असली और नकली आधार को कैसे वेरीफाई करें

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आधार कार्ड एक बहुत ही महत्वपूर्ण और सामान्य तौर पर आईडी के रूप में प्रचलित है। लेकिन सिर्फ आधार कार्ड जैसे दिखने वाले सभी कार्ड असली नहीं होते। नकली आधार कार्ड भी धड़ल्ले से बनाए जा रहे हैं। कई लोग आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं — जैसे किराए पर मकान लेना, नौकरी पाना या अन्य कार्य। ध्यान देने योग्य बात यह है कि हर 12 अंकों वाला नंबर आधार नहीं होता। आजकल कई शातिर अपराधी और गिरोह फर्जी आधार बना रहे हैं।

इ स्टाम्प या इलेक्ट्रॉनिक स्टाम्प क्या है ?

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सरकार के द्वारा स्टांप शुल्क का भुगतान करने के लिए ई स्टाम्प या इलेक्ट्रॉनिक स्टाम्प की सुविधा प्रारंभ की गई है। यह भौतिक (फिसिकल) स्टाम्प पेपर के मुकाबले बहुत ही आधुनिक और सुरक्षित विकल्प है। ई स्टाम्प की सुविधा से कई तरह के लाभ हैं, जिसमें से सबसे महत्वपूर्ण यह है कि कानूनी प्रक्रिया के लिए स्टाम्प का लेनदेन सरल हो गया है। इ स्टाम्पिंग के लाभ समय की बचत

क्या नौकरी या अन्य कार्यस्थल पर महिलाओं को ख़ास ड्रेस कोड पहनने पर मजबूर करना अनुचित या भेदभावपूर्ण है ?

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आज के बदलते आधुनिक ऑफिस कल्चर में, ड्रेस कोड पर बहस बहुत तीव्र हो गयी है। ये ऑफिस की गरिमा और सामुदायिकता और अलग पहचान के लिए आवश्यक मानी जाती है। साथ ही यह सुनिश्चित करते हैं कि कर्मचारियों का पहनावा कार्यस्थल की गरिमा के अनुरूप हो। हालांकि, यह हमेशा से विवाद का विषय रहा है कि क्या महिलाओं को किसी ख़ास ड्रेस पहनने के निर्देश देना कहीं कार्यस्थल पर भेदभाव की श्रेणी में आएगा या नहीं। क्या ऐसी नीतियाँ वास्तव में भेदभाव मानी जा सकती हैं।

मध्य प्रदेश लोक सेवा गारंटी पोर्टल और उसके अंतर्गत आने वाली सेवाएं

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मध्य प्रदेश में लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत आने वाली सेवाओं से अब शासन की सभी योजनाओं का लाभ सीधे घर बैठे समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंच रहा है। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत सभी प्रकार के आवेदन एवं सभी प्रकार की सेवाओं हेतु आवेदन करने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया गया है जिसका नाम मध्य प्रदेश लोक सेवा गारंटी पोर्टल है। इसमें सभी प्रकार के विभागों की सभी नागरिक सेवाओं को एक जगह एकीकृत किया गया है। इस पोर्टल पर सभी विभागों में आवेदन करने की प्रक्रिया को श्राद्ध करते हुए एक जगह समायोजित करने का भूतपूर्व प्रयास किया गया है जिसमें नागरिकों को सभी विभागों में सभी नागरिक सेवाओं के लिए एक ही वेबसाइट पर जाकर आवेदन करने की सुविधा प्राप्त होती है। इसके अलावा इन आवेदन की स्थिति ऑनलाइन देखी जा सकती है। एक महत्वपूर्ण बात यह है कि इन सेवाओं को प्राप्त करने के लिए कोई आवेदन शुल्क भी नहीं लिया जाता है, कुछ सेवाओं के लिए जो शुल्क लिया जाता है वह भी नाम मात्र का 10,20 या ₹50 है। नामांतरण जैसी सुविधा के लिए भी नाम मात्र का 125 रुपए का शुल्क वर्तमान में लिया जा रहा है।

क्या बिना सिबिल स्कोर के भी लोन मिल सकता है

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हम सभी जानते हैं कि लोन लेने के लिए बैंक कितने प्रकार के दस्तावेज और फॉर्मेलिटी पूरी करवाता है और या आवश्यक नहीं के बाद लोन दे ही दे। इसके लिए उसके अपने खुद के कुछ मापदंड होते हैं और वह रिजर्व बैंक आफ इंडिया के नियमों का भी पालन करता है। लोन देने के लिए सबसे प्रमुख आधार होता है क्रेडिट एजेंसियां द्वारा किसी व्यक्ति का स्कोर। यह उसके वित्तीय लेनदेन और पुराने वित्तीय इतिहास पर आधारित होता है।

मातृत्व अधिनियम, 1961 क्या है, और इसके क्या फायदे हैं

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मातृत्व अधिनियम, 1961 क्या है, और इसके क्या फायदे हैं मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया एक ऐसा कानून है, जो मातृत्व के समय महिलाओं को उनके पूरे वेतन, छुट्टी और रोजगार की सुरक्षा जैसे कई लाभ प्रदान करता है। मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 के द्वारा महिलाओं को उनकी मातृत्व अवस्था के समय उनके स्वास्थ्य, उनके रोजगार, नौकरी, एवं शिशु के हित और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पारित किया गया था। इसलिए हम कह सकते हैं कि यह एक महिलाओं एवं शिष्यों की सुरक्षा से संबंधित एक महत्वपूर्ण विधि है।

वसीयत एक बार लिखने के बाद संशोधित कर सकते हैं

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क्या वसीयत एक बार लिखने के पश्चात संशोधित नहीं की जा सकती है ? समाज में यह भी एक आम धारणा है कि अगर वसीयत एक बार लिखवाने के पश्चात पंजीकृत करवा दी गई है तो उसमें फिर कोई संशोधन नहीं किया जा सकता और यदि कोई व्यक्ति अपनी वसीयत को बदलना चाहे तो वह नहीं बदल पाएगा। जब कि यह सही नहीं है। एक व्यक्ति अपने जीवन काल में कितनी भी बार वसीयत को बदल सकता है।

वसीयत की क्या आवश्यकता है

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वसीयत की क्या आवश्यकता है ? व्यक्ति सोचता है कि मेरे परिवार और रिश्तेदारों को मेरी सारी इच्छाओं के बारे में पता है, इसलिए वसीयत की आवश्यकता नहीं है। यह एक बड़ी गलत धारणा व्यक्ति के मन में होती है कि उसका परिवार उसके सभी इच्छाओं के बारे में जानता है, और परिवार यह भी समझता है की संपत्ति का बंटवारा उसके बाद कैसे होगा ,और इसलिए किसी प्रकार का कोई मनमुटाव या वाद विवाद उसकी मृत्यु के पश्चात उत्पन्न नहीं होगा। जबकि यह सही नहीं है।

वसीयत क्या है और इसका महत्व

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वसीयत वसीयत के बारे में कुछ ऐसे तथ्य जो आपको जानना जरूरी है वसीयत एक बहुत महत्वपूर्ण कानूनी दस्तावेज है, जिसके माध्यम से कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति अपने परिवार, प्रियजन और स्नेही जनों के बीच बांट सकता है, ताकि उसकी मृत्यु के पश्चात उसकी संपत्ति के बारे में कोई प्रश्न अथवा वाद विवाद की स्थिति उत्पन्न न हो। हालांकि समाज में वसीयत के बारे में बहुत सारी भ्रांतियां हैं। और जानकारी के अभाव में व्यक्ति समय रहते वसीयत और अपनी संपत्ति का प्रबंधन नहीं कर पाता।

वसीयत पंजीयन के बाद कोर्ट में चैलेंज कर सकते हैं

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क्या वसीयत का पंजीयन करवा लिया तो उस वसीयत को कोई कोर्ट में चैलेंज नहीं कर सकता ? आपको यह जानना बहुत आवश्यक है कि यदि एक बार वसीयत करवाने के पश्चात अपने उसका रजिस्टर कार्यालय मंव पंजीयन करवा लिया है तो भी आपकी वसीयत को न्यायालय के समक्ष चुनौती दी जा सकती है और अथवा विवाद उत्पन्न हो सकता है। हालांकि उसके लिए बहुत कम ही कारण न्यायालय के समक्ष रखे जा सकते हैं। जिनमें प्रमुख है - वसीयतकर्ता वसीयत बनाते समय स्वस्थ चित्त नहीं था। इसका अर्थ यह है कि जब वसीयतकर्ता के द्वारा वसीयत का निष्पादन किया जा रहा था, तब वह पागल अथवा उन्मुक्त अथवा किसी और प्रकार से मानसिक रोग से ग्रसित था, जिसके कारण वह अपनी वसीयत स्वतंत्र रूप से लिखने में सक्षम नहीं था।