क्यूआर कोड स्कैन के जरिए सायबर स्कैम

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हाल के वर्षों में भुगतान के डिजिटल तरीकों के उपयोग में वृद्धि हुई है। इंटरनेट और तेज गति और सुलभता के कारण वित्तीय लेनदेन करने की गति और में भी सुधार हुआ है। यूपीआई और क्यूआर कोड से पेमेंट करने की सुविधा इतनी सरल है की आम आदमी अब छोटे-मोटे ट्रांजैक्शन या भुगतान मोबाइल हाथ में लेकर QR  कोड स्कैन करके कर देता है। लेकिन इस सुविधा के आम आदमियों तक पहुंचने और सरल होने के कारण क्यूआर कोड स्कैन करके धोखाधड़ी की संख्या में भी वृद्धि हुई है। जालसाज ठगने के नएनए तरीके खोज रहे हैं, विशेष रूप से आम और भोलेभाले लोगों को उनकी गाढ़ी कमाई से ठगने के तरीके ईजाद कर रहे हैं। जो व्यक्ति डिजिटल प्लेटफॉर्म के उपयोग में सतर्क नहीं हैं या ऐसे लोग जो तकनीकी वित्तीय इकोसिस्टम से पूरी तरह परिचित नहीं हैं, वे इस ठगी के तरीकों का आसान शिकार हो रहे हैं। इसलिए जालसाजों द्वारा अपनाई जाने वाली कार्यप्रणाली के बारे में जनता के बीच जागरूकता की अत्यंत आवश्यकता है। 

आइए जानते हैं ऑनलाइन धोखाधड़ी के यह कौन-कौन से तरीके हैं –

  1. फ़िशिंग लिंक
  2. विशिंग कॉल
  3. ऑनलाइन बिक्री प्लेटफॉर्म का उपयोग कर धोखाधड़ी
  4. अज्ञात/असत्यापित मोबाइल ऐप्स के उपयोग के कारण धोखाधड़ी
  5. एटीएम कार्ड स्किमिंग
  6. स्क्रीन शेयरिंग ऐप/रिमोट एक्सेस का इस्तेमाल कर धोखाधड़ी
  7. सिम स्वैप / सिम क्लोनिंग
  8. सर्च इंजन के माध्यम से परिणामों पर साख से समझौता करके धोखाधड़ी
  9. मनी म्यूल 
  10. ऑनलाइन जॉब फ्रॉड
  11. लॉटरी की धोखाधड़ी
  12. सोशल मीडिया पर प्रतिरूपण 
  13. क्यूआर कोड स्कैन के जरिए स्कैम 
  14. जूस जैकिंग

इन्ही साइबर ठगी के तरीकों में से एक तरीका है –

क्यूआर कोड स्कैन के जरिए स्कैम

सबसे पहले हम समझ लेते हैं कि क्यूआर कोड क्या होता है ?

क्यूआर कोड एक कई सारे बिंदुओं से मिलकर बना एक चोकोर फोटो होती है, जिसे मोबाइल के कैमरे से स्कैन करने पर आप कोई भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यह सारी सूचना उन बिंदुओं में छिपी होती है।

क्यूआर कोड में कंपनियां कई प्रकार की जानकारी रख सकती हैं जैसे –

  • किसी वस्तु या उत्पाद पर उसके मैन्युफैक्चरिंग डेट, निर्माता, एक्सपायरी डेट, वस्तु की कीमत या कोई अन्य जानकारी।
  • किसी किताब पी क्यू आर कोड पर उसके लेखक पब्लिशर उसका सीरियल क्रमांक कीमत एडिशन आदि की जानकारी हो सकती है।
  • बैंक का भुगतान करने वाली एप्लीकेशन के qr-code में आपका बैंक अकाउंट नंबर होता है।

यूपीआई (UPI) ने भुगतान करने के लिए क्यूआर कोड के माध्यम से आपके बैंक अकाउंट को जोड़ दिया है। इसलिए भुगतान करते समय आप किसी अन्य व्यक्ति के बैंक अकाउंट का या किसी पेमेंट एप्लीकेशन जैसे फोन पे, पेटीएम, गूगल पे, भारत पे के क्यूआर कोड को स्कैन करके भुगतान कर सकते हैं। इसी सुविधा का फायदा उठाकर साइबर अपराधी आपसे अपने बैंक अकाउंट का क्यूआर कोड स्कैन करवा कर भुगतान करवा सकते हैं।

जरूरी नहीं कि आप हर बार मोबाइल से सामने रखे क्यूआर कोड को स्कैन करें।  पेटीएम और फोन पर जैसी एप्लीकेशन इमेज में क्यूआर कोड को भी स्कैन कर सकती हैं। वह इमेज साइबर अपराधियों द्वारा आपको व्हाट्सएप या फिर ईमेल पर भेजी गई होगी।

क्यूआर कोड को स्कैन करके ठगी करने का सबसे प्रचलित तरीका नीचे दिया गया है –

1. जालसाज अक्सर ग्राहकों से कई बहाने से संपर्क करते हैं और उन्हें झांसा देते हैं।

  1. साइबर ठग लोगों से कहते हैं कि –
  • वह कोई सामान बेच रहे हैं सस्ते दामों में या फिर
  • पुलिस अधिकारी हैं या
  • सेना के अफसर है या
  • एयरपोर्ट पर अधिकारी हैं और उनका ट्रांसफर हो गया है
  • उनका कोई बिजनेस है जिसमें आप पार्टनरशिप कर सकते हैं
  • पुराना सामान बेचने वाली वेबसाइटों पर सामान बेचने खरीदने के लिए बात करते हैं

3. ग्राहकों के फोन पर ऐप का उपयोग करके त्वरित प्रतिक्रिया (क्यूआर) कोड को स्कैन करवाते हैं। 

4. ऐसे क्यूआर कोड को स्कैन करके, ग्राहक अनजाने में साइबर अपराधियों को अपनी बैंक अकाउंट, वॉलेट से पैसा निकालने के लिए अधिकृत कर देते हैं

5. साइबर अपराधी दूर बैठे आपके अकाउंट में से थोड़ा-थोड़ा करके कई बार या एकमुश्त सारा पैसा निकाल लेते हैं

6. कभी-कभी वह आपको झांसा देने के लिए 1, 2 या ₹10 आपके अकाउंट में ट्रांसफर भी करते हैं जिससे आपको यकीन हो जाए कि पैसा आपके अकाउंट में आ रहा है

सावधानी

  1. अपने मोबाइल नंबर से बैंक अकाउंट को लिंक करें। क्योंकि तब आपको s.m.s. प्राप्त होगा जिससे आपको पता चलेगा कि आपके बैंक में ट्रांजैक्शन हो रहा है।
  2. बैंक में रजिस्टर्ड नंबर को हमेशा चालू रखें
  3. अगर वह रजिस्टर्डनंबर अपने आप बंद हो गया है या 2 या 4 दिन के लिए बंद है , तो तुरंत सतर्क हो जाएं और नंबर जल्द से जल्द चालू करवाएं।
  4. बिना जान पहचान या बिना सावधानी बरतें किसी व्यक्ति से सिर्फ सोशल मीडिया वेबसाइट से सामान खरीदने या बेचने के लिए बात ना करें या भुगतान ना करें। मोटर
  5. किसी भी भुगतान ऐप का उपयोग करते हुए क्यूआर कोड को स्कैन करते समय सतर्क रहें। ध्यान रखें, क्यूआर कोड में आपका खाता है। 
  6. पैसे प्राप्त करने के लिए कभी भी किसी क्यूआर कोड को स्कैन न करें।
  7. अगर कोई दूसरा व्यक्ति आपके अकाउंट में पैसे भेज रहा है तो उसके लिए आपको पासवर्ड डालने की ओटीपी डालने की या फिर क्यूआर कोड स्कैन करने की जरूरत नहीं पड़ती है।
  8. सिर्फ भुगतान करने के लिए आपको क्यूआर कोड स्कैन करने, ओटीपी डालने, और बैंकिंग पासवर्ड डालने की जरूरत पड़ती है ध्यान रखें इसके बाद आपके अकाउंट से पैसे कट जाएंगे।
  9. भुगतान के लिए जो भी मैसेज आ रहे हैं उन मैसेजेस को ध्यान से पढ़ें, कि पैसा आ रहा है या कट रहा है।