लाठी बंदूख या हथियार रखने के लिए आर्म्स एक्ट 1959 की धारा 25 में कितनी सजा है

Page content

कानून की भाषा आम बोलचाल की भाषा से थोड़ी अलग होती है। इसलिए इसे समझने के लिए हमें उन शब्दों के अर्थ समझना होंगे जो आम बोलचाल की भाषा में प्रयोग में नहीं आते लेकिन कानून की भाषा में प्रयोग किए जाते हैं।

आयुक्त अधिनियम 1959 की धारा 25 में ऐसे ही कुछ शब्द इस्तेमाल किए गए हैं पहले उन्हें समझना आम बोलचाल की भाषा में क्या कहते हैं। इससे धारा 25 में क्या कहा गया है वह समझने में आसानी होगी।

धारा 25 में प्रयोग में आये कठिन शब्दों के अर्थ

आयुध – हथियार जैसे बंदूक, चाकू, लाठी या गोला बारूद

आग्नेय अस्त्र – ऐसे हथियार जिससे अग्नि निकलती है, जैसे राइफल, रिवाल्वर आदि।

विनिर्माण – निर्माण करना, तैयार करना, बनाना,

अभिप्राप्त –  obtains – प्राप्त कर लेना,

संपरिवर्तन – converts – एक प्रकार की चीज को दूसरे प्रकार की चीज में बदल देना

परख – जांच करना

परिसिद्धि –  परिष्कृत कर देना , उसे और उन्नत यानी एडवांस बना देना

अभिदर्शित – प्रदर्शन करना, डिस्प्ले करना

धारा 25, आयुध अधिनियम 1959

आयुध अधिनियम 1959, की धारा 25 बहुत महत्वपूर्ण है। इसी धारा में हथियार रखने के लिए किसी व्यक्ति को सजा का प्रावधान किया गया है। पुलिस के द्वारा भी सबसे ज्यादा इसी धारा का प्रयोग किया जाता है।

25 (1) (क)

आयुध अधिनियम 1959, आर्म्स एक्ट 1959 की धारा 25 (1) (क) के अनुसार –

कोई व्यक्ति यदि किसी हथियार या गोला बारूद को

  • बनाएगा,
  • किसी से अपने कब्जे में लेगा,
  • प्राप्त करेगा,
  • खरीदेगा,
  • बेचेगा ,
  • बेचने के लिए अपने कब्जे में रखेगा,
  • किसी एक से लेकर दूसरे को देगा,
  • मरम्मत करेगा,
  • एक प्रकार को दूसरे प्रकार के हथियार या गोला बारूद में परिवर्तित करेगा,
  • गोला बारूद का किसी प्रकार से कोई जांच, परीक्षण या टेस्ट करेगा,

जिससे आयुध अधिनियम 1959 की धारा 5 का उल्लंघन होता हो

या फिर

धारा 25(1) (ख)

आयुध अधिनियम की धारा 6 का उलंघन करते हुए नीचे बताये तीन कामों में से काम करेगा –

  • किसी बंदूख जैसे किसी फायर आर्म (Fire Arms) की नली को छोटा करेगा
  • किसी नकली फायर आर्म (Fire Arms) को असली फायर आर्म (Fire Arms) बना देगा
  • 2016 में बनाये गए आयुध नियम में बताये गए एक प्रकार के फायर आर्म (Fire Arms) को दूसरे प्रकार के फायर आर्म (Fire Arms) में बदल देगा।

या फिर

धारा 25(1) (ग)

आयुध अधिनियम की धारा 11 का उलंघन करते हुए किसी भी प्रकार के हथियारों या गोला बारूद को भारत में लाएगा या भारत से बाहर ले जाएगा।

उसे कम से कम 7 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है।

यानि धारा 25(1) क, ख़ एवं ग में बताए गए किसी भी अपराध में यदि गिरफ्तार किया जाता है तो उसे कम से कम 7 साल की सजा होगी और अधिकतम आजीवन कारावास तक की सजा न्यायालय दे सकता है।