वसीयत एक बार लिखने के बाद संशोधित कर सकते हैं

क्या वसीयत एक बार लिखने के पश्चात संशोधित नहीं की जा सकती है ?

समाज में यह भी एक आम धारणा है कि अगर वसीयत एक बार लिखवाने के पश्चात पंजीकृत करवा दी गई है तो उसमें फिर कोई संशोधन नहीं किया जा सकता और यदि कोई व्यक्ति अपनी वसीयत को बदलना चाहे तो वह नहीं बदल पाएगा।

जब कि यह सही नहीं है। एक व्यक्ति अपने जीवन काल में कितनी भी बार वसीयत को बदल सकता है।

इसका अर्थ यह है कि अगर आप एक बार वसीयत लिखने के पश्चात उसमें कुछ संशोधन करना चाहते हैं, तो आप इसके लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र हैं। बस इसके लिए आपको नाम मात्र का शुल्क अदा करना होगा। और आप उस वसीयत को संशोधित अथवा पूरी तरह से रद्द भी कर सकते हैं।