क्या नोटरी या स्टांप पर शादी हो सकती है क्या 100 रुपए के स्टांप पर विवाह मान्य है
₹100 के स्टांप पर हस्ताक्षर और हो गयी शादी
ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं जिसमें लड़के और लड़की के हस्ताक्षर ₹100 के स्टांप पर करवा कर कह दिया जाता है कि आपका विवाह संपन्न हो गया और अब आप कानूनी रूप से पति-पत्नी हो गए हो।
लेकिन यह प्रश्न उठता है कि क्या भारतीय कानून केवल स्टंप पर साइन कर देने से विवाह को वैध मानता है।
यह जानना बहुत आवश्यक है कि कानूनी रूप से ऐसे विवाह मान्य है भी या नहीं।
घर से भागे हुए लड़के लड़कियों के साथ हो रहा है शादी के नाम पर धोखा
ऐसे मामले ज्यादातर घर से भागे हुए लड़के और लड़कियों के साथ हो रहे हैं। उन को धोखे में रखकर स्टांप या नोटरी पर एक एग्रीमेंट पर साइन करवा कर उन्हें बोल दिया जाता है कि आपका विवाह हो गया और उनसे पैसे ऐंठ लिए जाते हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में किस प्रकार की धोखाधड़ी अधिक
यह देखा गया है कि कुछ वकील या स्टांप बेचने वाले या फिर नोटरी करने वाले उन लोगों को जिन्हें कानून की जानकारी नहीं है या फिर कम उम्र के लड़के लड़कियों को विवाह के नाम पर बेवकूफ बना रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में यह और अधिक देखा गया है।
क्या स्टांप या नोटरी पर किया गया विवाह कानूनी दृष्टि से मान्य है
सच्चाई यह है कि सादा या हरे रंग के कागज पर, स्टांप पर, या नोटरी पर किया गया विवाह कानूनी रूप से अवैध है। इस प्रकार की शादी कानूनी दृष्टि से मान्य नहीं है और न्यायालय इसको विवाह नहीं मानता। भारतीय कानून में विवाह के लिए बहुत सारे अधिनियम (Acts) हैं। जिनमे विवाह, तलाक, उत्तराधिकार, संपत्ति का बंटवारा, वसीयत आदि संबंधित सभी नियम और कानून भारतीय संसद ने बनाए हैं। उन नियमों का पालन होना आवश्यक है।
कौन-कौन से कानून विवाह से संबंधित है
के धर्म के आधार पर यह तय होगा कि उसे किस अधिनियम के अंतर्गत विवाह करना चाहिए। इसे पर्सनल लॉ कहते हैं। पर्सनल लॉ में उसे समुदाय विशेष के रीति रिवाज और परंपराओं को स्वीकार करके कानूनी रूप से मान्यता दी गई है।
इनमें से कुछ कानून प्रमुख है –
- हिंदू विवाह अधिनियम 1955
- मुस्लिम विवाह अधिनियम
- क्रिश्चियन विवाह अधिनियम
- विशेष विवाह अधिनियम
अगर विवाह करने वाले व्यक्ति अलग-अलग धर्म या समुदाय से हो
यदि विवाह करने वाले लड़के और लड़कियों का धर्म या समुदाय अलग-अलग हैं तो फिर उन्हें विशेष विवाह अधिनियम के अंतर्गत अपना विवाह करना होगा। यानी विशेष विवाह अधिनियम के प्रावधान उन दोनों के विवाह पर लागू होंगे।