साइबर फ्रॉड होने पर तुरंत कंप्लेंट करने से पूरे पैसे वापस मिल सकते हैं। बस आपको पता होना चाहिए कि कहां पर शिकायत दर्ज करवानी है। साइबर अपराध होने के अगले 3 से 4 घंटे बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। आप जितनी जल्दी शिकायत दर्ज करवाएंगे आपके पैसे मिलने की उम्मीद उतनी ज्यादा रहेगी। और आप शिकायत दर्ज करवाने में जितनी देर करते जाएंगे पैसे मिलना उतना ही मुश्किल होता चला जाएगा। क्योंकि तब साइबर अपराधियों के द्वारा फ्रॉड के द्वारा ठगा गया पैसा किसी और बैंक अकाउंट या फिर खाते से पूरा के पूरा निकाला जा सकता है। ऐसा होने पर पैसा बड़ी मुश्किल से वापस मिल पाता है।
पिछले कुछ समय से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग बहुत अधिक बढ़ गया है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का अर्थ है कंप्यूटर की ऐसी कृत्रिम बुद्धि जो मनुष्य की तरह सोचने समझने एवं विश्लेषण की शक्ति रखती है। इंटरनेट पर इसका उपयोग सभी बड़ी कंपनियां कर रही हैं। और यह सुविधा अब आम जनता के लिए भी उपलब्ध हो गई है। इसका सबसे अच्छा उदाहरण है चैट जीपीटी नाम की सुविधा।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से क्या-क्या काम किए जा रहे हैं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कई तरह की कैलकुलेशन निकालने और उत्तर तलाशने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
ऑनलाइन जॉब सर्च करते समय कई लोग ऑनलाइन साइबर अपराधियों का शिकार हो रहे हैं। Lawforce.in के द्वारा लोगों को लगातार जागरूक एवं सतर्क किया जा रहा है कि ऑनलाइन जॉब सर्च करते समय बेहद सावधानी बरतें।
सितंबर 2023 में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया जिसमें मुंबई के एक फुटबॉल कोच जोएल को पार्ट टाइम जॉब स्कैम में 9.87 लाख रुपये का चूना साइबर अपराधियों द्वारा लगा दिया।
<div> जैसे कि – </div> <div> </div> <ul> <li> https://sarvashiksha.online </li> <li> https://samagra.shikshaabhiyan.co.in </li> <li> https://shikshaabhiyan.org.in </li> </ul> <p> शिक्षा मंत्रालय ने नौकरी के लिए आवेदन कर रहे व्यक्तियों से इस प्रकार की फर्जी वेबसाइट फिर सतर्क रहने की सलाह दी है और कहा है कि ऐसी वेबसाइटों पर भुगतान करने से भी सतर्क रहें। </p> <div class="twitter-tweet twitter-tweet-rendered"> </div> </div>
<div> </div> <div> महिला ने बताया कि उसके बाद उसका वेबसाइट से कोई संपर्क नहीं हो पा रहा था। वेकेशन का समय भी आ गया था लेकिन कुछ फर्जी वेबसाइट की तरफ से कोई रिस्पांस नहीं मिल रहा था। तब उस महिला को एहसास हुआ कि उसके साथ साइबर फ्रॉड हुआ है। महिला ने पुलिस को इस बात की शिकायत की और तब पुलिस ने इस शिकायत को आधार बनाकर अपनी जांच मैं आकाश को दोषी पाया और उसे गिरफ्तार किया। </div> <div class="slide"> <div> मामले की जांच कर रहे उप-निरीक्षक राजेश गराड ने कहा कि आकाश ने लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए फर्जी वेबसाइट बनाई और करीब 20 अलग-अलग लोगों के साथ ठगी को अंजाम दिया। आकाश पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 के तहत मामला दर्ज करके जेल भेज दिया गया है। </div> <div> </div> </div> <div class="slide"> <ul> <li> सबसे पहले तो विश्वसनीय वेबसाइट पर ही विजिट करें। </li> <li> ध्यान रखें गूगल पर मिलने वाली हर वेबसाइट सही नहीं होती है। </li> <li> वेबसाइट का डोमेन नेम ध्यान से चेक करें, कहीं ऐसा तो नहीं कि साइबर अपराधियों ने मिलते जुलते नाम की कोई फर्जी वेबसाइट बनाई हो। यह साइबर अपराधी बहुत बारीकी से असली देखने जैसी नकली वेबसाइट तैयार करते हैं। </li> <li> वेबसाइट के यूआरएल में “https://” और एड्रेस बार में एक पैडलॉक यानी ताले का चिन्ह अवश्य देखें। </li> <li> अगर कोई नई मोबाइल एप्लीकेशन या सॉफ्टवेयर आपसे इंस्टॉल करवाया है तो सतर्क हो जाएं यह साइबर अपराधी हो सकते हैं जो आपके डिवाइस को हैक करके आप को चुना लगा सकते हैं। </li> <li> उस वेबसाइट के रिव्यू, रेटिंग और फीडबैक अन्य वेबसाइटों पर भी देखें, अगर वह फर्जी वेबसाइट होगी तो हो सकता है कई अन्य लोगों ने भी उस वेबसाइट की शिकायत अन्य ऑनलाइन फोरम और रिव्यू वेबसाइट के ऊपर की होगी। </li> <li> बुकिंग और पेमेंट करते समय विशेष सावधानी बरतें। </li> <li> ओटीपी भूल कर भी किसी व्यक्ति को ना बताएं। </li> </ul> </div>
कई बार हम एड्रेस प्रूफ या फिर किसी अन्य उपयोग के लिए अपने आधार कार्ड को फेसबुक या व्हाट्सएप या ईमेल पर किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ शेयर कर देते हैं, इसके बाद हमें यह भी पता नहीं रहता की वह व्यक्ति उस आधार कार्ड का किस तरह से इस्तेमाल कर सकता है.
व्यक्ति गलत इरादे के साथ आधार का दुरुपयोग कर सकता है नकली दस्तावेज तैयार कर सकता है, एवं आपको किसी कानूनी मुसीबत में भी उलझा सकता है.
ऑनलाइन नौकरी ढूंढते समय साइबर अपराधियों के चंगुल में कैसे आते हैं <div class="caption"> </div> </div> <div class="slide"> <div> <p> ऐसे साइबर अपराध को लेकर सरकार ने 2022 में भी चेतावनी जारी की थी। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 16 जून 2022 को एक अधिकृत नोटिफिकेशन जारी करते हुए कहा था ‘ग्रामीण उद्यमिता संस्थान नाम की संस्था जो ग्रामीण विकास मंत्रालय के अधीन काम करने का दावा करती है, फर्जी है। यह संगठन नकली है और अंजान आवेदकों से पैसा ठगने के एकमात्र मकसद से बनाया गया है। इसके जाल में न फंसें। इसके अलावा बैंक खाते के विवरण सहित अपनी कोई भी सेंसिटिव जानकारी इससे साझा न करें। आवेदक कृपया ध्यान दें कि सभी केंद्र और राज्य सरकार की वेबसाइट “gov.
सितंबर 2023 में ऑनलाइन इलाज के नाम पर एक सरकारी कर्मी को लगभग डेढ़ लाख रुपये का चूना लग गया।
हाईकोर्ट के एक सरकारी कर्मी को बवासीर की शिकायत थी। इसके इलाज के लिए उन्होंने बाबासीर का गूगल परऑनलाइन इलाज ढूंढा। उन्हें ऑनलाइन एक वेबसाइट मिली जिस पर बावसीर को ठीक करने के लिए एक कड़ा पहनने की सलाह दी गई। उन्होंने इस पर भरोसा करते हुए ऑनलाइन कड़ा बुक कर दिया।
नकली रिव्यू से प्रभावित न हों पैसे देकर लिखवायीं गयीं नकली समीक्षाओं को अपने खरीदारी पर गलत प्रभाव न डालने दें।
कभी-कभी, एक अच्छी समीक्षा अनजाने में ही सही किसी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर किसी चीज़ को खरीदने का निर्णय करवा देती है। ऑनलाइन विक्रेता इसके बारे में अच्छी तरह से जानते हैं और वे अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट जैसे ईकॉमर्स प्लेटफार्मों पर वे नकली रिव्यू लिखवा कर आपको अपनी चीज़ें बेच सकते हैं। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर प्रतिस्पर्धा के कारण आपका ध्यान खींचने के लिए वे इस तरह के रिव्यू किसी डिजिटल मार्केटिंग कम्पनी से लिखवा सकते हैं। यह अब सुविधा से कहीं अधिक एक समस्या बन गई है।
बरसात के दिनों में अतिवृष्टि (अतयधिक बारिश) या बाढ़ की वजह से घर गिरने की घटनाएं अक्सर सामने आती रहती हैं। मकान गिरने की घटनाओं से ग्रामीण क्षेत्र के लोग तुलनात्मक रूप से अधिक प्रभावित होते हैं।
आइये जानते हैं प्राकृतिक आपदा जैसे की बाढ़ या अतिवृष्टि (अत्यधिक बारिश होने) से मकान को हुई क्षति में क्या प्रावधान है, जिनकी जानकारी आमजन को होनी चाहिए, एवं मकान को क्षति होने पर मध्यप्रदेश सरकार द्वारा कितना मुआवजा दिया जाता है।