आर्य समाज

आर्य समाज में विवाह और प्रमाण पत्र की मान्यता है या नहीं

आर्य समाज का परिचय आर्य समाज की नींव 1875 में स्वामी दयानंद सरस्वती जी ने रखी थी। वे एक महान धर्म सुधारक व विचारक थे। इस संस्था का जन्म हिंदू धर्म में पैदा हो गयी कुरीतियों के कारण हुआ था। आर्य समाज की स्थापना भारत में मूर्ति पूजा, अवतारवाद, बलि, कर्मकाण्ड व अन्धविश्वास के विरोध हेतु हुई। जातिवाद की कुरिति को मिटाने के लिए ही आर्य समाज में सभी जातियों के बीच विवाह संपन्न करवाया जाता है। इस विवाह का प्रमाण पत्र भी दिया जाता है। इस प्रमाण पत्र की वैधता को लेकर कई बार प्रश्न चिन्ह भी उठते रहते हैं।