हम जो भी गूगल पर सर्च करते हैं उस पर बहुत जल्दी यकीन कर लेते हैं। हम गूगल पर मिलने वाली जानकारी वेरीफाई भी नहीं करते। अगर किसी वेबसाइट पर कुछ लिखा है यह वीडियो है हम उसे सच मान लेते हैं। इस प्रकार हम धोखे का शिकार हो जाते हैं।
ऑनलाइन नौकरी ढूंढते समय साइबर अपराधियों के चंगुल में कैसे आते हैं
नीचे दिए गए तरीकों को जानिए एवं समझिए कि आप ऑनलाइन नौकरी ढूंढते समय साइबर अपराधी आपको कैसे शिकार बनाते हैं
- साइबर अपराधी किसी सरकारी वेबसाइट से मिलती-जुलती नकली वेबसाइट बना सकते हैं
- ऐसी नकली वेबसाइट पर देश सरकारी विभाग का नाम प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री या किसी विभागीय मंत्री की फोटो लगाकर आपका भरोसा जीत सकते हैं
- किसी बड़ी कंपनी जैसे टाटा या d-mart या किसी बड़े संस्थान में नौकरी या इंटर्नशिप करने के लिए भी ऐसी नकली या फर्जी वेबसाइट बनाई जा सकती है
- इनकी फेसबुक ट्विटर और इंस्टाग्राम पेज भी बनाए जाते हैं ताकि लोगों का भरोसा हासिल किया जा सके
- इन वेबसाइटों पर नौकरी एवं रोजगार के अवसर बताए जाते हैं
- यह धोखेबाज आपसे साइबर धोखाधड़ी करने के लिए आपकी निजी जानकारी ऐसी वेबसाइट पर आपसे फॉर्म भरवा कर प्राप्त कर सकते हैं
- जब आप ऐसी नकली और फर्जी वेबसाइट पर अपनी जानकारी भरते हैं तो आप अपनी समस्त जानकारी और साइबर अपराधी को स्वयं ही दे देते हैं जिसका बाद दुरुपयोग करता है
- यह साइबर फ्रॉड कहीं दूर बैठे हुए आपको किसी ऐसे कंप्यूटर सॉफ्टवेयर या मोबाइल एप्लीकेशन को अपने कंप्यूटर लैपटॉप या मोबाइल में इंस्टॉल करने को कह सकते हैं जिससे वह आपके डिवाइस पर पूरी तरह से नियंत्रण प्राप्त कर सकते हैं उदाहरण के लिए एनीडेस्क सॉफ्टवेयर
- यह एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जो अगर आपने इंस्टॉल कर लिया और अपना एक्सेस याने अनुमति उस व्यक्ति को दे दी तो वह आपके डिवाइस को पूरी तरह से कंट्रोल कर सकता है उसका डाटा उड़ा सकता है करप्ट कर सकता है कि आप को ब्लैकमेल कर सकता है
- नौकरी या इंटर्नशिप के लिए आपसे पैसे की डिमांड कर सकते हैं
- प्रोसेसिंग फीस या फॉर्म के आवेदन के लिए भी आप से पैसे मांगे जा सकते हैं
- आवेदन प्रक्रिया पूरी करने के लिए आपसे ओटीपी मांगा जा सकता है
- यह असल में एक बैंक का ओटीपी होता है जिसके बाद आप के खाते से पूरा पैसा चुटकियों में साइबर अपराधी के खाते में पहुंच जाता है
https://www.guvn.org नाम की एक वेबसाइट है जिसका दावा है कि यह शासकीय विभाग द्वारा चलाई जा रही है। इस वेबसाइट पर यह दावा किया गया है कि गरीब कल्याण रोजगार अभियान, इंडिया जीओवी, नीति आयोग, मिनिस्ट्री ऑफ सोशल जस्टिस एंड एंपावरमेंट इसके पार्टनर हैं।
इस वेबसाइट पर प्रधानमंत्री नरेंद्री मोदी की फोटो के साथ विभाग का लोगो लगाया गया है जिससे कि वह आम जनता का विश्वास जीत सके। इसका फेसबुक पेज भी बनाया गया था जो अब डिलीट कर दिया गया है।
इस वेबसाइट पर एक फर्जी ईमेल और एक कस्टमर केयर नंबर भी दिया गया है। जहां से कोई साइबर अपराधी ही आपसे संपर्क करेगा। और आपको बातों में लेकर आसानी से ढक सकता है।
इस वेबसाइट पर कई राज्यों में कई तरह के सरकारी नौकरियों और पदों के लिए फर्जी विज्ञापन डाले गए हैं जैसे
- जिला उद्दमिता विकास अधिकारी,
- ब्लॉक उद्दमिता विकास अधिकारी,
- ग्राम उद्दमिता मित्र,
- डाटा एंट्री एक्जीक्यूटिव
इस वेबसाइट पर इन पदों में आवेदन करने के लिए आवेदक से 435 रुपये आवेदन शुल्क के नाम पर ऑनलाइन जमा कराए जाते हैं।
सरकार ने भी चेतावनी जारी की
ऑनलाइन नौकरी ढूंढते समय इस प्रकार के साइबर अपराध से कैसे बचे
- ऑनलाइन गूगल पर नौकरी सर्च करते समय सरकारी विभाग की केवल अधिकृत वेबसाइट पर ही जाए एवं ऑफिशियल वेबसाइट से ही नोटिफिकेशन डाउनलोड करें एवं पढ़ें
- वेबसाइट के डोमेन नेम को सावधानी से देखें
- सिर्फ gov.in या nic.in पर ही भरोसा करें, डॉट ओआरजी सिर्फ डॉट कॉम देखकर वेबसाइट को सही ना माने
- मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री या किसी अन्य मंत्री की फोटो देखकर यह ना मान ले कि यह किसी सरकारी विभाग की वेबसाइट है
- फर्जी वेबसाइट हो कि कस्टमर केयर नंबर या ईमेल पर कोई बातचीत ना करें
- किसी व्यक्ति के द्वारा कोई एप्लीकेशन इंस्टॉल करने की सलाह देने पर सावधान हो जाएं और ऐसी कोई एप्लीकेशन या सॉफ्टवेयर इंस्टॉल ना करें
- फर्जी वेबसाइट पर किसी प्रकार का ऑनलाइन या ऑफलाइन भुगतान ना करें चाहे आवेदन की राशि कितनी छोटी सी क्यों ना हो
- फेसबुक टि्वटर इंस्टाग्राम पर नौकरी के लिए आवेदन करें
- यदि किसी प्राइवेट कंपनी के लिए आवेदन कर रहे हैं तो उस कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं
- यदि किसी एजेंसी के माध्यम से आवेदन कर रहे हैं तो उस एजेंसी की सत्यता एवं विश्वसनीयता की जांच परख कर ले