चैक बाउंस होने पर क्या करें ?
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चेक बाउंस क्या है?
सिर्फ अकाउंट में पैसे नहीं होने की वजह से ही चेक बाउंस होता है?
- लिखी गई राशि अकाउंट में ना होना या उससे कम राशि होने के कारण भुगतान ना होना
- चेक देने वाले का अकाउंट बंद हो गया हो
- चेक देने वाले का हस्ताक्षर अकाउंट में दर्ज हस्ताक्षर से मिलान नहीं हो रहा हो
- चेक पर ओवरराइटिंग हुई हो
- चेक की समय सीमा समाप्त हो गई हो
- नकली चेक का संदेह हो
- कंपनि या फर्म के चैट में उसकी मुहर ना हो
- ओवरड्राफ्ट की लिमिट को पार करता हो
चेक रिटर्न मेमो किसे कहते हैं?
चेक बाउंस होने पर शिकायत या केस कर सकते हैं
चेक बाउंस होने पर बैंक से लेनदार को एक रसीद मिलती है जिसमें चेक बाउंस होने के कारण को दर्शाया जाता है इसके बाद वह व्यक्ति 30 दिनों के अंदर चेक जारी करने वाले व्यक्ति को एक नोटिस भेजता है जिसमें एक निश्चित समय सीमा 15 दिन या 1 माह के अंदर चैट में उल्लेखित राशि का भुगतान करने का जिक्र किया जाता है उस अवधि में भुगतान न करने की स्थिति में नोटिस भेजने के 1 माह के अंदर अदालत में केस दर्ज कराया जा सकता है।
क्या चेक बाउंस एक दंडनीय अपराध है
परक्राम्य अधिनियम 1881 की धारा 138 के अंतर्गत चेक बाउंस होना एक दंडनीय अपराध है इसके लिए चेक जारी करने वाले व्यक्ति को 2 साल की सजा और चेक में उल्लेखित राशि के दुगुने तक का जुर्माना लगाया जा सकता है
इसके लिए क्या कोई पेनाल्टी लगती है?
बार-बार किसी व्यक्ति का चेक बाउंस हो रहा है तो इसका कोई निगेटिव इम्पैक्ट भी है क्या?
कुछ काम की बातें जो चेक बाउंस के केस में आपको याद रखनी चाहिए
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