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मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम 2010

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा आम जनता को सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज एवं जानकारियां प्रदान करने के लिए एवं सभी नागरिक सेवाएं कम शुल्क में एक निश्चित समय अवधि में प्रदान करने के लिए यह कानून पास किया गया है। अधिनियम में वर्ष 2011 एवं 2012 में महत्वपूर्ण शंशोधन भी किये गए हैं। इसका उद्देश्य लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने एवं भ्रष्टाचार से बचाने एक सिंगल विंडो यानी एकल खिड़की पर सभी महत्वपूर्ण नागरिक सुविधाएं उपलब्ध कराना है। इस कानून के तहत सभी नागरिक सुविधाओं और सेवाओं को एक निश्चित अवधि के अंतर्गत, कम से कम समय में न्यूनतम शुल्क के साथ सभी सुविधाएं जनता को उपलब्ध कराने की गारंटी दी गई है। इसके लिए सभी स्थानों पर लोक सेवा केंद्र बनाए गए हैं। यह केंद्र सिर्फ कलेक्ट्रेट तहसील ही नहीं बल्कि अलग-अलग वार्ड कार्यालयों एवं पंचायतों में भी स्थापित किए गए हैं। जहां पर आकर एक व्यक्ति शासन की सभी महत्वपूर्ण सेवाओं के लिए एक ही खिड़की पर आवेदन कर सकता है, शुल्क जमा कर सकता है एवं इन्हीं लोक सेवा केंद्रों से वह उन महत्वपूर्ण दस्तावेजों को प्राप्त कर सकता है। अब उसे दफ्तरों में भटकने की आवश्यकता नहीं है। इन सब आवेदनों का कंप्यूटर में एक विवरण दर्ज किया जाता है, और रिकॉर्ड रखा जाता है। इस व्यवस्था के कारण अब सभी कर्मचारी एवं अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गई है और सभी आवेदन निश्चित समय अवधि में निराकरण करना होता है।

मध्य प्रदेश में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़े वर्ग वर्ग के जाति प्रमाणपात्र

अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए जाति प्रमाण पत्र हेतु आवश्यक दस्तावेज : जाति की पुष्टि हेतु परिवार के सदस्य (दादा / दादी / परदादा / परदादी / पिता /माता /चाचा /भाई ) के नाम दर्ज अचल संपत्ति का रिकार्ड (भूमि / भूखंड / मकान की रजिस्ट्री या अन्य कोई राजस्व रिकार्ड आदि ) की छायाप्रति जिसमें जाति का उल्लेख हो, अथवा परिवार के किसी सदस्य पिता चाचा भाई-बहन दादा पिता पक्ष से अन्य रक्त संबंधी को वर्ष 1996 के बाद अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा जारी जाति प्रमाण पत्र।

आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के नागरिको आय एवं संपत्ति प्रमाण पत्र

आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग ई.डब्ल्यू.एस. (E.W.S. ) के नागरिको का आय एवं संपत्ति प्रमाण पत्र सरकार ने सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश एवं शासकीय नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की है। इसे ही EWS कोटा कहा जाता है। इसके लिए यह आवश्यक है कि आवेदक SC, ST, या OBC श्रेणी में नहीं आता है। आदेश देखने के लिए यहाँ क्लिक करें : view order