वसीयत की क्या आवश्यकता है

वसीयत की क्या आवश्यकता है ?

व्यक्ति सोचता है कि मेरे परिवार और रिश्तेदारों को मेरी सारी इच्छाओं के बारे में पता है, इसलिए वसीयत की आवश्यकता नहीं है।

यह एक बड़ी गलत धारणा व्यक्ति के मन में होती है कि उसका परिवार उसके सभी इच्छाओं के बारे में जानता है, और परिवार यह भी समझता है की संपत्ति का बंटवारा उसके बाद कैसे होगा ,और इसलिए किसी प्रकार का कोई मनमुटाव या वाद विवाद उसकी मृत्यु के पश्चात उत्पन्न नहीं होगा। जबकि यह सही नहीं है।

किसी व्यक्ति की मृत्यु की पश्चात उसकी संपत्ति के बंटवारे को लेकर कई विवाद उत्पन्न होना स्वाभाविक है। धन और संपत्ति किसी के मन में भी लालच पैदा कर सकते हैं। और इन्हीं विवादों से बचने के लिए आपको वसीयत की आवश्यकता होती है। यहाँ
योग्य बात यह है कि सिर्फ मौखिक रूप से अपनी संपत्ति के बारे में किसी को बता देने से आपकी संपत्ति निर्विवाद रूप से उसे व्यक्ति को भविष्य में प्राप्त नहीं होगी।

यदि आपने वसीयत नहीं की है तो संपत्ति आपकी इक्छा के अनुसार नहीं बल्कि उस संपत्ति का बंटवारा आपके पर्सनल विधि यानी कि जिस पर्सनल लॉ से आप शासित होते हैं, उसके अनुसार किया जाएगा।

व्यक्तिगत विधि या पर्सनल विधि के कुछ उदाहरण है - हिंदू विधि , मुस्लिम विधि और भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम।