Banking

सभी बैंकों की ऑफिशियल वेबसाइट यहां देखें और साइबर धोखाधड़ी से बचें

आजकल इंटरनेट पर बैंकों की हूबहू नकल करके फर्जी वेबसाइट बनाकर धोखाधड़ी हो रही है. साइबर अपराधी बहुत शातिर हो गए हैं. उन्होंने कई सारे भारतीय बैंकों जैसी दिखने वाली वेबसाइट बनाकर इंटरनेट पर डाल दी है. लोग गलती से इन फर्जी वेबसाइट को अपनी समझकर उन पर अपनी सारी डिटेल्स डाल देते हैं और ट्रांजैक्शंस कर लेते हैं. जिससे साइबर अपराधी उनके पूरे बैंक अकाउंट खाली कर देते हैं. और इस तरह लोग अपनी जीवन भर की गाढ़ी कमाई चंद मिनटों में दवा बैठते हैं.

फिक्स्ड डिपोसिट (Fixed Deposit) से मिलने वाले ब्याज पर भी लगता है टैक्स

FD के ब्याज पर टैक्स से संबंधित जरूरी नियम FD से मिलने वाले ब्याज को ”इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेज’ यानी अन्य स्रोतों से आय में जोड़ा जाता है। इसलिए इसे “टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (TDS)” के तहत चार्ज किया जाता है। बैंक या एफडी करने वाली संस्था अर्जित ब्याज पर स्रोत पर कटौती (TDS) काट कर रकम अदा करती है। जब आपका बैंक आपकी ब्याज आय को आपके अकाउंट में जमा करता है, तो उसी समय बैंक द्वारा TDS भी काट लिया जाता है। मान लीजिए आपने एक साल के लिए FD में निवेश किया, तो इस अंतराल में आपने जो ब्याज कमाया उसे आपकी वार्षिक आय में जोड़ा जाएगा। आपकी पूरे वर्ष की कुल आय के आधार पर, आपका इनकम टैक्स स्लैब निर्धारित किया जाता है। यदि आपकी कुल आय एक वर्ष में 2.

डिजिटल लेनदेन के लिए लोकपाल में शिकायत और प्रक्रिया

डिजिटल लेनदेन के लिए लोकपाल योजना, 2019 भारतीय रिजर्व बैंक ने डिजिटल लेनदेन के लिए एक स्कीम, लोकपाल योजना, 2019 शुरू की है । यह योजना 31 जनवरी, 2019 से धारा 18 भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 के तहत शुरू की गयी है। RBI की वेबसाइट पर पूरी स्कीम देखें- यहाँ क्लिक करें। 1. योजना के लाभ : यह योजना में परिभाषित सिस्टम प्रतिभागियों के ग्राहकों द्वारा किए गए डिजिटल लेनदेन के संबंध में शिकायतों के समाधान के लिए एक त्वरित और लागत मुक्त शीर्ष स्तरीय व्यवस्था है।

क्रेडिड और डेबिट कार्ड के बारे में कानून

कैश रखना आज के समय में एक बड़ी समस्या है इसीलिए कैशलैस ट्रांजैक्शन को वरीयता दी जाने लगी है यूपीआई के अलावा तरह-तरह के कार्ड हम रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल करते हैं यह कार्ड क्या है कौन इन्हें जारी करता है इनकी प्रकार क्या है और इससे संबंधित कानून क्या है आइए इसलिए इस लेख में हम जानते हैं – बैंकिंग कार्ड के प्रकार – कार्डों को उनके जारी करने, उपयोग और कार्ड धारक द्वारा भुगतान के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है।