निजता का अधिकार आज के समय में फोटो और वीडियो बनाना और उन्हें वायरल करना बहुत आसान हो गया है। इससे हमारे निजता के अधिकार और सम्मान के अधिकार के उल्लंघन की संभावनाएं भी बढ़ गई है। आप की सहमति के बिना आपकी तस्वीर वीडियो बनाना किसी भी तरीके से सही नहीं ठहराया जा सकता। प्रत्येक व्यक्ति की एक गरिमा होती है और निजी स्पेस होता है। तो आइए जानते हैं कि अगर कोई व्यक्ति आपका फोटो या वीडियो बना ले या वायरल कर दे तो आपके पास क्या उपाय उपलब्ध है।
‘जूस जैकिंग’ सायबर अपराध का नया तरीका जूस जैकिंग क्या है ?** **
चार्जिंग पोर्ट 2 तरह के हो सकते हैं –
AC Power Socket – यह सामान्य तौर पर घरों में पाया जाने वाला बिजली का सॉकेट होता है जिसमे एडेप्टर जरूर चार्जिंग केबल द्वारा फोन चार्ज किया जाता है। यह सुरक्षित होता है और इस से कोई डेटा चोरी होने की संभावना नहीं होती। USB तो USB charging point – इसमें डायरेक्ट यूएसबी केबल लगाकर मोबाइल को चार्ज किया जाता है, इस विधि से डाटा भी ट्रांसफर होता है। इसमें मालवेयर या हानिकारक एप्लिकेशन फोन में इंसटाल की जा सकती हैं। मालवेयर (Malware) क्या होते हैं ?
सॉफ्टवेयर क्या होता है ? किसी भी कंप्यूटर या इलेक्ट्रॉनिक उपकरण को विशेष कार्य करने के लिए जिन निर्देशों की जरुरत पड़ती है वे प्रोग्राम या सॉफ्टवेयर कहलाते हैं। ये विशेष कोड्स के द्वारा बनाये जाते हैं।
सॉफ्टवेयर के प्रकार : 1) कार्यों के आधार पर सॉफ्टवेयर का वर्गीकरण – कार्यों के आधार परबांटा जाय तो सॉफ्टवेयर मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं –
सिस्टम सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर यूटिलिटी सॉफ्टवेयर 1 .
ऐसे अपराध जिन में कंप्यूटर, कम्प्यूटर से जुड़े उपकरण और कम्प्यूटर नेटवर्क या इंटरनेट का इस्तेमाल हुआ हो, साइबर अपराध कहलाते हैं। इन्हे मुख्य रूप से 3 श्रेणियों में बनता जा सकता है।
सायबर अपराध के प्रकार व्यक्ति के विरुद्ध सायबर अपराध। संपत्ति के विरुद्ध सायबर अपराध। सरकार के विरुद्ध सायबर अपराध। कुछ प्रमुख सायबर अपराध : सायबर हैकिंग- किसी के कम्प्यूटर में अनाधिकृत रूप से निजी जानकारी को चुराना या फिर उसमे फेर बदल करना। इसमें शामिल है :