ऑनलाइन बिक्री प्लेटफॉर्म का उपयोग कर सायबर धोखाधड़ी
हाल के वर्षों में खरीदारी और भुगतान के डिजिटल तरीकों के उपयोग में वृद्धि हुई है। इंटरनेट और तेज गति और सुलभता के कारण खरीदारी करना बहुत ही आसान हो गया है। लेकिन इस के साथ ही ऑनलाइन धोखाधड़ी की संख्या में भी वृद्धि दर्ज की गई है। जालसाज ठगने के नए–नए तरीके खोज रहे हैं, विशेष रूप से आम और भोले–भाले लोगों को उनकी गाढ़ी कमाई से ठगने के तरीके ईजाद कर रहे हैं। जो व्यक्ति खरीदारी के डिजिटल प्लेटफॉर्म के उपयोग में सतर्क नहीं हैं या ऐसे लोग जो तकनीकी वित्तीय इको–सिस्टम से पूरी तरह परिचित नहीं हैं, वे इस ठगी के तरीकों का आसान शिकार हो रहे हैं। इसलिए जालसाजों द्वारा अपनाई जाने वाली कार्यप्रणाली के बारे में जनता के बीच जागरूकता की अत्यंत आवश्यकता है।
आइए जानते हैं ऑनलाइन धोखाधड़ी के यह कौन-कौन से तरीके हैं –
- फ़िशिंग लिंक
- विशिंग कॉल
- ऑनलाइन बिक्री प्लेटफॉर्म का उपयोग कर धोखाधड़ी
- अज्ञात/असत्यापित मोबाइल ऐप्स के उपयोग के कारण धोखाधड़ी
- एटीएम कार्ड स्किमिंग
- स्क्रीन शेयरिंग ऐप/रिमोट एक्सेस का इस्तेमाल कर धोखाधड़ी
- सिम स्वैप / सिम क्लोनिंग
- सर्च इंजन के माध्यम से परिणामों पर साख से समझौता करके धोखाधड़ी
- मनी म्यूल
- ऑनलाइन जॉब फ्रॉड
- लॉटरी की धोखाधड़ी
- सोशल मीडिया पर प्रतिरूपण
- क्यूआर कोड स्कैन के जरिए स्कैम
- जूस जैकिंग
इन्ही सायबर ठगी के तरीकों में से एक आसान तरीका है –
ऑनलाइन बिक्री प्लेटफॉर्म का उपयोग कर धोखाधड़ी
आइये जानते हैं ऑनलाइन खरीदारी के सबसे प्रचलित कौन से प्लेटफॉर्म हैं –
- अमेज़ॉन (Amazon )
- फ्लिपकार्ट Flipkart
- मिंत्रा (Myntra )
- ओ. एल. एक्स (OLX)
- क्विकर (Quickr)
इन प्लेटफॉर्म पर सायबर ठगी का तरीका –
- जालसाज ऑनलाइन बिक्री प्लेटफॉर्म पर खरीदार या विक्रेता होने का नाटक करते हैं।
- कई बार जालसाज अपने आप को पुलिस,रक्षाकर्मी, एयरपोर्ट पे तैनात अधिकारी होने का झांसा देते हैं, ताकि लोग उन पर जल्दी भरोसा कर लें।
- जालसाज अपनी आई दी पर किसी पुलिस अधिकारी या सेना के अधियकारी की यूनिफॉर्म में फोटो भी लगाते हैं।
- वो आपको भुगतान करने के लिए QR कोड या फिर UPI आई डी देते हैं।
- लेकिन वो आपको पैसे देने के बजाय, वे “पैसे का अनुरोध करें” विकल्प का चुनते हैं।
- यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ऐप और जोर देकर कहते हैं कि विक्रेता अनुरोध को स्वीकार करता है
- यूपीआई पिन दर्ज करना। एक बार जब विक्रेता पिन दर्ज करता है, तो पैसे आपके खाते से कट जाते है।
सावधानी –
- जब आप ऑनलाइन बिक्री प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हुए उत्पाद खरीदते या बेचते हैं तो हमेशा सावधान रहें।
- हमेशा याद रखें कि पैसे प्राप्त करने के लिए आपको कहीं भी पिन/पासवर्ड डालने की जरूरत नहीं होती है।
- यदि यूपीआई या किसी अन्य ऐप के लिए आपको लेन–देन पूरा करने के लिए पिन दर्ज करने की आवश्यकता होती है, तो इसका मतलब है कि आप
इसे प्राप्त करने के बजाय पैसे भेज रहे हैं। - सिर्फ सेना के अधिकारी की फोटो लगी आई डी देख कर भरोसा न करें।