मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के नियम क्या हैं, आवेदन कैसे करें

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सन 2012 में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना प्रारम्भ की गयी थी। इस योजना में मध्य प्रदेश के बुजुर्गो को प्रदेश के बाहर के तीर्थ स्थानों का सरकार द्वारा निशुल्क भ्रमण करवाया जाता है। इस योजना को अब दुबारा चालु किया गया है। मध्य प्रदेश के बुजुर्गों में यह योजना बड़ी लोकप्रिय है। आइये इस से सम्बंधित नियम और महत्वपूर्ण जानकारियां समझते हैं।

योजना का उददेश्य

इस योजना का उद्देश्य मध्यप्रदेश के निवासी वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष या अधिक आयु कें व्यक्ति) को  प्रदेश के बाहर स्थित विभिन्‍न तीर्थ स्थानों में से किसी एक स्थान की यात्रा सुलभ कराने हेतु शासकीय सहायता प्रदान करना है।

कोई व्यक्ति कितनी बार इस योजना का लाभ उठा सकता है ?

इस योजना का लाभ कोई व्यक्ति जीवनकाल में सिर्फ एक बार ही उठा सकता है।

इस यात्रा में दी जाने वाली सुविधाएं –

  1. यात्रा हेतु विशेष रेलगाड़ियां निशुल्क चलाई जाती हैं
  2. भोजन/ नाश्ते की निशुल्क व्यवस्था
  3. ठहरने की निशुल्क व्यवस्था
  4. स्टेशन से तीर्थ तक जाने अथवा भ्रमण हेतु यातायात साधन जैसे बस की निशुल्क सुविधा
  5. भ्रमण हेतु गाइड व अन्य सुविधाएं

तीर्थ यात्रा पर जाने के लिए क्या शर्तें हैं ?

तीर्थ यात्रा पर जाने के लिए इस योजना के अंतर्गत आवेदक को निम्नलिखित शर्तें पूर्ण करनी होंगी :–

  1. मध्यप्रदेश का मूल निवासी हो |
  2. 60 वर्ष से अधिक आयु का हो।
  3. आयकरदाता न हो।
  4. इस योजना के अंतर्गत पूर्व में यात्रा न की हो।
  5. यात्रा हेतु शारीरिक एवं मानसिक रूप से सक्षम हो और किसी संकामक रोग यथा टी.बी., कांजेस्टिव कार्डियक, श्वास में अवरोध सम्बन्धी
  6. बीमारी, मानसिक व्याधि, संक्रामक कुष्ठ आदि से ग्रसित न हो |

यदि कोई झूठी जानकारी दे या तथ्य छुपाता है तो क्या होगा ?

यदि यह पाया गया कि आवेदक यात्री ने असत्य जानकारी देकर या तथ्यों को छुपाकर आवेदन किया है तो उसे किसी भी समय योजना के लाभों से वंचित किया जा सकेगा।

आवेदन की प्रक्रिया –

  1. आवेदन दो प्रतियों में सरकार द्वारा निर्धारित प्रपत्र में जमा किया जाएगा।

  2. आवेदन पत्र मात्र हिन्दी में ही भरा जाएगा।

  3. आवेदन क़े साथ नवीनतम रंगीन फोटो निर्धारित स्थान पर फ्रंट पोज में (सफेद पृष्ठभूमि मात्र) लगाना होगा।

  4. आवेदन के साथ निवास के साक्ष्य’ ( प्रूफ ऑफ रेसीडेंस) के लिए निम्नलिखित में से कोई एक़ दस्तावेज प्रस्तुत करना होगा-

i)    – राशन कार्ड. की प्रतिलिपि
ii)   – ड्राइविंग लाइसेंस की प्रतिलिपि
iii)  – विद्युत देयक की प्रतिलिपि
iv) – मतदाता पहचान पत्र की प्रतिलिपि
v)  – राज्य सरकार द्वारा स्वीकार्य कोई अन्य साक्ष्य

  1. आवेदन पत्र जिस लिफाफे में प्रेषित किया जाए उस पर “मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना वर्ष 20— में ——- स्थान की यात्रा के लिए आवेदन” अंकित किया जाए।

रिक्त स्थानों में ज़िस वर्ष में जिस तीर्थ स्थान की यात्रा हेतु आवेदन किया जा रहा है उसका उल्लेख किया जाना चाहिये।

  1. आवेदक को किन्ही दो नामनिर्देशितियों (कोई रिश्तेदार/परिचित ) का नाम एवं अन्य विशिष्टियाँ (सूचना/जानकारी ) जिनसे उनसे किसी आपात स्थिति में तुरंत संपर्क किया जा सके, का वर्णन भी आवेदन पत्र में निर्धारित स्थान पर करना होगा। अपने कम से कम एक नामनिर्देशिती का मोबाइल नंबर देना आवश्यक होगा।

  2. आवेदक को निकटतम तहसील /उप तहसील में या निर्धारित स्थान पर, इच्छित स्थान की यात्रा हेतु निर्धारित प्रपत्र में आवेदन, सरकर द्वारा निर्धारित समय सीमा के पूर्व प्रस्तुत करना होगा।

क्या यात्रा में किसी सहायक को भी साथ ले जा सकते हैं? सहायक को ले जाने से सम्बंधित नियम क्या हैं ?

  1. हाँ, 65 वर्ष से अधिक आयु का कोई ऐसा व्यक्ति, जिसने कि अकेले यात्रा करने हेतु आवेदन किया है, अथवा जो 60 % से अधिक विकलांग है, किसी भी 8 वर्ष से अधिक एवं 50 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति को सहायक के रूप में अपने साथ यात्रा पर ले जा सकता है।
  2. व्यक्तियों के समूह द्वारा आवेदन करने पर उक्त समूह के साथ, 3 से 6 व्यक्तियों के समूह को सहायक ले जाने की पात्रता होगी, बशर्ते कि इस समूह का प्रत्येक व्यक्ति 65 वर्ष से अधिक आयु का हो।
  3. एक समूह में अधिक से अधिक 5 सहायक ही यात्रा पर जा सकेंगे। पति/पत्नी के साथ-साथ यात्रा करने पर सहायक को साथ ले जाने की सुविधा नहीं रहेगी।
  4. सहायक का यात्री का संबंधी होना आवश्यक नहीं है।
  5. सहायक को यात्रा पर ले जाने की दशा में उसे भी उसी प्रकार की सुविधा प्राप्त होगी जो कि यात्री को अनुज्ञेय हो।
  6. यदि आवेदक पति, पत्नी में से किसी का नाम चुना जाता है तो उसका जीवन साथी भी यात्रा पर साथ जा सकेग़ा।
  7. आवेदक के जीवन साथी की आयु 60 वर्ष से कम हो, तब भी आवेदक के साथ यात्रा कर सकेगी /कर सकेगा |
  8. आवेदन करते समय ही आवेदक को यह बताना होगा कि उसका जीवनसाथी भी उसके साथ यात्रा करने का इच्छुक है।
  9. ऐसी स्थिति में उक्त जीवनसाथी का आवेदन भी आवेदक के आवेदन के साथ ही संलग्न करना होगा।
  10. यदि सहायक को यात्रा पर साथ ले जाने की पात्रता है तो उस सहायक का आवेदन भी आवेदक के साथ ही जमा किया जायेगा।

क्या व्यक्तियों के समूह एक साथ आवेदन कर सकते हैं ?

  1. समूह में सम्मिलित समस्त व्यक्तियों की, जिसमें सहायक भी सम्भिलित होंगे, संख्या 25 से अधिक नहीं होगी |
  2. यदि व्यक्तियों के समूह एक साथ आवेदन करते हैं तो संपूर्ण समूह को एक आवेदन मानते हुए लॉटरी में सम्मिलित किया जाएगा। उक्त समूह, अधिक से अधिक 25 आवेदकों का हो सकेगा।
  3. समूह का एक आवेदक समूह का मुखिया कहलायेगा। अन्य सभी आवेदकों के आवेदन उसके आवेदन के साथ संलग्न कर जमा किये जाएंगे |
  4. यदि उक्त समूह में सम्मिलित व्यक्तियों को सहायक ले जाने की पात्रता है तो प्रस्तावित सहायकों के आवेदन भी इसी आवेदन के साथ संलग्न किए जाएंगे।

यात्रा हेतु चुने जाने की प्रक्रिया क्या है ?

  1. यात्रियों का चयन कलक्टर द्वारा निम्नलिखित प्रक्रिया के अनुसार किया जाएगा :-
  2. यात्रा हेतु प्राप्त समस्त आवेदनों को यात्रा स्थानवार छांटा जाएगा।
  3. प्रत्येक स्थान की यात्रा हेतु प्राप्त आवेदनों में से उपलब्ध कोटे के अनुसार यात्रियों का चयन किया जाएगा।
  4. यदि निर्धारित कोटे से अधिक संख्या में आवेदन प्राप्त होते हैं, तो लाटरी (कम्प्यूटराईज्ड ड्रा ऑफ लॉट्स) द्वारा यात्रियों का चयन किया जाएगा।
  5. कोटे के 10 प्रतिशत अतिरिक्त ही व्यक्तियों की प्रतीक्षा सूची भी बनायी जाएगी ।
  6. चयनित यात्री के यात्रा पर न जाने की स्थिति में प्रतीक्षा सूची में सम्मिलित व्यक्ति को यात्रा पर भेजा जा सकेगा।
  7. लाटरी निकालते समय आवेदक के आवेदन के साथ उसकी पत्नी अथवा पति (यदि उनके द्वारा भी यात्रा के लिये आवेदन किया गया हो) एवं सहायक (यदि सहायक की पात्रता हो और सहायक ने भी यात्रा पर जाने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया हो) को एक मानते हुये लॉटरी निकाली जाएगी एवं लॉटरी में चयन होने पर यात्रा के लिये उपलब्ध बर्थ /सीटों में से उतनी संख्या कम कर दी जाएगी।
  8. समूह में आवेदन किये जाने की स्थिति में, पूरे समूह के सदस्यों एवं उनके सहायकों (यदि सहायक की पात्रता है और सहायक ने भी यात्रा हेतु आवेदन प्रस्तुत कर दिया हो) का एक आवेदन मानते हुए लॉटरी में सम्मिलित किया जायेगा।
  9. समूह में लॉटरी में चयन होने की स्थिति में समूह में सम्मिलित आवेदकों की संख्या अनुसार चयन मानते हुए उतनी संख्या तक बर्थ /सीटें, उपलब्ध बर्थ /सीटों की संख्या से कम कर दी जाएगी।
  10. चयनित यात्रियों एवं प्रतीक्षा सूची को कलक्टर कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर एवं अन्य ऐसे माध्यम से, जो कि उचित समझे, प्रसारित किया जाएगा।
  11. केवल वह व्यक्ति ही जिसका चयन किया गया है, यात्रा पर जा सकेगा। वह अपने साथ अन्य किसी व्यक्ति को नहीं ले जा सकेगा।
  12. लेकिन योजना के अंतर्गत चयन होने मात्र से ही किसी व्यक्ति को यात्रा कराने हेतु शासन बाध्य नहीं है।
  13. यात्रियों के साथ अनुरक्षक (एस्कार्ट) के रूप में प्रथमत: राजस्व विभाग के शासकीय अधिकारियों /कर्मचारियों को भेजा जाएगा।
    राजस्व विभाग के कर्मचारियों के उपलब्ध नहीं हौने की स्थिति में अन्य विभागों एवं शासकीय निगम /मण्डल /आयौग के अधिकारियों / कर्मचारियों को भी भेजा जा सकेगा।
  14. व्यवस्था पर होने वाला व्यय शासन वहन करेगा |
  15. यात्रियों की सुरक्षा एवं स्वास्थ्य संबंधी व्यवस्था कलक्टर द्वारा सुनिश्चित की जाएगी।
  16. यात्रा केवल सामूहिक रूप से आयोजित की जाएगी ।
  17. किसी तीर्थ स्थान की यात्रा के लिए शासन द्वारा निधारित न्यूनतम संख्या में यात्री उपलब्ध होने पर ही यात्रा प्रारंभ की जाएगी।

अन्य व्यक्तियों के यात्रा करने पर प्रतिबंध –

  1. केवल वह व्यक्ति ही जिसका चयन इस योजना के अंतर्गत यात्रा हेतु किया गया है, इस यात्रा पर जा सकता है।
  2. यात्री किसी भी परिस्थति में अपनी सीट किसी किसी अन्य व्यक्ति को हस्तांतरित नहीं कर सकता।
  3. वह अपने साथ अन्य किसी व्यक्ति को, भले ही वह यात्रा का व्यय देने हेतु तैयार हो, यात्रा में साथ नहीं ले जा सकेगा।
  4. ट्रेन एवं वाहनों में केवल चयनित व्यक्ति ही यात्रा करेगा और एक सीट (बर्थ) पर केवल एक ही व्यक्ति यात्रा करेगा।

किसी विशेष सुविधा या अतिरिक्त व्यय की स्थिति में –

यदि कोई यात्री, यात्रा के दौरान, शासन द्वारा निर्धारित मापदण्डों / सुविधाओं के अतिरिक्त सुविधाएं प्राप्त करना चाहता है तो उसका भुगतान उसे स्वयं करना होगा।

यात्रा के दौरान नियम –

  1. यात्री किसी तरह के ज्वलनशील पदार्थ या माद्रक पदार्थ किसी भी रूप में साथ नहीं ले जा सकेंगे |
  2. यात्री अपने साथ आभूषण आदि कोई कीमती सामान भी नहीं ले जा सकेंगे।
  3. यात्री तीर्थ की मर्यादा के अनुसार आचरण करेंगे ताकि प्रदेश की छवि अन्यथा प्रभावित न हों।
  4. यात्री अपने निर्धारित सम्पर्क अधिकारी के निर्देशों का पालन करेंगे।

यात्रा के दौरान कोई दुर्घटना या अप्रत्याशित परिस्थितियां आ जाने पर –

यात्रा के दौरान होने वाली किसी दुर्घटना अथवा कठिनाई के लिये राज्य शासन अथवा उसका कोई अधिकारी / कर्मचारी उत्तरदायी नहीं होगा।

मुख्य मंत्री तीर्थ दर्शन योजना में शामिल तीर्थ स्थानों की सूची –

  1. श्री बद्रीनाथ
  2. श्री केदारनाथ
  3. श्री जगन्नाथ पुरी
  4. श्री द्वारका पुरी
  5. हरिद्वार
  6. अमरनाथ
  7. वैष्णौदेवी
  8. शिरडी
  9. तिरूपति
  10. अजमेर शरीफ
  11. काशी (वाराणसी)
  12. गया
  13. अमृतसर
  14. रामेश्वरम्‌
  15. सम्मेद शिखर
  16. श्रवणबेलगोला
  17. वेलांगणी चर्च, सामापट्टनम्‌ (तमिलनाडु)
  18. मदुरई
  19. तिरुपति
  20. श्री कालहस्ती
  21. द्वारका
  22. सोमनाथ
  23. पूरी
  24. गंगासागर
  25. ऋषिकेश
  26. अमृतसर
  27. काशी
  28. कामाख्या देवी
  29. गिरनार जी
  30. पटना साहिब
  31. मध्य प्रदेश के तीर्थ स्थल – उज्जैन, मेहर, श्री रामराजा मंदिर ओरछा, चित्रकूट, ओंकारेश्वर, महेश्वर और मुडवारा

शासन इस सूची में कोई तीर्थ स्थान बढ़ा या घटा भी सकता है।

 

आवेदन का फार्मेट अथवा शासकीय आदेश डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें :

Download Government Order and Application format – Mukhyamantri Teerth Darshan Yojna