ऑनलाइन सस्ते होम या पर्सनल लोन के नाम पर हो रही साइबर ठगी, कैसे बचें
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साइबर अपराधी ऑनलाइन लोन देने के नाम पर ठगी कर रहे हैं। आम लोगों को सस्ते होम लोन या पर्सनल लोन देने का लालच देते हैं और फिर लोन के जाल में फंसा लेते हैं। आम आदमी शिकायत भी नहीं कर पाता क्योंकि उसने पैसे लिए तो होते ही हैं।
लोन के नाम पर साइबर ठगी के तरीके
- ऑनलाइन सस्ता लोन देने का वादा करके महंगा लोन दे देना।
- ऑनलाइन किस्तों में हेरा फेरी करके दिए गए अमाउंट से ज्यादा पैसे वसूल लेना
- प्रोसेसिंग फीस या डॉक्यूमेंटेशन फीस जैसे अतिरिक्त शुल्क लगाकर ज्यादा पैसे वसूल लेना
- आपसे एडवांस पैसे लेकर लोन ना देना
- लोन वसूली के लिए आपको धमकियां देना और ब्लैकमेल करना
- लोन वसूली के लिए आपके दोस्तों घरवालों और रिश्तेदारों को फोन करना और धमकियां देना
- आपसे ब्लैंक चेक लेकर उसे खुद भर के चेक बाउंस का केस लगा देना
- किसी बड़े बैंक या फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन का नाम लेकर किसी फर्जी कंपनी से लोन दे देना
- चाइनीस मोबाइल एप्लीकेशन या एप से पैसे लोन दे देना जिस पर भारत के कानून लागू नहीं होते हैं, या जिसका हेडक्वार्टर भारत में नहीं है
लोन के नाम पर कैसे सायबर अपराधी आपको ठगते हैं
- जालसाजों द्वारा ऋण देने के लिए फर्जी विज्ञापनजालसाज बहुत ही आकर्षक और कम दर पर व्यक्तिगत ऋण देने के लिए नकली विज्ञापन सोशल मीडिया या अखबार में जारी करते हैं।
- साइबर ठग आसान या कम ब्याज दरों या आसान पुनर्भुगतान विकल्प या बिना कोई गारंटी के या फिर
सुरक्षा (secutity) के लोन देने का वादा करते हैं। - जालसाज ऐसे प्रस्तावों के साथ ईमेल भेजते हैं और कर्जदारों से उनसे संपर्क करने के लिए कहते हैं।
- भोले-भाले कर्जदारों के साथ विश्वसनीयता हासिल करने और विश्वास पैदा करने के लिए, ये ईमेल-आईडी
जाने-माने/वास्तविक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के वरिष्ठ अधिकारियों के ईमेल आईडी जैसी मिलती-जुलती ईमेल आईडी बनाते हैं। - लोगों को विश्वास दिलाने के लिए यह लोग बैंकों जैसी ऑनलाइन वेबसाइट भी बना लेते हैं। जब लोग ऋण के बारे में जानकारी खोजते हैं, तो यही नकली वेबसाइट उनको सर्च इंजन पर दिखाई देती हैं।
- कर्ज यानी लोन देने के लिए साइबर जालसाज उनसे प्रोसेसिंग फीस और डॉक्यूमेंटेशन
- प्रसंस्करण शुल्क, माल और जैसे शुल्क, सेवा कर (जीएसटी), इंटरसिटी शुल्क, अग्रिम समान मासिक किस्त (ईएमआई) जैसी फीस के पैसे एडवांस मांग लेते हैं।
- लोन की कैलकुलेशन गलत तरीके से करके एमी को या फिर टोटल अमाउंट को बढ़ा दिया जाता है
- एक किस्त भी ना भर पानी पर ब्लैकमेल और धमकियां देना चालू हो जाता है
- आपको और आपके रिश्तेदारों को या आपकी जान पहचान वालों को फोन करके लोन चुकाने के लिए ब्लैकमेल और धमकियां दी जाती है
- आपके अश्लील फोटो या वीडियो बनाकर उन्हें दोस्तों को भेज कर बदनाम किया जाता है और लोन का बड़ा हुआ अमाउंट भरने के लिए मजबूर किया जाता है
- लोन न भरने पर सिविल क्रेडिट रिपोर्ट (CIBIL) खराब करने की धमकी भी दी जाती है
फर्जी ऑनलाइन लोन देने वाले साइबर ठगों से कैसे बचें
- सबसे पहले तो साइबर तो के तरीकों के बारे में जागरूक रहें।
- लोन देने संबंधित नियमों की जानकारी रखें और संबंधित बैंक के नियमों को ध्यान से जांच लें और पढ़ लें
- आरबीआई यानी रिजर्व बैंक आफ इंडिया के लोन से संबंधित दिशा निर्देश एवं नियमों की जानकारी प्राप्त करें
- लोन देने वाले व्यक्ति या संस्था के बारे में जानकारी प्राप्त कर ले
- लोन लेने से पहले किसी जानकार व्यक्ति या कानूनी सलाहकार या एडवोकेट से सलाह ले
- फर्जी संस्था या सिर्फ ऑनलाइन चलने वाली संस्था या ग्रुप से लोन ना लें जिसका कोई ऑफिस ही ना हो
- सस्ते लोन या इंस्टेंट लोन के लालच में न फंसे।
लोन लेने से पहले निम्न बातों का ध्यान रखें
- लोन देने वाले सभी बैंक एवं फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन रिजर्व बैंक आफ इंडिया के नियमों से बंधे हुए हैं।
- बैंक और एनबीएफसी यानी लोन देने वाले फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन अलग से प्रोसेसिंग फीस नहीं लेते हैं बल्कि आपकी किस्तों में ही इसे काटा जाता है।
- लोन देने के लिए कभी भी एडवांस में पैसा नहीं मांगा जाता है इसलिए लोन के पहले पैसा ना दे।
- लोन पर लगने वाला जीएसटी कभी भी पहले नहीं लिया जाता है यह किस्त के साथ ही काटा जाता है।
- लोन के पहले ही पहली किस्त जमा नहीं कराई जा सकती इसलिए पहली किस्त लोन मिलने के पहले ना दें।
- ऐसी संस्था या व्यक्ति से लोन ना ले जो सिर्फ ऑनलाइन फेसबुक या इंस्टाग्राम पर चल रही हो।
- अपनी व्यक्तिगत जानकारी किसी को ना दें।
- अधिक जानकारी या मदद के लिए **LawForce.in ** से संपर्क करें।