विवाह का पंजीयन
विवाह का पंजीयन करवाना अनिवार्य है। हालाकि पंजीयन न करवा पाने की स्थिति में विवाह अमान्य नहीं हो जाता है। हिन्दू विवाह अधिनियम के अंतर्गत विवाह के पंजीयन हेतु राज्य सरकार एक “विवाह पंजीयक” नियुक्त करती है, जिसके कार्यालय में विवाह पंजीयन हेतु आवेदन करना होता है। मध्य प्रदेश में नगर निगम एवं ग्राम पंचायतों को पंजीयन हेतु अधिकार दिया गया है। ध्यान दें कि जिस जिले में विवाह संपन्न हुआ है सिर्फ उसी जिले में विवाह का पंजीयन करवाया जा सकता है।
विवाह के पंजीयन हेतु आवश्यक दस्तावेज़
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आयु का प्रमाण -इसके लिये जन्म प्रमाण पत्र या हाई/हायर सेकेन्डरी की अंकसूची या अन्य जैसेः- संरपंच का प्रमाण-पत्र, राशन कार्ड, जाब कार्ड आदि के आधार पर दिया गया ’शपथ पत्र दस्तावेज जिसमें जन्म तिथि अंकित हो।
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विवाह का निमंत्रण पत्र/विवाह अभिकर्ता द्वारा जारी प्रमाण-पत्र ।
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वर और वधु के पासपोर्ट आकार के दो-दो छायाचित्र |
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यदि विवाह किसी अधिनियम के अधीन रजिस्ट्रीकृत है या पुजारी/काज़ी/चर्च का पादरी/ आर्य समाज या किसी अन्य धार्मिक संस्था दवारा सम्पादित किया गया है तो विवाह प्रमाण-पत्र सत्यप्रति संलग्न करें ।
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वर वधु के हस्ताक्षर और बायें हाथ के अंगूठे का निशान,विवाह सम्पादित करने वाले के हस्ताक्षर तथा साक्षी के हस्ताक्षर सहित आवेदन पत्र।
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वर और वधु की संयुक्त पासपोर्ट आकार की फोटोग्राफ।
पंजीयन के आवेदन-पत्र हेतु आवश्यक जानकारी
- (क) वर का नाम
(ख) वर के पिता का नाम
(ग) वर के निवास का पता
(घ) वधु का नाम
(ड) वधु के पिता का नाम
(च) वधु के निवास का पता
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(क) वर की जन्म तारीख
(ख) वर की विवाह के समय आयु
(ग) वर की प्रास्थिति
(घ) वधु की जन्म तारीख
(ड) वधु की विवाह के समय आयु
(च) वधु की प्रास्थिति -
(क) विवाह की तारीख
(ख) विवाह का स्थान -
विवाह का प्रकार
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विवाह सम्पादित कराने वाले का विवरण
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दो साक्षी एवं उनका विवरण