क्या नोटरी या स्टांप पर शादी हो सकती है क्या 100 रुपए के स्टांप पर विवाह मान्य है

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₹100 के स्टांप पर हस्ताक्षर और हो गयी शादी ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं जिसमें लड़के और लड़की के हस्ताक्षर ₹100 के स्टांप पर करवा कर कह दिया जाता है कि आपका विवाह संपन्न हो गया और अब आप कानूनी रूप से पति-पत्नी हो गए हो। लेकिन यह प्रश्न उठता है कि क्या भारतीय कानून केवल स्टंप पर साइन कर देने से विवाह को वैध मानता है। यह जानना बहुत आवश्यक है कि कानूनी रूप से ऐसे विवाह मान्य है भी या नहीं।

लिव इन रिश्ते और विवाह में समानता और क्या फर्क हैं ?

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लिविंग रिश्तों और विवाह के बीच कुछ समानताएँ हैं, लेकिन दोनों के बीच महत्वपूर्ण अंतर भी हैं। लिव इन रिश्ते और विवाह में समानता साझेदारी: लिव इन और विवाह दोनों के लिए प्रतिबद्ध साझेदारी बनाने के लिए दो लोगों की आवश्यकता होती है। दोनों व्यवस्थाओं में साझेदारों के बीच अक्सर गहरा भावनात्मक संबंध होता है, वे जीवन साझा करते हैं और एक-दूसरे का समर्थन करते हैं। दुख और सुख में साथ होते हैं। मिलकर चुनौतियों का सामना करते हैं।

लिव इन रिलेशनशिप (Live in Relationship) के फायदे और नुकसान

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क्या है लिव इन संबंध (Live in Relationship) लिव इन, जिसे हिंदी में सहवास के रूप में भी जाना जाता है, लड़के और लड़की के बीच एक तरह का समझौता है, जिसमें यह जोड़ा शादी किए बिना एक साथ रहता है। यह एक पारस्परिक संबंध है, जिसमें दो लोग, आमतौर पर रोमांटिक या अंतरंग साझेदारी में, विवाह के कानूनी या औपचारिक दायित्व के बिना रिश्ते में एक साथ रहना और पारिवारिक जीवन का आनंद लेते हैं।

आर्य समाज में विवाह और प्रमाण पत्र की मान्यता है या नहीं

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आर्य समाज का परिचय आर्य समाज की नींव 1875 में स्वामी दयानंद सरस्वती जी ने रखी थी। वे एक महान धर्म सुधारक व विचारक थे। इस संस्था का जन्म हिंदू धर्म में पैदा हो गयी कुरीतियों के कारण हुआ था। आर्य समाज की स्थापना भारत में मूर्ति पूजा, अवतारवाद, बलि, कर्मकाण्ड व अन्धविश्वास के विरोध हेतु हुई। जातिवाद की कुरिति को मिटाने के लिए ही आर्य समाज में सभी जातियों के बीच विवाह संपन्न करवाया जाता है। इस विवाह का प्रमाण पत्र भी दिया जाता है। इस प्रमाण पत्र की वैधता को लेकर कई बार प्रश्न चिन्ह भी उठते रहते हैं।