मध्यप्रदेश में प्राकृतिक आपदा या दुर्घटना में मृत्यु होने पर कितना मुआवजा मिलता है?
मध्यप्रदेश में किसी प्रकार की प्राकृतिक आपदा या दुर्घटना होने पर राज्य सरकार के द्वारा सहायता राशि दी जाती है। इसे आर्थिक अनुदान सहायता राशि कहा जाता है। यह सहायता राशि पीड़ित व्यक्ति को अथवा उस आपदा या दुर्घटना में किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाए तो मृतक के निकटतम रिश्तेदार या वारिस को दी जाती है।
किसे नैसर्गिक विपत्ति (प्राकृतिक आपदा) माना जाता है
प्राकृतिक आपदा ऐसी घटना होती है जिस पर किसी का वश नहीं होता। इसका अर्थ यह है कि प्राकृतिक आपदा किसी मानविय कारण से नहीं होती, यह प्राकृतिक होती है।
प्राकृतिक आपदा कौन सी हैं
- भूकंप
- तूफान
- बाढ़
- अतिवृष्टि (अत्याधिक बारिश होना)
- ओलावृष्टि (ओले गिरना)
- भूस्खलन
- आकाशीय बिजली गिरना
दुर्घटना क्या होती है ?
दुर्घटना ऐसी कोई विपत्ति है जो अचानक घटित हो गई है या जो मनुष्य के नियंत्रण से बाहर हो गई है, और उससे मानव जीवन या संपत्ति को कोई नुकसान पहुंचा है।
कौन सी घटना को दुर्घटना माना जाता है ?
- आग लगना
- सांप के द्वारा काटना
- गुहेरा (गोहरा) के द्वारा काटना
- अन्य किसी जहरीले जंतु द्वारा काटना
- बस या किसी अन्य अधिकृत पब्लिक ट्रांसपोर्ट के नदी या जलाशय में गिरने से मृत्यु होना
- पहाड़ी आदि से खड्ड (गढ्ढे या खाई) में गिरने के कारण वाहनों में सवार व्यक्तियों की मृत्यु होना
- जलाशय में डूब कर मृत्यु होना।
नैसर्गिक या दुर्घटना में मृत्यु होने पर कितना मुआवजा या आर्थिक सहायता राशि दी जाती है ?
मध्यप्रदेश में नैसर्गिक आपदा जैसे की ओलावृष्टि, अतिवृष्टि, आंधी, तूफान, बिजली गिरने आदि से मृत्यु हो जाने पर एवं सर्पदंश से मृत्यु हो जाने पर अथवा पानी अथवा जलाशय में डूब जाने से मृत्यु हो जाने पर राज्य सरकार द्वारा ₹400000 की राहत राशि प्रदान की जाती है।
प्राकृतिक आपदा या दुर्घटना में मृत्यु होने पर प्रक्रिया
मामला सर्व संज्ञान यानी अधिकारियों की जानकारी पर विपत्ति ग्रस्त व्यक्ति को आवेदन करने की भी आवश्यकता नहीं होती। उस क्षेत्र का सक्षम अधिकारी स्वविवेक से मामला संज्ञान में आते ही आवश्यक कार्यवाही करते हैं। विपत्ति ग्रस्त व्यक्ति इसके लिए राजस्व विभाग को सूचित कर सकता है।
मुआवजा राशि प्राप्त करने के लिए आवश्यक दस्तावेज
राहत राशि प्राप्त करने के लिए जिन दस्तावेजों की आवश्यकता की आवश्यकता होती है, उनकी सूची नीचे दी गई है :
- पोस्टमार्टम रिपोर्ट
- मर्ग इंटीमेशन रिपोर्ट
- एफ. आई. आर. की कॉपी (F.I.R.)
- बैंक खाता जानकारी (Bank Account Number and IFSC)
- आधार कार्ड
- समग्र आई डी
- आरबीसी 64 प्रपत्र दो
- क्षेत्र के हल्का पटवारी द्वारा दिए जाने वाला प्रतिवेदन
- हल्का पटवारी द्वारा तैयार मौका पंचनामा
प्रक्रिया
उपरोक्त दस्तावेज एकत्रित करके पटवारी द्वारा अपने ऊपर के सक्षम अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है। पीड़ित व्यक्ति या व्यक्ति के परिवार जनों को पृथक से कोई आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है। यह संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी है कि वह पीड़ित व्यक्ति को मुआवजे संबंधित उचित जानकारी प्रदान करके, उससे संबंधित दस्तावेज एकत्रित करके मुआवजा राशि दिलवाए।
क्या बीमा राशि मिलने पर आर्थिक अनुदान सहायता राशि या मुआवजा नहीं मिलेगी ?
सरकार के द्वारा दी जाने वाली आर्थिक अनुदान सहायता राशि या मुआवजा बीमा राशि से अलग होता है। यदि किसी व्यक्ति का बीमा था और उसे दुर्घटना होने पर बीमा राशि मिल चुकी है, तो भी उसे सरकार द्वारा आर्थिक अनुदान सहायता राशि अवश्य मिलेगी।
क्या किसी बच्चे की मृत्यु होने पर भी मुआवजा मिलेगा? यदि हां तो कितना ?
बिल्कुल मिलेगा। किसी प्राकृतिक आपदा या दुर्घटना होने में यदि किसी बच्चे की मृत्यु हो गई है, तो उसे भी एक व्यक्ति माना जाएगा और उसके निकटतम संबंधी को भी उतना ही मुआवजा या आर्थिक अनुदान सहायता राशि मिलेगी जितनी किसी वयस्क व्यक्ति की मृत्यु होने पर मिलती।