बीमा क्या है और क्यों जरुरी है
हम सभी सुरक्षित रहना चाहते है लेकिन जीवन अनिश्चितताओं से भरा है, लेकिन किसी अनजानी घटना से चाहे वह आग हो, दुर्घटना हो, बीमारी या मौत से अचानक आर्थिक परेशानी आ सकती हैं। इसी कारण भविष्य में इस प्रकार की किसी भी घटना के जोखिम से बचने के लिए बीमा करवाया जाता है। यह बीमा जीवन का हो सकता है, आग का हो सकता है, दुर्घटना के खिलाफ, बीमारी या कोई और।
बीमा का अर्थ है अनिश्चित घटनाओं से होने वाले नुकसान से वित्तीय सुरक्षा। यह सुरक्षा किसी बीमा कंपनी को प्रीमियम का भुगतान कर के भविष्य में होने वाले जोखिम और अपेक्षित नुकसान को कवर किया जाता है । बीमा अनिश्चितता के जोखिम को कम करता है और भविष्य के किसी भी संभावित नुकसान की भरपाई करता है।
बीमा एक समझौता है जो बीमित व्यक्ति को बीमाकर्ता (बीमा कंपनी) द्वारा किसी विशेष परिस्थिति में या किसी दुर्घटना में होने वाले नुकसान पर मुआवजा प्रदान करता है।
बीमा का अर्थ:
बीमा दो पक्षों, बीमा कर्ता और बीमित व्यक्ति के बीच एक अनुबंध होता है।
बीमा करने वाले को बीमा कर्ता कहते हैं और वह व्यक्ति या पक्ष जिसका बीमा किया जा रहा है, बीमित कहलाता है। इस अनुबंध के तहत बीमाकर्ता एक निश्चित राशि (प्रीमियम) के भुगतान पर, पर बीमित व्यक्ति की क्षतिपूर्ति के लिए सहमत होता है। बीमा वास्तव में बीमाकर्ता और बीमाकृत के बीच अनुबंध है जिसमें बीमाकर्ता बीमाकृत से एक निश्चित रकम (प्रीमियम) के बदले किसी निश्चित घटना के घटित होने (जैसे कि एक निश्चित आयु की समाप्ति या मृत्यु की स्थिति में) पर एक निश्चित रकम देता है या फिर बीमाकृत की जोखिम से होने वाले वास्तविक हानि की क्षतिपूर्ति करता है।
बीमा के प्रकार
1. जीवन बीमा:
इस में बीमाप्रदाता, बीमाधारी की मृत्यु या कोई दुर्घटना होने पर उसे कोई पहले से तय राशि देने का वादा करता है। इस वादे के बदले में बीमाधारी व्यक्ति एक निर्धारित राशि प्रीमियम के रूप में देता है। जीवन बीमा केवल जीवन के जोखिम को ही कवर नहीं करता है बल्कि बचत और निवेश के क्षेत्र में भी कई अतिरिक्त लाभ प्रदान करता है।
2. समूह बीमा:
समूह बीमा या ग्रुप इंश्योरेंस किसी व्यक्तियों के समूह का जीवन बीमा है, जैसे किसी कम्पनी या संगठन के कर्मचारी।
3. समुद्री बीमा:
एक समुद्री यात्रा में जहाज के माल को समुद्री जोखिमों से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए जो बीमा किया जाता है वह समुद्री बीमा कहलाता है ।
4. अग्नि बीमा:
इमारतों या संपत्ति को आग से होने वाले किसी भी नुकसान के लिए यह बीमा किया जाता है।
5. क्रेडिट बीमा:
जब कोई व्यक्ति, कम्पनी या संस्था वाणिजियक कर्ज लेती है तो यह भी अनिश्चितता होती है कि वह व्यक्ति क़र्ज़ चूका भी पायेगा या नहीं। इसी लिए क़र्ज़ लेने वाले का उसकी दिवाला होने या किसी अन्य कारण से भुगतान न करने के जोखिम का बीमा ही क्रेडिट बीमा कहलाता है।
6. सामान्य बीमा
अन्य प्रकार के बीमा इसमें आते हैं इनमे सबसे प्रमुख है वाहन बीमा, जिस से हम सब परिचित ही हैं।
बीमा की विशेषताएं :
किसी दुर्घटना से होने वाली आर्थिक क्षति की भरपाई बीमा से हो जाती है।
भविष्य सुरक्षित हो जाता है।
किसी अन्य की गलती से होने वाले नुक्सान की क्षतिपूर्ति भी बीमे से हो सकती है।
बहुत कम प्रीमियम राशि से एक बड़े नुकसान की भरपाई हो जाती है।
मानसिक शान्ति
बीमा से जुडे महत्वपूर्ण तथ्य –
बीमा, बीमाकर्ता और बीमित व्यक्ति के बीच नुकसान की भरपाई के लिए एक अनुबंध या करार (कॉन्ट्रैक्ट) है।
किसी भी बीमा अनुबंध के लिए बहुत कम राशि का प्रीमियम लिया जाता है
बीमा अनुबंध भविष्य के नुकसान की भरपाई के लिए होता है।
समय पर प्रीमियम का भुगतान करना अनिवार्य है
बीमा पॉलिसी की शर्तें निश्चित होती हैं। पॉलिसी से पहले ही इन को ठीक से पढ़ और समझ कर बिमा लेना चाहिए।
पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अनुसार नुकसान की स्थिति में बीमित को भुगतान।