ऑनलाइन इलेक्ट्रॉनिक्स सामान खरीदने पर सावधानी:

उपभोक्ता को ऑनलाइन इलेक्ट्रॉनिक्स सामान खरीदने पर निम्‍नलिखित सावधानी रखनी चाहिए :

  1. धयान रखें कि ऑनलाइन सामान विश्वसनीय वेसाइट या इ-कॉमर्स पोर्टल से ही खरीदें।
  2. वेबसाइट , निर्माता या भेजे वाले यानि सेलर के रिव्यू देख लें और उसके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर लें
  3. यदि आप वेबसाइट पर पहली बार शॉपिंग कर रहें है तो हमेशा कैश ऑन डिलीवरी भुगतान विकल्प का चयन करें।
  4. गुणवत्‍ता जांच, मूल्‍यांकन आदि के आधार पर अपने उपकरण की उपयोगिता की जांच कर लें
  5. उत्पाद के नाप क्षमता और विशेषताओं के बारे में जांच करें
  6. आपने जिस उत्‍पाद का प्रयोग करने का निर्णय लिया है उसकी डिलीवरी के बारे में पूरी जानकारी लें
  7. ध्यान दें कि दर्शाए गए चित्र वास्‍तविक उत्‍पाद से कुछ भिन्‍न हो सकते हैं
  8. ध्यान दें कि उत्‍पाद में सुधार के लिए विशिष्‍टताओं तथा बाहरी डिजाइन को बिना किसी नोटिस के बदला जा सकता है
  9. वेबसाईट में उत्‍पादों के विवरण के संबंध में कृपया कंपनी या उसके वितरक या सेलर से संपर्क करें
  10. सामान की गारंटी अथवा वारंटी के बारे में पूरी जानकारी लें
  11. सामान की आफ्टर सेल्स सर्विस यह सपोर्ट के बारे में पूरी जानकारी लें
  12. शिपिंग प्रभारों, डिलीवरी टाइम और रद्द करने और लौटाने संबंधी नीतियों और वारंटी संबंधी नियमों के बारे में जानकारी के संबंध में अपने को आश्वस्त करें।

इलेक्ट्रॉनिक सामान की गारंटी और वारंटी के बीच अंतर को समझें –

वारंटी, सामान्‍यत: किसी उत्‍पाद की एक लिखित गारंटी होती है और इसमें किसी त्रुटिपूर्ण उत्‍पाद की मरम्‍मत या उत्‍पाद या उसके किसी भाग को बदलने की जिम्‍मेदारी की घोषणा की जाती है। दूसरी ओर, गारंटी किसी कार्य को करने, कार्यान्वित करने या पूरा करने की जिम्‍मेदारी समझने का एक समझौता है और उस समझौते को सुरक्षा उपलब्‍ध कराना है। तथापि, कंपनियां सामान्‍यत: अपने उत्‍पादों के संबंध में केवल वारंटी देती हैं।

उत्पाद पर सामान्यतः विक्रेता की वारंटी अथवा विनिर्माता की वारंटी होती है।

  1. विक्रेता की वारंटी का अर्थ है कि ऑनलाइन कंपनी जो उस उत्पाद को बेच रही है, इसकी सेवाओं की जिम्मेदारी लेगी,
  2. विनिर्माता की वारंटी का अर्थ है कि जिस निर्माता ने उत्पाद बनाया है इसकी सेवाओं की जिम्मेदारी लेगा ।

आफ्टर सेल्स सर्विस या सपोर्ट को समझें –

सामान्‍यत:, लेन-देन के बाद भी उपभोक्‍ताओं के साथ संपर्क में रहना ही आफ्टर सेल्स सर्विस कहलाती है।ऑफ्टर सेल्‍स सर्विस उन विभिन्‍न प्रक्रियाओं की आरे इशारा करती हैं जो यह सुनिश्चित करती हैं कि उपभोक्‍ता, उत्‍पादों तथा सेवाओं से संतुष्‍ट हैं। उपभोक्‍ताओं के संतोष तथा उपभोक्‍ता को बनाए रखने में ऑफ्टर सेल्‍स सर्विस एक महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाती है। उपभोक्‍ता, ब्राण्‍ड में विश्‍वास करने लगता है और संगठन के साथ लम्‍बी अवधि के लिए जुड़ जाता है। वे संगठन तथा इसके उत्‍पादों के बारे में बात करते हैं।

आफ्टर सेल्‍स सपोर्ट के प्रकार :

ऑनसाईट वारंटी

ऑनसाईट वारंटी का अर्थ होता है “आपके दरवाजे पर सेवा देना”। संबंधित कंपनी आपके घर या नामित जगह पर उत्‍पाद की मरम्‍मत करने के लिए तकनीशियन को भेजेगी। यदि उत्‍पाद मरम्‍मत करने की स्थिति में नहीं होगा तो उसे मरम्‍मत के लिए सर्विस सेंटर या लैब में ले जाया जाएगा। (उदाहरण के लिए वाशिंग मशीन, रेफरीजरेटर, टीवी)।

ऑफसाईट वारंटी

यदि उत्‍पाद में कोई समस्‍या है तो उपभोक्‍ता को स्‍वयं ही उत्‍पाद को उस स्‍थान पर ले जाकर सर्विस/मरम्‍मत करवाना होगा, जहां वस्तु को बनाने वाला निर्माता का कारखाना या सर्विस सेंटर स्थित है। (उदाहरण के लिए मोबाइल हैण्‍डसेट तथा मिक्‍सर्स)

एक्‍सटेंडिड वारंटी का अर्थ है मानक वारंटी की कवरेज अवधि का विस्‍तार। उपभोक्‍ता, एक्‍सटेंडिड वारंटी के समय का विस्‍तार करने में सक्षम होता है जिसे जारी करने के लिए उत्‍पादनकर्ता बाध्‍य होता है। उपभोक्‍ताओं को अकसर खरीदारी के समय या जब मानक वारंटी समाप्‍त होने वाली हो तब, अतिरिक्‍त कवरेज का विकल्‍प दिया जाता है।

कंपनियों को अपने उपभोक्ताओं को क्या सेवाएं प्रदान करनी चाहिए –

  1. किसी भी टूटे हुए या खराब स्थिति में पाए जाने वाले उत्‍पाद को तुरंत बदलना चाहिए।
  2. उपभोक्‍ता की शिकायतों को सुनना और उसे संतोषजनक समाधान उपलब्ध कराना चाहिए।
  3. कम्पनी की वेबसाईट में उपभोक्‍ताओं द्वारा कम्पनी से संपर्क या शिकायत दर्ज कराने के लिए एक अलग से व्यवस्था करवाना चाहिए ।
  4. प्रत्‍येक संगठन में उपभोक्‍ताओं द्वारा कॉल करने और अपनी समस्‍याओं पर विचार-विमर्श करने के लिए एक टोल फ्री नम्‍बर होना चाहिए ।
  5. उपभोक्‍ताओं की समस्‍याओं पर त्‍वरित कार्रवाई करने के लिए एक कस्‍टमर सर्विस ऑफिसर का होना।
  6. पारदर्शी एवं सुविधाजनक एक्‍सचेंज पॉलिसी  होनी चाहिए।