भारत में तलाक के नए आंकड़े और तलाक की वजह
‘वर्ल्ड ऑफ स्टैटिक्स‘ नामक संस्था ने विश्व में तलाक पर नए आंकड़े जारी किए हैं। नयी लिस्ट में कई देशों की तलाक दर पहले से बढ़ी है। पश्चिमी समाजों (अमेरिका और यूरोप) में पारंपरिक रूप से एशिया की तुलना में तलाक की दर अधिक है।
इसी लिस्ट में भारत में तलाक की दर 1 प्रतिशत बताई गई है। देशभर में तलाक के आंकड़े तेजी से बढ़ रहे हैं। आइये इस सांकेतिक मानचित्र पर नज़र डालते हैं।
मानचित्र प्रतीकात्मक *
भारत में तलाक के अधिकार का इतिहास
1950 के दशक में संसद में हिंदू कोड बिल पारित हुआ था। इसमें महिलाओं को संपत्ति का अधिकार दिया गया। बहु विवाह पर रोक लगाई और तलाक मांगने का अधिकार भी मिला।
1976 में इस कानून में संशोधन किया गया। इसमें पति-पत्नी के बीच सहमति से तलाक की अनुमति दी गई।तब से ही तलाक लेना तुलनात्मक रूप से आसान हो गया।
तलाक के कारण
तलाक के कई संभावित कारण हैं, जिनमें प्रमुख हैं बेवफाई, वित्तीय समस्याएं, अंतरंगता की हानि, मादक द्रव्यों का सेवन, घरेलू दुर्व्यवहार, प्रतिबद्धता की कमी, नैतिक या धार्मिक मतभेद और दूरियां बढ़ना शामिल हैं।
भारत में बढ़ते तलाक की वजह
दहेज़ की मांग
भारत में दहेज़ की प्रथा अभी भी अभिशाप बनी हुई है। यह तलाक का प्रमुख कारण है
पति ज्यादा कमाते नहीं
महिलाओं की यह शिकायत रहती है कि उनके पति ज्यादा नहीं कमाते या परिवार की जिम्मेदारी नहीं उठाते हैं । यह भी देखा गया है कि अब महिलाएं अपने से कम कमाने वाले व्यक्तियों से भी तलाक ले रहीं हैं।
पति या पत्नी को ज्यादा वक्त नहीं देते
महिलाओं की यह समस्या होती है कि पति महिलाओं और परिवार को ज्यादा समय नहीं देते। आधुनिक समय में यह भी तलाक का एक कारण बन गया है। अपनी नौकरी की वजह से पति या पत्नी को कम वक्त देते हैं । इसमें काम की वजह से अलग-अलग शहरों में रहना शामिल है।
एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर
अपने पार्टनर को धोखा देना। शादी के बाद भी किसी और महिला/पुरुष से संबंध रखना।
घरेलू हिंसा
पति-पत्नी के बीच होने वाले झगड़े, हिंसा और मारपीट।
पति पत्नी के परिवार वालों का अत्यधिक दखल
विवाह के बाद हर छोटी बड़ी बात में मायके या ससुराल वालों का अत्यधिक दखल देना भी परिवार के टूटने का कारण बनता है। विशेषकर लड़की अथवा लड़के की माता द्वारा अपनी बेटी या बेटे को हर कार्य में सलाह देना भी पति पत्नी के संबंधों में दरार ला सकता है, जो आगे जा कर तलाक का कारण बनता है।
खूबसूरती को महत्व
बाहरी सुंदरता को महत्व देना भी तलाक का कारण है। इसमें अपने पति या पत्नी का मोटा होना, सांवला होना, दुबला होना, हाई सोसायटी स्टेटस मेंटेन न करना जैसे कारण आते हैं। इस वजह से अपने पार्टनर को दोस्तों के बीच या बाहर समाज में ले जाने से हिचकिचाते हैं।
उम्मीदों का पूरा न होना
शादी के पहले जो वादे एक-दूसरे से किए गए वो बाद में पूरे नहीं होना। यह कारण अक्सर प्रेम विवाहों में अधिक देखा गया है।
मजबूरी की शादी
कई लोग घर वालों के लिए शादी कर लेते हैं। कुछ दिन तो रिश्ता चलता है । बाद में कड़वाहट के साथ अलग हो जाते हैं।
नशा
पति-पत्नी के द्वारा अत्यधिक नशा करना जैसे शराब, ड्रग्स आदि का सेवन करना भी विवाह विच्छेद का एक कारण है ।
Divorce.com के अनुसार तलाक के प्रमुख कारण हैं
- प्रतिबद्धता का अभाव 75%
- एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर 59.6%
- आपसी मतभेद 57.7%
- बहुत कम उम्र में शादी करना 45.1%
- वित्तीय कठिनाई या पैसे की कमी 36.7%
- मादक द्रव्यों का सेवन 34.6%
- घरेलू हिंसा 23.5%
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