सोशल मीडिया पर प्रतिरूपण करके सायबर फ्रॉड

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सूचना क्रांति के बाद आज जिस प्रकार सोशल मीडिया के उपयोग में वृद्धि हुई है, उसने हमारे समाज को पूरी तरह से बदल दिया है। इंटरनेट और तेज गति और सुलभता के कारण हमारी सोशल लाइफ काफी हद तक सोशल मीडिया पर निर्भर हो गई है, लेकिनइस के साथ ही सोशल मीडिया परधोखाधड़ी की संख्या में भी वृद्धि दर्ज की गई है। जालसाज सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके लोगों को ठगने के नए-नए तरीके इजाद कर रहे हैं। जो व्यक्ति सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म के उपयोग में सतर्क नहीं हैं या ऐसे लोग जो तकनीकी रूप से लापरवाही बरतते हैं, वे इस ठगी के तरीकों का आसान शिकार हो रहे हैं। इसलिए आपको जालसाजों द्वारा अपनाई जाने वाली कार्यप्रणाली और उनके ठगी के नए-नए तरीकों के बारे में जागरूक होने की अत्यंत आवश्यकता है। 

आइए जानते हैं ऑनलाइन धोखाधड़ी के यह कौन-कौन से तरीके हैं –

  1. फ़िशिंग लिंक
  2. विशिंग कॉल
  3. ऑनलाइन बिक्री प्लेटफॉर्म का उपयोग कर धोखाधड़ी
  4. अज्ञात/असत्यापित मोबाइल ऐप्स के उपयोग के कारण धोखाधड़ी
  5. एटीएम कार्ड स्किमिंग
  6. स्क्रीन शेयरिंग ऐप/रिमोट एक्सेस का इस्तेमाल कर धोखाधड़ी
  7. सिम स्वैप / सिम क्लोनिंग
  8. सर्च इंजन के माध्यम से परिणामों पर साख से समझौता करके धोखाधड़ी
  9. मनी म्यूल 
  10. ऑनलाइन जॉब फ्रॉड
  11. लॉटरी की धोखाधड़ी
  12. सोशल मीडिया पर प्रतिरूपण 
  13. क्यूआर कोड स्कैन के जरिए स्कैम 
  14. जूस जैकिंग

इन्ही साइबर ठगी के तरीकों में से एक तरीका है –

सोशल मीडिया पर प्रतिरूपण 

  1. जालसाज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के उपयोगकर्ताओं के विवरण जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर आदि का उपयोग करके नकली खाते यानी अकाउंट बनाते हैं
  2. ऐसे अकाउंट में आपके सोशल मीडिया अकाउंट से जानकारी और फोटो चुराकर उस नकली अकाउंट पर लगाते हैं।
  3. फिर उस अकाउंट से आपकी फ्रेंड लिस्ट में दोस्तों को ढूंढ कर सभी को फ्रेंड रिक्वेस्ट या फॉलो करने की रिक्वेस्ट भेजते हैं।
  4. आपके दोस्तों और परिवारजनों को लगता है कि हो सकता है यह आपका ही नया अकाउंट है और वह उसे एक्सेप्ट कर लेते हैं।
  5. इसके बाद जालसाज आपकी फ्रेंड लिस्ट में सभी लोगों को पर्सनल मैसेज भेजते हैं और उनसे बातचीत चालू करते हैं।
  6. इसके बाद जालसाज यूजर्स के दोस्तों को अर्जेंट चिकित्सा प्रयोजनों, भुगतान, आदि के लिए पैसे मांगने की रिक्वेस्ट भेजते हैं। 
  7. वे कहते हैं कि आप एयरपोर्ट पर फंस गए हैं या किसी दूसरे देश में फंस गए हैं या कोई एक्सीडेंट हो गया है तुरंत पैसे चाहिए हैं।
  8. आपके मित्र या रिश्तेदार उस मैसेज पर भरोसा करके उन जालसाजी के बैंक अकाउंट में या यूपीआई से पैसे भेज देते हैं।
  9. बाद में जब वह आपसे पूछते हैं तब उन्हें पता चलता है कि ऐसा कुछ हुआ ही नहीं और साइबर अपराधियों ने उन्हें ठग लिया है।

 

सावधानी

  1. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपनी व्यक्तिगत और गोपनीय जानकारी साझा न करें।
  2. अनजान व्यक्तियों को फ्रेंड रिक्वेस्ट ना भेजें नाही अनजान लोगों की फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करें।
  3. अपने सोशल मीडिया अकाउंट को लॉक करके रखें ताकि अनजान लोग आपके फोटो ना चुरा सके नाही स्क्रीनशॉट ले सकें।
  4. जब भी कोई फ्रेंड रिक्वेस्ट आए तो कंफर्म कर ले कि यह सही व्यक्ति के द्वारा बनाया गया असली अकाउंट है।
  5. अगर कोई फ्रेंड रिक्वेस्ट या मैसेज ऐसा आता है जिसमें वह कहते हैं कि मेरा पुराना अकाउंट हैक हो गया है, इसलिए मैंने यह नया अकाउंट बनाया है और आप फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर लीजिए तो इस बात की सत्यता की जांच कर लीजिए, क्योंकि वह सकता है यह किसी नए जालसाज का नकली अकाउंट हो।
  6. जो व्यक्ति एयरपोर्ट पर फसने या एक्सीडेंट होने की बात बता रहा है वह वास्तव में विदेश गया है या एक्सीडेंट हुआ है कि नहीं, यह जरूर कंफर्म कर ले। उस व्यक्ति के अन्य रिश्तेदारों से या दोस्तों से यह आसानी से कंफर्म किया जा सकता है।
  7. अनजान व्यक्तियों को ऑनलाइन भुगतान न करें।
  8. अगर आपको संदेह है कि यह आपके मित्र या रिश्तेदार का नकली अकाउंट है तो उस दोस्त को तुरंत सूचना दें और उस अकाउंट को ब्लॉक करवाएं।