह समझने में आसानी होगी।
अरबी शब्द है “तलाक” “तलाक” एक अरबी शब्द है जिसका अर्थ है – ” छोड़ देना” या फिर “त्याग देना”। विवाह के सन्दर्भ में इसका अर्थ लगाया जायेगा – “अपने पति या पत्नी को त्याग देना। ”
अब सवाल ये उठता है कि हिंदी में तलाक के लिए कौनसा शब्द होता है ? तो क्या इसका मतलब है कि भारतीय संस्कृति में तलाक नहीं होता था ? क्या प्राचीन भारत में हिन्दू धर्म में तलाक नहीं होता था ?
2023 में माननीय उच्चतम न्यायालय के समक्ष एक याचिका दाखिल हुई जिसमें कहा गया था कि भारत का एक नाम ‘इंडिया’ ग्रीक शब्द इंडिका से आया है। संविधान से इस नाम को हटाया जाना चाहिए। याचिका में मांग की गई थी कि उच्चतम न्यायालय केंद्र सरकार को निर्देश दे कि संविधान के अनुच्छेद-1 में बदलाव कर देश का नाम केवल भारत करे।
सुप्रीम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच ने याचिका को ख़ारिज करते हुए इस मामले में दख़ल देने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि – “संविधान में पहले से ही “भारत” नाम का का उल्लेख किया गया है। भारत के संविधान के पहले अध्याय में लिखा है – ‘इंडिया डैट इज़ भारत.
भारत में राजनीति का अपराधीकरण भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है यहां जनप्रतिनिधियों का चुनाव जनता के बीच से ही किया जाता है। लेकिन लोकतांत्रिक व्यवस्था होने के कारण अपराधी भी विधायिका यानी विधानसभाओं और संसद में पहुंच जाते हैं। वे अपराधी न सिर्फ चुनाव जीत कर संसद में और विधानसभा में बैठते है, बल्कि पूरे देश के लिए कानून भी बनाते हैं।
विधायिका में बैठकर यह अपराधी पूरे देश के लिए कानून बनाते हैं। एक स्वस्थ लोकतंत्र और देशहित के लिए यह व्यवस्था उचित नहीं है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में प्राकृतिक आपदा से होने वाली क्षति पर दिया जाने वाला मुआवजा बढ़ा दिया है। यह फैसला जून 2022 में किया गया।
ध्यान देने वाली बात है कि प्राकृतिक आपदा से होने वाली क्षति के मुआवजे को 33 अलग-अलग श्रेणियों में बांटा गया है।
अब पंजीकृत भूमिहीन श्रमिक की आजीविका क्षति होने पर भी मिलेगा मुआवजा प्राकृतिक आपदा से होने वाले मुआवजा में यह एक नया मुआवजा भी जोड़ा गया है। अब पंजीकृत भूमिहीन मजदूरों की किसी हादसे की वजह से क्षति होने पर उस हादसे की दिनांक से 30 दिन तक परिवार के दो सदस्यों को मनरेगा की दर से आर्थिक मदद दी जाएगी। यानी जिस दिन वह हादसा हुआ है उस दिन से उस परिवार को मनरेगा की दर से 2 लोगों के भुगतान के बराबर 30 दिनों का भुगतान किया जायेगा।
जनहित याचिका क्या होती है जब किसी ऐसे मुद्दे पर जो आम लोगों के हित में जुड़ा हुआ हो, न्यायालय के समक्ष किसी भी आम व्यक्ति के द्वारा याचिका दायर की जाती है उसे जनहित याचिका कहा जाता है।
सितंबर 2023 में दिल्ली उच्च न्यायालय ने इलेक्ट्रिक व्हीकल से संबंधित एक मामले की जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए कहा कि
” जनहित के मुद्दों का समाधान करने के लिए जनहित याचिका का सिद्धांत विभिन्न फैसलों के माध्यम से अदालतों द्वारा विकसित किया गया है, जिसका मकसद उन लोगों की सहायता करना है, जिन्हें क्षति पहुंचाई गई हो या जिनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया गया हो और उनकी शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया गया हो।”
साइबर अपराधी लोगों को ठगने के नए-नए तरीके इजाद कर रहे हैं। ऐसा ही एक तरीका है कोरियर डिलीवरी स्कैम।
साइबर ठगी के इस तरीके में लोगों को किसी कोरियर की डिलीवरी के लिए एक 5 या 10 रुपये का नॉमिनल शुल्क ऑनलाइन पे करने के लिए कहा जाता है। और जब लोग ठगों की बातों में आ कर पांच या 10 रुपये का पेमेंट कर देते हैं तो उनके अकाउंट से लाखों रुपए उड़ा लिए जाते हैं।
2022 में एक मामला सामने आया जिसमें बीटेक के एक छात्र द्वारा चीन की इन्वेस्टमेंट ऐप में निवेश करने पर साइबर ठगों द्वारा उसका सारा पैसा हड़प लिया गया, जिसके बाद उसने आत्महत्या कर ली।
प्रताप विहार निवासी मुनेंद्र वत्स का 21 वर्षीय बेटा हार्दिक वत्स एबीईएस कॉलेज में बीटेक का छात्र था। 3 नवंबर 2022 को गाजियाबाद जिले के सिद्धार्थ विहार सोसाइटी में उस की 19वीं मंजिल से गिरकर मौत हो गई थी। जांच में सामने आया कि उसने एक चीनी मोबाइल इन्वेस्टमेंट ऐप पर निवेश किया था जिसमें उसने एक बड़ी राशि साइबर ठगों के अकाउंट में ट्रांसफर कर दी थी। वह पैसा डूब जाने पर उसने आत्महत्या कर ली थी।
ऑनलाइन डेटिंग एप पर पार्टनर ढूंढना एक आदमी को भारी पड़ गया। उसने साइबर अपराधियों के चक्कर में आकर लगभग ढाई लाख रुपए गवा दिए।
सितंबर 2023 में बेंगलुरु से एक मामला सामने आया है जिसमें 30 वर्षीय युवक को ऑनलाइन डेटिंग एप पर पार्टनर ढूंढना बहुत महंगा पड़ गया।
साइबर ठगी का तरीका द न्यू इंडियन एक्सप्रेस मैं छपी एक खबर के अनुसार, 30 वर्षीय युवक ऑनलाइन सोशल मीडिया के माध्यम से एक निकिता नाम की महिला की प्रोफाइल से जोड़ा। यही वह सोशल मीडिया पर एक अन्य व्यक्ति अरविंद शुक्ला यदि संपर्क में आया।