ई-कॉमर्स या ऑनलाइन शॉपिंग और उपभोक्ता के अधिकार

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आज के जीवन में कंप्यूटर और मोबाइल के आ जाने से सामान और सेवाओं को खरीदने का पूरा परिदृश्य ही बदल गया है। हाथ में रखी मोबाइल से आप दुनिया में कहीं भी कोई भी चीज या सेवा खरीद सकते हैं। इस ई-कॉमर्स की सुविधा के आ जाने से हम सभी का जीवन पूरी तरह से बदल गया है। अधिकांश चीजें हम ऑनलाइन अपने रोजमर्रा की जिंदगी में खरीद रहे हैं। लेकिन इसके साथ ही कुछ खतरे भी जुड़ गए हैं, जिन से बचने के लिए हमें अतिरिक्त सावधानी की आवश्यकता होती है। आइए हम समझते हैं, कि यह ई-कॉमर्स क्या है इससे जुड़े खतरे क्या है और इन से कैसे बचा जा सकता है।

ई-कॉमर्स

ई-कॉमर्स का अर्थ इंटरनेट पर मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से वस्तुओं और सेवाओं की बिक्री।

ई-कॉमर्स खरीदारी के लाभ

  1. सुविधा पूर्वक खरीदारी
  2. उत्पाद या सामान के कई सारे विकल्प
  3. समान, सेवा या उत्पादों का बेहतर चयन
  4. प्रतिस्पर्धी कीमतें
  5. खरीदारी में पारदर्शिता
  6. घर पर डिलीवरी
  7. वस्तु वापिसी नीति
  8. धन वापिसी नीति
  9. खरीदने संबंधी सभी नियमों को पहले से जान लेने की सुविधा
  10. कीमतों की तुलना
  11. भीड़रहित खरीददारी
  12. भुगतान के कई सारे विकल्प उपलब्ध होना
  13. खरीदने में जल्दबाजी नहीं

ऑनलाइन शापिंग करते समय क्या सावधानियां बरतनी चाहिए ?

  1. जब कभी आप ऑनलाइन शॉपिंग करो तो सभी आवश्यक जानकारी को सावधानी से पढ़ना चाहिए।.
  2. शिपिंग प्रभारों, डिलीवरी टाइम और रद्द करने और लौटाने संबंधी नीतियों संबंधी नियमों के बारे में जानकारी के संबंध में अपने को पूरी जानकारी प्राप्तकरें।
  3. बरामद जानकारी या विज्ञापनों से सतर्क रहें।
  4. अपनी वित्तीय जानकारी और पासवर्ड को सुरक्षित रखें तथा भुगतान हमेशा यूआरएल के ‘https और ताला छवि’ जैसे सुरक्षित गेटवेज के माध्यम से करें।
  5. यदि आप वेबसाइट पर पहली बार शॉपिंग कर रहें है तो प्रयास करें कि कैश ऑन डिलीवरी भुगतान विकल्प का चयन करें।
  6. सदैव वेबसाईट के लैंडलाईन फोन और रजिस्टर्ड ऑफिस और पते की जांच करे।
  7. विक्रेता द्वारा दी जा रही गारंटी और वारंटी का पता करें।

ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए धन अथवा वस्तु वापसी की नीति

ई-कॉमर्स कंपनियों में धन वापिसी अथवा वस्तु लौटाने की नीति होनी चाहिए, किंतु ऐसा कोई कानून में ऐसा कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है कि शान या वस्तु वापस करने की पॉलिसी हो ही। यह वस्तु पर भी निर्भर करता है।  हलाकि कोई कमी हो तो उपभोक्ता को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत संरक्षित किया जाता और उसके लिए क्षतिपूर्ति प्राप्त कर सकते हैं।

उत्पाद को उपभोक्ता तक पहुंचाने की समय-सीमा

आर्डर को पहुंचाने का समय जगह और और कंपनी के पास वस्तु की उपलब्धता और भेजने के सिस्टम के आधार पर होता है।  इसे सामान्यतः कंपनी द्वारा बिक्री के समय वेबसाइट पर घोषित किया जाता है। इसमें परिवर्तन भी हो सकता है।  पर यह अत्यधिक लम्बा नहीं हो सकता।

उत्पाद देरी से पहुंचने पर मुआवजे की मांग

यदि किसी को उत्पाद के देरी से पहुंचने के कारण तात्कालिक अथवा वास्तविक घाटा होता है तो वह उपभोक्ता मंच में मामला दर्ज करके उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत मुआवजा प्राप्त कर सकता है। शिकायत ऑफलाइन या ऑनलाइन दर्ज करवाई जा सकती है।

ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने की जानकारी के लिए : क्लिक करें

ऑनलाइन और ऑफलाइन उत्पादों पर एम.आर.पी.

ऑनलाइन उत्पाद खरीदते समय सदैव एम.आर.पी. की जांच करनी चाहिए तथा ऑफलाइन कीमतों से तुलना करनी चाहिए।

ऑनलाइन खरीदारी में धोखाधड़ी से बचने के लिए  क्या करें –

  1. किसी भी व्यक्ति द्वारा किए गए ऐसे लुभावने कॉल अथवा ई-मेल संदेशों से बचे जो  आपकी निजी जानकारियों के बारे में पूछें ।
  2. व्यक्तिगत जानकारी जानकारी जैसे जन्म दिनांक पता एटीएम अथवा क्रेडिट कार्ड का नंबर पासवर्ड या ओटीपी यानी वन टाइम पासवर्ड किसी को ना दें
  3. पहले देखने की ऑनलाइन वेबसाइट भरोसेमंद है भी या नहीं
  4. वेबसाईट की सुरक्षा की जांच किए बिना इंटरनेट पर कोई संवेदनशील सूचना न दें।
  5. वेबसाईट के यूआरएल पर ध्यान दें। संदिग्ध वेबसाईट वैध वेबसाईट से मिलती जुलती हो सकती है किंतु यूआरएल स्पैलिंग अथवा विभिन्न क्षेत्र (अर्थात् डॉट कॉम बनाम डॉट नेट) में परिवर्तन का प्रयोग करें।
  6. किसी भी कंपनी के नाम से कोई भी ईमेल पर भरोसा ना करें, औरयदि आपको विश्वास नहीं है कि ई-मेल कानूनी है या नहीं, तो आप सीधे कंपनी से संपर्क करके इसकी पुष्टि करने की कोशिश करें।
  7. इस ट्रैफिक को कम करने के लिए एंटी वायरस सॉफ्टवेयर, फायरवॉल्स तथा ई-मेल फिल्टर्स का प्रयोग करें।
  8. यदि आपको लगता है कि आपका बैंक खाता, एटीएम, क्रेडिट कार्ड संकट में है तो तत्काल अपनी वित्तीय संस्था से संपर्क करे और उस खाते को बंद कर दें जिसका गलत प्रयोग किया गया हो।
  9. तत्काल ऐसे पासवर्ड को बदल दें ।
  10. इंटरनेट पर आपकी आईडी हैक कर आपकी पहचान को चुराए जाने के अन्य लक्षणों की जानकारी रखें और सतर्क रहें।
  11. ऑनलाइन खरीददारी करते समय, उत्पाद के बड़े फोटो देखें, अन्य जानकारियां सावधानीपूर्वक देखें
  12. सुनिश्चित करें कि क्या ग्राहक सेवा के लिए कोई आसानी से प्राप्त किया जाने वाला ई-मेल, फोन नंबर या पता है – और कोई व्यक्ति ई-मेल की जांच और प्रत्युत्तर नियमित रूप से प्रदान कर रहा है।