‘ओनली यस मीन्स यस’ क्या है ? दुनिया भर में लोग सोशल मीडिया और अख़बारों में कैम्पेन चला रहे हैं ‘ओनली यस मीन्स यस’। यह कैम्पेन किसी सैक्सुअल एक्ट में औरतों की सहमति के सम्बंध में जागरूकता के लिए चलाई जा रही है। यह एक आंदोलन बन गया है। इसमें लोग अपने अपने देश की सरकारों, न्यायालयों और कानून बनाने वालों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं कि किसी अपराध में पीड़िता की खामोशी को उसकी सहमति न माना जाए। क्यूंकि ऐसा करने से अपराधियों को उचित सजा नहीं मिलेगी और यह गंभीर अपराध में पीड़िता के साथ अन्याय होगा।
सरकार द्वारा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम बनाकर ग्राहकों / उपभोक्ताओं को बेईमान व्यापारियों या विक्रेताओं से बचाने और ग्राहकों के मूल अधिकारों को सुरक्षा प्रदान की गयी है। इसी अधिनियम के अंतर्गत उपभोक्ता विवादों को निपटाने के लिए एक तंत्र और विशेष रूप से उपभोक्ता संरक्षण मामलों के लिए उपभोक्ता न्यायालयों/ उपभोक्ता फोरम की स्थापना की गयी है। यह कानून उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रख कर बनाये गए हैं इसीलिए इसमें कोई जटिल कानूनी प्रक्रिया नहीं बनाई गयी है, बल्कि प्रक्रिया को सरल रखने का प्रयास किया गया है।
उपभोक्ता या ग्राहक कौन होता है ? उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अनुसार उपभोक्ता का अर्थ है ‘ ऐसा कोई व्यक्ति जो किसी उत्पाद या सेवा को स्वयं इस्तेमाल करने के लिए खरीदता है, उपभोक्ता कहलाता है।’ लेकिन अपने व्यवसाय या व्यापार के लिए खरीदी गई सेवा या उत्पाद इस परिभाषा में नहीं आते हैं। यानी यदि उत्पाद या सेवा अपने व्यवसाय या व्यापार के लिए खरीदी गई है, तो वह व्यक्ति उपभोक्ता की परिभाषा में इस अधिनियम के अंतर्गत संरक्षित नहीं होगा।
ऐसे अपराध जिन में कंप्यूटर, कम्प्यूटर से जुड़े उपकरण और कम्प्यूटर नेटवर्क या इंटरनेट का इस्तेमाल हुआ हो, साइबर अपराध कहलाते हैं। इन्हे मुख्य रूप से 3 श्रेणियों में बनता जा सकता है।
सायबर अपराध के प्रकार व्यक्ति के विरुद्ध सायबर अपराध। संपत्ति के विरुद्ध सायबर अपराध। सरकार के विरुद्ध सायबर अपराध। कुछ प्रमुख सायबर अपराध : सायबर हैकिंग- किसी के कम्प्यूटर में अनाधिकृत रूप से निजी जानकारी को चुराना या फिर उसमे फेर बदल करना। इसमें शामिल है :
The National Law Institute University Bhopal, Established – 1997
Contact : +91-755-2696965/970, Fax: 2696724, Email :
[email protected]
Visit Website : NLIU Bhopal
Department of Legal Studies and Research, Barkatullah University, Bhopal Established : 1982 Contact : Email :
[email protected]
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Government State Law College Bhopal, Established – 1997 Contact: 7552403162, 7552430507,
NRI Vidyadayini Institute of Science, Management and Technology Bhopal,
Established – 2009
Contact: 0755-4085500, Email : contactus@nrigroupindia.
List of Law colleges in India **North India **
Faculty of Law, Delhi University
Established : 1924, Accredited A+ grade by NAAC
The department has more than 130 teachers and about 7000 students at present including LL.B., LL.M., and Ph.D. students.
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NLU Jodhpur
The University offers five year integrated undergraduate programs i.e. B.B.A., LL.B.(Hons.); B.A., LL.B.(Hons.);
Established : 1999,
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मध्य प्रदेश सरकार द्वारा आम जनता को सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज एवं जानकारियां प्रदान करने के लिए एवं सभी नागरिक सेवाएं कम शुल्क में एक निश्चित समय अवधि में प्रदान करने के लिए यह कानून पास किया गया है। अधिनियम में वर्ष 2011 एवं 2012 में महत्वपूर्ण शंशोधन भी किये गए हैं।
इसका उद्देश्य लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने एवं भ्रष्टाचार से बचाने एक सिंगल विंडो यानी एकल खिड़की पर सभी महत्वपूर्ण नागरिक सुविधाएं उपलब्ध कराना है। इस कानून के तहत सभी नागरिक सुविधाओं और सेवाओं को एक निश्चित अवधि के अंतर्गत, कम से कम समय में न्यूनतम शुल्क के साथ सभी सुविधाएं जनता को उपलब्ध कराने की गारंटी दी गई है। इसके लिए सभी स्थानों पर लोक सेवा केंद्र बनाए गए हैं। यह केंद्र सिर्फ कलेक्ट्रेट तहसील ही नहीं बल्कि अलग-अलग वार्ड कार्यालयों एवं पंचायतों में भी स्थापित किए गए हैं। जहां पर आकर एक व्यक्ति शासन की सभी महत्वपूर्ण सेवाओं के लिए एक ही खिड़की पर आवेदन कर सकता है, शुल्क जमा कर सकता है एवं इन्हीं लोक सेवा केंद्रों से वह उन महत्वपूर्ण दस्तावेजों को प्राप्त कर सकता है। अब उसे दफ्तरों में भटकने की आवश्यकता नहीं है। इन सब आवेदनों का कंप्यूटर में एक विवरण दर्ज किया जाता है, और रिकॉर्ड रखा जाता है। इस व्यवस्था के कारण अब सभी कर्मचारी एवं अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गई है और सभी आवेदन निश्चित समय अवधि में निराकरण करना होता है।
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए जाति प्रमाण पत्र हेतु आवश्यक दस्तावेज : जाति की पुष्टि हेतु परिवार के सदस्य (दादा / दादी / परदादा / परदादी / पिता /माता /चाचा /भाई ) के नाम दर्ज अचल संपत्ति का रिकार्ड (भूमि / भूखंड / मकान की रजिस्ट्री या अन्य कोई राजस्व रिकार्ड आदि ) की छायाप्रति जिसमें जाति का उल्लेख हो, अथवा परिवार के किसी सदस्य पिता चाचा भाई-बहन दादा पिता पक्ष से अन्य रक्त संबंधी को वर्ष 1996 के बाद अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा जारी जाति प्रमाण पत्र।
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग ई.डब्ल्यू.एस. (E.W.S. ) के नागरिको का आय एवं संपत्ति प्रमाण पत्र सरकार ने सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश एवं शासकीय नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की है। इसे ही EWS कोटा कहा जाता है। इसके लिए यह आवश्यक है कि आवेदक SC, ST, या OBC श्रेणी में नहीं आता है।
आदेश देखने के लिए यहाँ क्लिक करें : view order
<p> मध्य प्रदेश राज्य का मूल निवासी प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए आपको लोक सेवा केंद्र में आवेदन करना होगा। लोक सेवा केंद्र पर एक आवेदन फ़ार्म भर कर अन्य दस्तावेजों के साथ नाम मात्र के शुल्क के साथ जमा करें। यहाँ से आपको कंप्यूटर से एक पावती प्राप्त होगी जिस पर आपको प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए एक तारीख दी जाएगी। इस पावती को दिखा कर आप निश्चित दिन पर अपना मूल निवास प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं। मूल निवास बनाने हेतु अधिकतम 7 दिनों की अवधि निश्चित की गयी है। </p> <h3> मूल निवासी प्रमाणपत्र के आवेदन हेतु निम्न दस्तावेज अनिवार्य हैं – </h3> <ol> <li> घोषणा पत्र<br /> पहचान पत्र<br /> आधार कार्ड अथवा<br /> पैन कार्ड अथवा<br /> वोटर कार्ड अथवा<br /> जन्म प्रमाण पत्र<br /> किसी अन्य शासकीय अधिकारी द्वारा जारी पहचान पत्र </li> <li> समग्र आईडी </li> <li> अपने नवीनतम पासपोर्ट साइज़ फोटोग्राफ </li> </ol> <h3> घोषणा पत्र डाउनलोड करें : <a title="domicile declaration form" href="http://www.