इंटरनेट और तेज गति और सुलभता के कारण हमें कई सारी सुविधाएं इंटरनेट के माध्यम से मिल रही है। हम प्लंबर से लेकर हवाई जहाज तक इंटरनेट पर बुक कर सकते हैं।  इस के साथ ही धोखाधड़ी की संख्या में भी वृद्धि दर्ज की गई है। जालसाज ठगने के नएनए तरीके खोज रहे हैं, विशेष रूप से आम और भोलेभाले लोगों को उनकी गाढ़ी कमाई से ठगने के तरीके ईजाद कर रहे हैं। जो व्यक्ति डिजिटल प्लेटफॉर्म के उपयोग में सतर्क नहीं हैं या ऐसे लोग जो तकनीकी वित्तीय इकोसिस्टम से पूरी तरह परिचित नहीं हैं, वे इस ठगी के तरीकों का आसान शिकार हो रहे हैं। इसलिए जालसाजों द्वारा अपनाई जाने वाली कार्यप्रणाली के बारे में जनता के बीच जागरूकता की अत्यंत आवश्यकता है। 

आइए जानते हैं ऑनलाइन धोखाधड़ी के यह कौन-कौन से तरीके हैं –

  1. फ़िशिंग लिंक
  2. विशिंग कॉल
  3. ऑनलाइन बिक्री प्लेटफॉर्म का उपयोग कर धोखाधड़ी
  4. अज्ञात/असत्यापित मोबाइल ऐप्स के उपयोग के कारण धोखाधड़ी
  5. एटीएम कार्ड स्किमिंग
  6. स्क्रीन शेयरिंग ऐप/रिमोट एक्सेस का इस्तेमाल कर धोखाधड़ी
  7. सिम स्वैप / सिम क्लोनिंग
  8. सर्च इंजन के माध्यम से परिणामों पर साख से समझौता करके धोखाधड़ी
  9. मनी म्यूल 
  10. ऑनलाइन जॉब फ्रॉड
  11. लॉटरी की धोखाधड़ी
  12. सोशल मीडिया पर प्रतिरूपण 
  13. क्यूआर कोड स्कैन के जरिए स्कैम 
  14. जूस जैकिंग

इन्ही साइबर ठगी के तरीकों में से एक तरीका है –

सर्च इंजन के माध्यम से धोखाधड़ी

समझते हैं सर्च इंजन क्या होता है ?/

इंटरनेट पर हमें जो भी जानकारी चाहिए होती है वेबसाइट पर उपलब्ध होती है लेकिन इन  वेबसाइट को मोबाइल स्क्रीन पर डिस्प्ले करने का यानि दिखाने का काम सर्च इंजन का होता है।

सर्च इंजन के कुछ उदाहरण है –

  • गूगल
  • माइक्रोसॉफ्ट बिंग
  • याहू
  • डक डक गो

हम जो भी चीज इन सर्च इंजन पर ढूंढते हैं सर्च इंजन उससे संबंधित वेबसाइटों को खोज कर हमारे सामने लेकर आता है। लेकिन अगर इन रिजल्ट में कुछ हेरफेर कर दी जाए या इनमें गलत जानकारी डाल दी जाए या फिर हो सकता है वेबसाइट ही गलत बनाकर डाल दी जाए तब साइबर अपराधी हमारे साथ कोई भी बड़ी धोखाधड़ी कर सकते हैं।

जैसे उदाहरण के लिए –

अगर आपने मारुति सुजुकी कंपनी का हेल्पलाइन नंबर गूगल पर सर्च किया, तो हो सकता है साइबर अपराधी मारुति सुजुकी कंपनी की एक नकली वेबसाइट बनाकर उस पर अपना मोबाइल नंबर डाल दें। आप उस नंबर पर कॉल करके यही समझेंगे कि आप मारुति सुजुकी के अधिकृत हेल्पलाइन एग्जीक्यूटिव से बात कर रहे हैं। हो सकता है व्यक्ति आपको भरोसे में लेकर कुछ पैसे उसके अकाउंट में डालने के लिए मना ले। जब तक आपको यह पता चलेगा कि वह व्यक्ति जालसाज है या साइबर अपराधी है तब तक बहुत देर हो चुकी होगी और आपका पैसा गायब हो चुका होगा।

  1. सर्च इंजन के माध्यम से धोखाधड़ी करने का एक प्रचलित तरीका नीचे भी दिया गया है –
  2. सबसे पहले ग्राहक संपर्क विवरण / कस्टमर केयर नंबर प्राप्त करने के लिए सर्च इंजन का उपयोग करते हैं। 
  3. साइबर अपराधियों द्वारा एक नकली वेबसाइट या पेज बनाकर उस पर गलत जानकारी डाल दी जाती है।
  4. इस वेबसाइट पर फर्जी ईमेल, एड्रेस, टोल फ्री नंबर या खुद के मोबाइल नंबर डाल दिए जाते हैं।
  5. उस कंपनी या संस्था का अधिकृत व्यक्ति बन कर खुद साइबर अपराधी हैं ग्राहक से बात करते हैं।
  6. साइबर अपराधियों द्वारा ग्राहक से किसी सुविधा के बदले एडवांस पैसा मांगा जाता है।
  7. पैसे मांगने के कुछ बहाने नीचे दिए गए हैं –
  • रिपेयर या रिप्लेसमेंट सुविधा के लिए एडवांस बुकिंग
  • पैसा रिफंड करने के लिए कोई शुल्क लगेगा जैसे प्रोसेसिंग फीस
  • डॉक्यूमेंटेशन के लिए प्रोसेसिंग फीस
  • घर पर तकनीकी सहायक या एग्जिट भेजने के लिए बुकिंग अमाउंट
  • बीमे की रकम प्राप्त करने के लिए प्रोसेसिंग फीस
  • रिटायरमेंट का पैसा निकलवाने के लिए प्रोसेसिंग फीस या टोकन अमाउंट
  • पीएफ का पैसा निकलवाने के लिए फीस
  • या ऐसा ही कोई झूठा बहाना

ग्राहक इन साइबर अपराधियों के भरोसे में आकर अपनी गोपनीय जानकारी जैसे बैंक का अकाउंट नंबर पासवर्ड पीएफ नंबर पासवर्ड और ओटीपी तक इन साइबर अपराधियों को दे देते हैं जिसका फायदा उठाकर में साइबर अपराधी आपके बैंक अकाउंट से पैसा निकाल लेते हैं।

सावधानी

  1. हमेशा बैंकों या कंपनियों की आधिकारिक वेबसाइटों से कस्टमर केयर संपर्क विवरण प्राप्त करें। 
  2. बैंकों की सुरक्षित मोबाइल एप्लीकेशन के बारे में जानकारी रखें जैसे एसबीआई की आधिकारिक मोबाइल एप्लीकेशन ‘योनो’ है। इसी प्रकार हर बैंक की एक आधिकारिक मोबाइल बैंकिंग एप्लीकेशन है।
  3. अमेजन जैसी बड़ी और भरोसेमंद वेबसाइट भी अपनी मोबाइल एप्लीकेशन संपर्क करने के लिए जानकारियां देती है।
  4. कोशिश करें कि हेल्पलाइन /टोल फ्री नंबर सुरक्षित मोबाइल एप्लीकेशन से ही प्राप्त कर लें।
  5. मोबाइल एप्लीकेशन पर संपर्क करने की जानकारी न दी गई हो तो आप आधिकारिक वेबसाइट सर्च करें।
  6. सर्च करने पर आने वाले शुरुआत के परिणामों पर आंख बंद करके भरोसा ना कर ले
  7. जांच करने की वेबसाइट आधिकारिक है या नहीं या उससे मिलती-जुलती कोई नकली वेबसाइट तो नहीं है।
  8. कृपया यह भी ध्यान दें कि कस्टमर केयर नंबर कभी भी “मोबाइल नंबर” के रूप में नहीं होते हैं। आमतौर पर यह टोल फ्री नंबर 1800 सीरीज़ से चालू होते हैं। लेकिन हर 1800 सीरीज से चालू होने वाला टोल फ्री नंबर भी सुरक्षित हो यह भी आवश्यक नहीं है। 
  9. हेल्पलाइन नंबर पर बात करने वाला व्यक्ति भले ही वास्तविक हो लेकिन उसे भी ओटीपी या अन्य कोई गोपनीय जानकारी जैसे आपके क्रेडिट कार्ड डिटेल या डेबिट कार्ड डिटेल्स ना दें।
  10. प्रयास करें कि शुरुआत में ही भुगतान ना करें।