सिम स्वैप / सिम क्लोनिंग से सायबर फ्रॉड

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जालसाज ठगने के नएनए तरीके खोज रहे हैं, विशेष रूप से आम और भोलेभाले लोगों को उनकी गाढ़ी कमाई से ठगने के तरीके ईजाद कर रहे हैं। जो व्यक्ति डिजिटल प्लेटफॉर्म के उपयोग में सतर्क नहीं हैं या ऐसे लोग जो तकनीकी वित्तीय इकोसिस्टम से पूरी तरह परिचित नहीं हैं, वे इस ठगी के तरीकों का आसान शिकार हो रहे हैं। इसलिए जालसाजों द्वारा अपनाई जाने वाली कार्यप्रणाली के बारे में जनता के बीच जागरूकता की अत्यंत आवश्यकता है। 

आइए जानते हैं ऑनलाइन धोखाधड़ी के यह कौन-कौन से तरीके हैं –

  1. फ़िशिंग लिंक
  2. विशिंग कॉल
  3. ऑनलाइन बिक्री प्लेटफॉर्म का उपयोग कर धोखाधड़ी
  4. अज्ञात/असत्यापित मोबाइल ऐप्स के उपयोग के कारण धोखाधड़ी
  5. एटीएम कार्ड स्किमिंग
  6. स्क्रीन शेयरिंग ऐप/रिमोट एक्सेस का इस्तेमाल कर धोखाधड़ी
  7. सिम स्वैप / सिम क्लोनिंग
  8. सर्च इंजन के माध्यम से परिणामों पर साख से समझौता करके धोखाधड़ी
  9. मनी म्यूल 
  10. ऑनलाइन जॉब फ्रॉड
  11. लॉटरी की धोखाधड़ी
  12. सोशल मीडिया पर प्रतिरूपण 
  13. क्यूआर कोड स्कैन के जरिए स्कैम 
  14. जूस जैकिंग

इन्ही सायबर ठगी के तरीकों में से एक तरीका है –

सिम स्वैप / सिम क्लोनिंग

सब्सक्राइबर आइडेंटिटी मॉड्यूल या सिम (SIM) हमारे मोबाइल में लगने वाली छोटी सी चीज़ है। और सिम स्वैप या क्लोन करने का अर्थ है, सिम बदलना या डुप्लीकेट सिम प्राप्त कर लेना।  

आज हमारे सिम और मोबाईल नंबर लगभग हर जरुरी योजना और अकाउंट्स से जुड़े है जैसे –

  • आधार, 
  • बैंक अकाउंट,
  • गैस कनेक्शन और सब्सिडी,
  • अन्य शासकीय योजनाएं।

इन योजनाओं से जुड़े SMS और OTP हमारे मोबाईल नंबर पर ही भेजे जाते हैं। अगर कोई आपकी सिम प्राप्त कर ले तो वो आपके बैंक अकाउंट जैसी चीजों के पासवर्ड रिसेट कर सकता है और पैसे उड़ा सकता है।

सिम स्वैपिंग की ठगी का तरीका और सावधानिया नीचे दी जा रहीं हैं –

 

  1. सबसे पहले जालसाज ग्राहक के सिम कार्ड तक पहुंच प्राप्त करते हैं या
    डुप्लीकेट सिम कार्ड प्राप्त करते है। 
  2. सायबर अपराधी आपकी सिम खोने की झूठी रिपोर्ट पुलिस स्टेशन में कर देते हैं।
  3. फिर उस FIR की कॉपी आपकी मोबाईल नंबर की कम्पनी जैसे जियो या एयरटेल में कर देते हैं।
  4. कम्पनी उस FIR  के आधार पर वह सिम बंद कर देती है।
  5. सायबर अपराधी जूते दस्तावेज लगा कर वह सिम फिर से चालू करवा लेते हैं।
  6. अब क्यूंकि आपका मोबाइल नंबर आपके बैन अकाउंट से जुड़ा है तो OTP उस सिम पर चले जाते हैं।
  7. आपके कहते के पासवर्ड बदल कर आपके कहते से पैसा ट्रांसफर कर लेते हैं।
  8. इस सारी प्रक्रिया में मात्र 2 या 3 दिन ही लगते हैं।

सावधानी

  1. जिस सिम से आपके बैंक कहते जुड़े हैं उसे हमेशा चालू रखें।
  2. अपने आधार और अन्य दस्तावेज की फोटोकॉपी किसी अनजान व्यक्ति को न दें।
  3. अगर आपने किसी फोटोकॉपी वाली दुकान पर व्हाट्सप्प या ईमेल से दस्तावेज प्रिंट करवाए हैं तो ध्यान से डिलीट करवा दें।
  4. अपने सिम कार्ड से संबंधित पहचान प्रमाणपत्र कभी भी साझा न करें।
  5. अपने फोन में मोबाइल नेटवर्क के बारे में सतर्क रहें। अगर काफी समय के लिए आपके मोबाइल में नेटवर्क नहीं है तो, तुरंत मोबाइल नंबर प्रदाता कमनी से संपर्क करें। 
  6. ध्यान दें कि कहीं आपके सिम की डुप्लीकेट सिम कोई और न निकलवा ले।
  7. मोबाइल ऑपरेटर यह सुनिश्चित करेगा कि आपके मोबाइल नंबर के लिए कोई डुप्लीकेट सिम जारी नहीं किया जा रहा है।